Kangana Ranaut Controversy: सांसद कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, किसान संगठन ने भेजा मानहानि का नोटिस, 2 करोड़ और माफी की मांग
Kangana Ranaut Controversy: फिल्म अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को किसान संघर्ष समिति (Kisan Sangharsh Samiti) ने उनके किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान के बाद मानहानि का नोटिस (sent defamation notice) भेजा है।
Kangana Ranaut Controversy: फिल्म अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को किसान संघर्ष समिति (Kisan Sangharsh Samiti) ने उनके किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान के बाद मानहानि का नोटिस (sent defamation notice) भेजा है। उन्हें एक सप्ताह में अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर समिति उनके खिलाफ आपराधिक और सिविल मामला दायर करेगी। नोटिस में कंगना से दो करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति की मांग भी की गई है।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम ने मंगलवार को अपने वकील गुरुदत्त शर्मा के माध्यम से यह नोटिस भेजा है। रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए नोटिस में किसान संघर्ष समिति ने कंगना के बयान को बेहद आहत करने वाला बताया है। यह नोटिस उनके मनाली स्थित पते पर भेजा गया है, जिसमें पक्षकार किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर सुनीलम को बनाया गया है।
गौरतलब है कि कंगना रनौत ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी। यहां किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ, वो सबने देखा। कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर वॉयलेंस फैलाया गया। वहां रेप हो रहे थे, मार कर लाशों को लटकाया जा रहा था। जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया, वर्ना कुछ भी कर सकते थे।
कंगना रनौत के इसी बयान से किसान आंदोलन से जुड़ी किसान संघर्ष समिति ने नाराजगी जताई है। मानहानि का नोटिस भेजते हुए एक हफ्ते के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। समिति का कहना है कि कंगना का यह बयान देश के किसानों, अन्नदाताओं को अपमानित करने वाला और आपत्तिजनक है।
नोटिस में कहा गया है कि आपका ये बयान देश के किसानों, अन्नदाताओं को अपमानित, जलील और नीचा दिखाने का होकर काफी अभद्र और आपत्तिजनक है, जो हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा ने 380 दिनों तक पूरी तरह शान्तिपूर्वक लोकतांत्रिक और अहिंसक आंदोलन चलाया। आंदोलन में 750 किसान भी शहीद हुए थे। आपका उक्त वक्तव्य वास्तव में किसान विरोधी होना साबित होता है।