Bhopal Aviator Game Suicide : ऑनलाइन सट्टे की भेंट चढ़ी एक और जिंदगी : भोपाल में एविएटर गेम के चक्कर में ठेकेदार ने गंवाए 30 लाख, फिर लगा ली फांसी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के काले सच को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
Bhopal Aviator Game Suicide : ऑनलाइन सट्टे की भेंट चढ़ी एक और जिंदगी : भोपाल में एविएटर गेम के चक्कर में ठेकेदार ने गंवाए 30 लाख, फिर लगा ली फांसी
Bhopal Aviator Game Suicide : भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के काले सच को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अयोध्या नगर थाना क्षेत्र के शारदा नगर में रहने वाले एक 32 वर्षीय होनहार सिविल ठेकेदार ने ऑनलाइन सट्टेबाजी की भेंट चढ़कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान शिवान गुप्ता के रूप में हुई है, जिन्होंने एविएटर (Aviator) नामक एक चर्चित ऑनलाइन गेम के चक्कर में न केवल अपनी मेहनत की कमाई लुटाई, बल्कि लाखों के कर्ज में डूबने के बाद मौत को गले लगा लिया।
Bhopal Aviator Game Suicide : कैसे शुरू हुआ बर्बादी का खेल?
शिवान गुप्ता पेशे से एक सफल सिविल कॉन्ट्रैक्टर थे और शहर में मकान निर्माण के ठेके लेते थे। उनके पास काम की कमी नहीं थी और परिवार में सब कुछ खुशहाल था। पुलिस जांच और सुसाइड नोट से खुलासा हुआ है कि शिवान को कुछ समय पहले एविएटर गेम की लत लग गई थी। शुरुआत में छोटे मुनाफे के लालच ने उन्हें इस खेल का ऐसा आदि बनाया कि वह अपनी सुध-बुध खो बैठे। जब अपनी जमा-पूंजी खत्म होने लगी, तो उन्होंने हार की भरपाई करने के चक्कर में बाजार से ऊंचे ब्याज पर उधार लेना शुरू कर दिया। देखते ही देखते उन पर 30 लाख रुपए का भारी-भरकम कर्ज चढ़ गया।
Bhopal Aviator Game Suicide : सुसाइड नोट में छलका दर्द : हार गया हूँ मैं
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। छानबीन के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जो इस मौत की पूरी कहानी खुद बयां कर रहा है। सुसाइड नोट में शिवान ने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि वह ऑनलाइन एविएटर गेम की लत के कारण अपनी पूरी जिंदगी तबाह कर चुका है। उसने 30 लाख रुपए के नुकसान और लेनदारों के बढ़ते दबाव का जिक्र करते हुए माफी मांगी है। पुलिस ने इस सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और मृतक का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किस ऐप या वेबसाइट के जरिए यह जुआ खेल रहा था।
शादी की चल रही थी तैयारी, घर में छाया मातम
शिवान के परिजनों के लिए यह वज्रपात से कम नहीं है। परिजनों ने बताया कि तीन महीने पहले तक सब कुछ सामान्य था। घर में शिवान की शादी की चर्चा चल रही थी, उसके लिए लड़की देखी जा रही थी। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि शिवान के भीतर किस कदर तनाव का तूफान चल रहा है। वह अपनी इस लत को परिवार से छिपाए रहा। धीरे-धीरे वह गुमसुम रहने लगा था, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह ऐसा खौफनाक कदम उठा लेगा।
साइबर पुलिस की एंट्री: सट्टेबाजी के नेटवर्क पर नजर
भोपाल पुलिस अब इस मामले में साइबर सेल की मदद ले रही है। सट्टेबाजी वाले ऐसे गेम्स अक्सर अवैध विदेशी सर्वरों से संचालित होते हैं। पुलिस यह जांच कर रही है कि शिवान ने किन-किन लोगों को यूपीआई (UPI) या बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसे भेजे थे। उन खातों की भी जांच की जा रही है जहाँ से यह पूरा नेटवर्क संचालित हो रहा था। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट में कुछ लेनदारों के भी नाम हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी।
मनोवैज्ञानिकों की चेतावनी: लालच नहीं, यह मानसिक जाल है
विशेषज्ञों के अनुसार, एविएटर जैसे गेम्स गैम्बलर्स फैलेसी (Gambler's Fallacy) पर आधारित होते हैं। इसमें एल्गोरिदम इस तरह सेट किया जाता है कि खिलाडी को लगता है कि अगली बार वह पक्का जीत जाएगा। यही 'उम्मीद' उसे कर्ज के दलदल में धकेल देती है। जब व्यक्ति लाखों रुपए हार जाता है, तो उसके दिमाग में डोपामाइन का स्तर असंतुलित हो जाता है, जिससे वह अत्यधिक तनाव और डिप्रेशन का शिकार होकर आत्महत्या जैसे कदम उठाता है।
विशेष सावधानी और अपील: मौत का खेल है ऑनलाइन सट्टा
ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के बढ़ते मामलों को देखते हुए जनहित में जारी ये सावधानियां जरूर पढ़ें:
झूठे विज्ञापनों से बचें: सोशल मीडिया पर आने वाले घर बैठे लाखों कमाएं या जैकपॉट जीतें जैसे विज्ञापनों से दूर रहें। ये पूरी तरह से फ्रॉड होते हैं।
एल्गोरिदम को समझें : ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप्स को इस तरह बनाया जाता है कि अंत में जीत हमेशा कंपनी की ही होती है। आप कभी भी मशीन को नहीं हरा सकते।
वित्तीय अनुशासन : कभी भी जुआ खेलने के लिए उधार न लें। यदि आप अपनी बचत का छोटा हिस्सा भी हार रहे हैं, तो तुरंत ऐप को अनइंस्टॉल करें और किसी विश्वसनीय मित्र या परिवार को बताएं।
लक्षणों को पहचानें: यदि आपके परिवार का कोई सदस्य अचानक गुमसुम रहने लगा है, बार-बार पैसे मांग रहा है या मोबाइल में ज्यादा समय बिता रहा है, तो उससे बात करें। यह सट्टे की लत का संकेत हो सकता है।
मदद लें: यदि आप कर्ज या लत के कारण तनाव में हैं, तो हेल्पलाइन नंबरों या मनोचिकित्सक से सलाह लें। याद रखें, पैसा वापस कमाया जा सकता है, लेकिन जिंदगी नहीं।