Bhopal Chipko Movement: भोपाल में चिपको आंदोलन, पेड़ से लिपटकर रोने लगी महिलाएं, मंत्रियों के बंगले के लिए काटे जाएंगे 29 हजार पेड़

Bhopal Chipko Movement: पर्यावरण की रक्षा के लिए साल 1973 में उत्तराखंड में महिलाओं ने चिपको आंदोलन चलाया था. अब ऐसा ही आंदोलन मध्यप्रदेश के भोपाल में शुरू किया गया है. 29,000 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए सैकड़ों नागरिक चिपको आंदोलन चला रहे है.

Update: 2024-06-15 07:46 GMT

Bhopal Chipko Movement: भोपाल। पर्यावरण की रक्षा के लिए साल 1973 में उत्तराखंड में महिलाओं ने चिपको आंदोलन चलाया था. अब ऐसा ही आंदोलन मध्यप्रदेश के भोपाल में शुरू किया गया है. 29,000 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए सैकड़ों नागरिक चिपको आंदोलन चला रहे है. 

भोपाल में चिपको आंदोलन

जानकारी के मुताबिक़, भोपाल के तुलसी नगर व शिवाजी नगर में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी चिपको आंदोलन किया. पिछले तीन दिन से यह जारी है. शुक्रवार को पेड़ों को कटने से बचाने के लिए शिवाजी नगर में नूतन कॉलेज के पास लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. जिसमे आम नागरिक से लेकर कांग्रेस नेता और पर्यावरणविद् तक शामिल रहे. इस दौरान  पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधे गए. साथ ही सीनियर सिटीजन फोरम, नेशनल सेंटर फॉर ह्यूमन सेटलमेंट एंड एनवायरनमेंट और अन्य पर्यावरणविदे ने बैठक की.

पेड़ से लिपटकर रोई महिलाए

गुरूवार 13 जून को भी महिलाए पेड़ से चिपक गए और भावुक होकर रो पड़े. उन्होंने कहा इन पेड़ों को अपने बच्चों की तरह पाला पोसा है. पेड़ हमारे बुजुर्गों ने लगाए हैं, इन्हे हमने बढ़ते देखा है. इनकी बलि चढ़ते नहीं देख सकते. 

क्या है मामला 

बता दें, भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर को विधायकों और मंत्रियों के लिए नए बंगलों के निर्माण के लिए चुना गया है. करीब 29 हजार पेड़ों को काटकर यहाँ बंगले बनाये जाएंगे. लोगों का कहना है सरकार के पास स्मार्ट सिटी के लिए 340 एकड़ जमीन है.वहां निर्माण करें. पहले भोपाल में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा चुके हैं. अब नहीं काटने दिया जायेगा. पर्यावरण कार्यकर्ता उमाशंकर तिवारी ने बताया कि 29,000 पेड़ों को कटने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एनजीटी, मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा गया है. 

29,000 पेड़ काटे जाएंगे  

बता दें यहाँ 297 एकड़ जमींन पर मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और 230 विधायकों के लिए फ्लैट बनाए जाएंगे. इसके अलावा और भी भवनों का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए 29,000 पेड़ों को काटा या शिफ्ट किया जाएगा. 


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