Indore Contaminated Water Deaths: स्वच्छ शहर इंदौर में पानी से मौतें, भागीरथपुरा में 8 लोगों की गई जान, 100 से ज्यादा बीमार, शहर में हड़कंप

Indore Contaminated Water Deaths: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दूषित पानी से 8 लोगों की मौत हो गई। भागीरथपुरा इलाके में हैजा की पुष्टि के बाद सप्लाई बंद कर दी गई है और टैंकरों से पानी बांटा जा रहा है।

Update: 2025-12-31 08:27 GMT

Indore Contaminated Water Deaths: मध्य प्रदेश का इंदौर बीते कई वर्षों से देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल करता रहा है अब दूषित पेयजल के कारण गंभीर संकट में है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में गंदा पानी पीने से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग बीमार बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को स्थिति की गंभीरता का अंदाजा तब हुआ, जब सोमवार को उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ 100 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे। इसके बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया।

शिकायतों के बावजूद देर से जागा प्रशासन

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से गंदे पानी की शिकायत नगर निगम और प्रशासन से की जा रही थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 दिसंबर को उल्टी-दस्त से पहली मौत के बाद भी इलाके में अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। सोमवार को जब 34 मरीज एक साथ अस्पताल में भर्ती हुए, तब प्रशासन हरकत में आया। चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती तीन साल के बच्चे की जांच रिपोर्ट में हैजा की पुष्टि हुई है। फिलहाल अस्पताल में इसी इलाके के पांच बच्चे भर्ती हैं।

कैसे पेयजल लाइन में मिला गंदा पानी

नगर निगम की जांच में सामने आया कि जिस मेन पाइपलाइन से भागीरथपुरा में पानी सप्लाई होता है, उसके ऊपर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ था। मुख्य लाइन फूटने के कारण शौचालय का गंदा पानी सीधे पेयजल पाइप में मिल गया और लोगों के घरों तक पहुंचता रहा। इलाके में अन्य स्थानों पर भी पानी की लाइन टूटी हुई मिली है। इसके बाद एहतियात के तौर पर भागीरथपुरा में नर्मदा नदी के पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है और फिलहाल टैंकरों से पानी बांटा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग का सर्वे, राजनीतिक प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आया है कि इलाके के अधिकतर घरों में उल्टी-दस्त के मरीज मौजूद हैं। यह क्षेत्र इंदौर के उस विधानसभा क्षेत्र में आता है जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय करते हैं और साथ ही राज्य सरकार में नगरीय विकास और आवास मंत्री हैं। घटना पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने और सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने का ऐलान किया है।

जांच जारी, जिम्मेदारी तय करने की मांग

प्रशासन ने दूषित पानी की आपूर्ति से जुड़े पूरे नेटवर्क की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है और इलाके में मेडिकल टीमें तैनात हैं।

Tags:    

Similar News