सौरभ शर्मा के बाद MP में निकला दूसरा 'धन कुबेर'! लोकायुक्त की छापेमारी में 10 करोड़ से भी अधिक के काली कमाई का खुलासा, जानें पूरा मामला
Indore Lokayukta Raid: मध्यप्रदेश में रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के ठिकानों पर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा। इस छापे में टीम को अकूत संपत्ति की जानकारी हाथ लगी है।
Indore Lokayukta Raid
भोपाल। मध्य प्रदेश के लोकायुक्त विभाग ने बीते बुधवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और अलीराजपुर में सेवानिवृत्त जिला आबकारी अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की। इस कार्रवाई में टीम को सोने-चांदी, भूमि दस्तावेज, बीमा पॉलिसियां और तीन बैंक लॉकरों की जानकारी प्राप्त हुई है।
बताया जा रहा है कि, लोकायुक्त की टीम ने बीते बुधवार तड़के सुबह महानिदेशक योगेश देशमुख और इंदौर के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय के मार्गदर्शन में इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। कार्रवाई के दौरान धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के इंदौर स्थित कैलाशकुंज पलासिया के फ्लैट नंबर 201, 402 और 403 समेत कई स्थानों की तलाशी ली गई थी।
सोने-चांदी समेत अफरात धन
जिसमें टीम को फ्लैट नंबर 201 से 1.13 लाख रुपए नकद, 4.2 किलो सोना, 7.1 किलो चांदी, वाहन, साड़ियां, घड़ियां, हथियार, परफ्यूम और अन्य महंगे सामान समेत कुल 9.66 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है। इसके आलावा भदौरिया के बेटे और बेटी द्वारा करीब 2.85 करोड़ रुपए का उधार देने का एग्रीमेंट भी बरामद हुआ है। साथ ही लोकायुक्त टीम को 1,13,13,612 नकद, 5.48 करोड़ कीमत का 4 किलो 221 ग्राम सोना और 8.08 लाख कीमत की 7 किलो 128 ग्राम चांदी भी बरामद हुई है।
बताया जा रहा है कि, धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में भर्ती हुए थे और अगस्त 2025 में रिटायर हो गए थे। उन्होंने अपने करियर का ज्यादातर समय इंदौर में बिताया था, जिसके बाद वे कुछ समय के लिए अलीराजपुर में कार्यरत थे, जिसके बाद से वे कई विवादों में चल रहे थे। सूत्रों के अनुसार, भदौरिया के बच्चों ने फिल्मों में निवेश किया है और इंदौर में वे अपने नाम से एक प्रोडक्शन कंपनी भी चला रहे हैं।
टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए
इसके आलावा जांच टीम को इंदौर के यशवंत ग्रीन स्कीम नंबर 114 के फ्लैट एफ-401 से 50.32 लाख की संपत्ति बरामद हुई है। वहीं काउंटीवॉक कॉलोनी में 4700 वर्गफीट के भूखंड पर बना तीन मंजिला निर्माणाधीन मकान मिला है, जिसकी कीमत करीब 3.36 करोड़ रुपए आंकी गई है। इन सब के आलावा बिजनेस स्कीम पार्क में स्थित उनके कार्यालयों से भी कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए है। ग्वालियर में उनके पैतृक घर से 22.78 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति खुलासा हुआ है।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
जांच में यह बात सामने आई कि, धर्मेंद्र भदौरिया जिनकी अनुमानित वैध आय केवल 2 करोड़ रुपए के आसपास होनी चाहिए थी, की कुछ अचल संपत्ति 18.59 करोड़ रुपए की है। यानी उनके पास 829.66 प्रतिशत ज्यादा संपत्ति पाई गई, जो साफ तौर पर एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। इस छापेमार कार्रवाई से यह अनुमान लगाया रहा है कि, यह पूरा मामला भी एमपी के रिटायर्ड आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा मामले जैसा हो सकता है। फिलहाल, लोकायुक्त ने सभी दस्तावेज और साक्ष्य जब्त कर लिए हैं और अब आगे की जांच शुरू कर दी गई है।