Ji Ram Ji Bill Protest Indore : इंदौर में जी राम जी बिल पर आर-पार : गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस का झांझ-मंजीरा प्रदर्शन; गांधी का नाम हटाने पर भड़का सियासी आक्रोश
Ji Ram Ji Bill Protest Indore : देश की संसद से जी राम जी बिल पास होने के बाद अब इसकी तपिश सड़कों पर महसूस की जाने लगी है। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Ji Ram Ji Bill Protest Indore : इंदौर में जी राम जी बिल पर आर-पार : गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस का झांझ-मंजीरा प्रदर्शन; गांधी का नाम हटाने पर भड़का सियासी आक्रोश
Ji Ram Ji Bill Protest Indore : इंदौर : देश की संसद से जी राम जी बिल पास होने के बाद अब इसकी तपिश सड़कों पर महसूस की जाने लगी है। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज सोमवार को रीगल चौराहे पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झांझ-मंजीरे बजाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार इस बिल के बहाने मनरेगा (MGNREGA) से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाकर उनकी विचारधारा को मिटाने की साजिश रच रही है।
Ji Ram Ji Bill Protest Indore : झांझ-मंजीरे बजाकर जगाया सरकार को
इंदौर के रीगल चौराहे पर नजारा आम दिनों से अलग था। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हाथों में झांझ और मंजीरे लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस ने संदेश दिया कि सरकार नाम बदलने की राजनीति में व्यस्त है, जबकि गरीब और मजदूर आज भी बुनियादी हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे 'गांधी बनाम गोडसे' की विचारधारा की लड़ाई करार दिया।
Ji Ram Ji Bill Protest Indore : गांधी की सोच को मिटाने की कोशिश
कांग्रेस का सीधा आरोप है कि 'जी राम जी' बिल के माध्यम से मनरेगा का स्वरूप बदलने की कोशिश की जा रही है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, "महात्मा गांधी ने गांव, गरीब और मजदूर को आत्मसम्मान और रोजगार का अधिकार दिया था। सरकार भगवान राम के नाम का सहारा लेकर गांधी जी के नाम को योजना से हटा रही है। यह सिर्फ नाम बदलना नहीं है, बल्कि देश के गरीबों और मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला है। यह गोडसे की विचारधारा वाले लोगों की गांधीवादी सोच को खत्म करने की एक गहरी साजिश है।"
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों पर प्रहार
प्रदर्शन में ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े भी शामिल हुए। उन्होंने किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए कहा, आज का किसान हर मोर्चे पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। चाहे खाद की किल्लत हो, बिजली की समस्या हो या फसल मुआवजे की बातसरकार ने हर जगह किसानों को सिर्फ आश्वासन दिया है। भाजपा ने किसानों के साथ जो धोखा किया है, उसका जवाब आने वाले समय में ग्रामीण जनता जरूर देगी।
महिला कांग्रेस का कड़ा रुख : रोजी-रोटी पर संकट
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीना बोसी ने भी इस बदलाव को मजदूर विरोधी बताया। उन्होंने तकनीकी पहलुओं पर चिंता जताते हुए कहा, मनरेगा में पहले मजदूरों को काम की शत-प्रतिशत गारंटी थी। अब केंद्र और राज्यों के बीच बजट का जो नया गणित (50% और 40%) पेश किया जा रहा है, वह असल में मजदूरों को मिलने वाले लाभ को कम करने का तरीका है। इससे गरीबों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ेगा। हम इस मजदूर विरोधी फैसले का सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेंगे।
सियासी टकराव के बढ़ते आसार
कांग्रेस नेताओं ने सामूहिक रूप से चेतावनी दी है कि इंदौर का यह प्रदर्शन तो महज एक शुरुआत है। यदि सरकार ने मनरेगा के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ की और गांधी जी के नाम को हटाने का फैसला वापस नहीं लिया, तो इस आंदोलन को उग्र किया जाएगा।
मुख्य चिंताएं जो प्रदर्शन में सामने आई
गांधी जी का नाम हटाकर योजना के ऐतिहासिक महत्व को कम करना। केंद्र और राज्य के बीच फंडिंग के नए नियमों से योजना के कमजोर होने का डर। विपक्ष को अंदेशा है कि नए बदलावों से रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे।
इंदौर से शुरू हुआ यह विरोध संकेत दे रहा है कि 'जी राम जी' बिल को लेकर आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में राजनीतिक घमासान और तेज होगा। भाजपा जहां इसे एक सुधार बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे अस्मिता और हक की लड़ाई बनाकर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है।