Dhanbad News: धनबाद में अल्पसंख्यक समुदाय की कमेटी ने एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का किया ऐलान

Dhanbad News: धनबाद के पुटकी में मुस्लिम समाज की 16 पंचायतों की कमेटी ने एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी किया है। इस फरमान को लेकर इलाके में बाकायदा लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी भी की गई है। जिस परिवार के बहिष्कार की मुनादी की गई है, वह पुटकी के तीन नंबर इलाके में रहता है।

Update: 2023-09-20 12:37 GMT

Dhanbad News: धनबाद के पुटकी में मुस्लिम समाज की 16 पंचायतों की कमेटी ने एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी किया है। इस फरमान को लेकर इलाके में बाकायदा लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी भी की गई है। जिस परिवार के बहिष्कार की मुनादी की गई है, वह पुटकी के तीन नंबर इलाके में रहता है।

परिवार के मुखिया का नाम फारुख अंसारी उर्फ फिदा हुसैन है। मुस्लिम पंचायतों की कमेटी ने कहा है कि उनके पूरे परिवार से अगर कोई भी व्यक्ति किसी तरह का संपर्क रखता है, उनसे बात करता है तो उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। मुस्लिम कमेटी के लोगों ने इस परिवार में निकाह से मैयत तक उनके घर में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। बहिष्कार झेल रहे परिवार ने पुलिस में लिखित आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है।

मुस्लिम पंचायतों की कमेटी का कहना है कि फारुख अंसारी उर्फ फिदा हुसैन ने अपने भाई और उनके परिवार को वाजिब हक से वंचित रखा है। फारुख अंसारी का परिवार आठ कमरे के मकान में रहता है, जबकि उसने अपने सगे भाई बशीर अंसारी के परिवार को मात्र एक कमरा दिया है, जिसमें शौचालय तक नहीं है।

बशीर अंसारी की दो जवान बेटियां हैं। उनके शौचालय के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी है। कई बार कमेटी में बुलाकर समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन, उसने कमेटी की बात नहीं मानी। अंत में बैठक कर सर्वसम्मति से उनके सामाजिक बहिष्कार का फैसला किया गया है।

इस मामले को धनबाद के पत्रकारों ने झारखंड के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री हफीजुल हसन के संज्ञान में लाया तो उन्होंने कहा है कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है। फिर भी जैसा कि बताया जा रहा है, अगर एक भाई का परिवार आठ कमरे के मकान में रहता है और दूसरे भाई के परिवार के पास मात्र एक कमरा है तो उसके खिलाफ समाज द्वारा लिया गया यह फैसला सही है। ऐसे मामलों में कानून से ज्यादा समाज के नियमों से ही सुधार हो सकता है।

बहिष्कार झेल रहे मो. फारुख ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि सारी संपत्ति उन्होंने अपनी कमाई से अर्जित की है। नौकरी के दौरान उन्होंने सभी की मदद की। अब मुस्लिम कमेटी एकतरफा निर्णय ले रही है। मोहल्ले में उनकी दुकान है। बच्चे दुकान पहुंचते हैं। उन्हें भी दुकान से सामान खरीदने से मना कर दिया जा रहा है।

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