कफ सिरप मामला: MP में 2 और बच्चों की हुई मौत; देर रात खरीद कर पिलाई थी ये आयुर्वेदिक दवाई..जानें पूरा मामला

Update: 2025-10-31 11:45 GMT

Kasamrit Cough Syrup Case

भोपाल। मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जहाँ बीते दिनों कोल्डड्रिफ कफ सिरप मामले ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा रखा था, वहीं अब एक और नए कफ सिरप से दो बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। मामला छिंदवाड़ा के बिछुआ थाना क्षेत्र का है, जहाँ पुलिस ने इस पर मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जाँच में जुटी हुई है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला छिंदवाड़ा के बिछुआ थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 12 अंबेडकर वार्ड का है। जहाँ बीते कुछ दिनों पहले संदीप मिनोटे नामक शख्स की बेटी रूही कई दिनों से बीमार चल रही थी। जिसके इलाज के लिए परिजन इसे अस्पताल ले गए थे। जहाँ 27 अक्टूबर को बच्ची की सर्दी-खाँसी बढ़ने लगी, जिसके बाद उसे कुरेठे मेडिकल स्टोर रेफर किया गया था।

मेडिकल संचालक ने भी बिना डॉक्टर की पर्ची देखे आयुर्वेदिक कफ सिरप ‘कासामृत’ और 16 पुड़िया दवाएँ दे दीं। जिसके बाद उसने कहा कि, सब ठीक हो जाएगा। स्टोर संचालक की बात सुन परिजन भी शांत हो गए, और उन्होंने घर आकर बच्ची को दवाएँ दीं, जिसके बाद अचानक बच्ची की तबीयत और भी बिगड़ने लगी। वहीं, बीते गुरुवार को सुबह बच्ची की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत थाने में की। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच की कार्रवाई में जुट गई और इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची।

मामले में पुलिस की कार्रवाई

मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि, बच्ची को पिछले दो से तीन दिनों से सर्दी-खाँसी थी। बिना किसी चिकित्सीय जाँच व परामर्श के प्राइवेट कुरेठे मेडिकल स्टोर बिछुआ से कासामृत सिरप (Kasamrit Syrup), बैच नंबर केएमएसएल 2402, लिया जो कि शिवायु कंपनी का था। इसके साथ ही दवाइयों की पुड़िया ली थी। जिसके बाद बच्ची की मौत हो गई। रूही के पिता संदीप का कहना है कि, हम अस्पताल गए थे, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था। मेडिकल वाले ने कहा था कि, ये दवा सही है, पर उसी के बाद हमारी बच्ची की हालत खराब हो गई। परिजनों ने सिविल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया और पुलिस से शिकायत की है।

सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे ने बताया कि, जाँच के लिए सभी सैंपल आयुष विभाग की स्टेट लैब ग्वालियर भेजे जा रहे हैं। पुड़िया में एलोपैथिक दवाओं के मिलाए जाने की आशंका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, आयुर्वेदिक दवा से मौत की संभावना बहुत कम होती है। संभव है कि इन पुड़ियों में एलोपैथिक दवाओं का मिश्रण किया गया हो, जिसके बाद से इस मामले की जाँच जारी है।

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