ED Arrested Minister Alamgir Alam: ईडी ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को किया गिरफ्तार, नौकर के घर से मिला था 37 करोड़ कैश...

ED Arrested Alamgir Alam: प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीए के नौकर के यहां से ईडी को 37 करोड़ की नगदी बरामद हुई थी। ईडी ने दो दिनों की पूछताछ के बाद आज पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने उन्हें ईडी की मांग पर 6 दिन के लिए ईडी हिरासत में भेजा है।

Update: 2024-05-15 16:27 GMT

ED Arrested Minister Alamgir Alam रांची। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को आज प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. आलमगीर आलम से पहले उनके पीए संजीव लाल और उसके निजी सहायक जहांगीर को भी ईडी ने गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले दो दिनों तक ईडी ने मंत्री से पूछताछ की है।

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर के पास करोड़ों रुपए ईडी को रेड में मिली थी। जहांगीर के घर 37 करोड रुपए से अधिक का कैश बरामद किया गया था। इस मामले में जहांगीर आलम को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए कल मंगलवार को रांची के हिनू में स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया गया था। आलमगीर आलम से लगभग 12 घंटे की पूछताछ के बाद रात 9 बजे छोड़ा गया था।

ईडी के अधिकारियों ने उनसे उनके विभाग में टेंडर देने के लिए कमीशनखोरी पर सवाल पूछे थे। धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत उनका बयान भी दर्ज किया गया था। उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों के आय–व्यय का ब्यौरा भी मांगा गया था। उनके निजी सचिव और नौकर के बारे में भी पूछताछ की गई थी।

आज फिर से ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था सुबह 11 बजे ग्रामीण विकास मंत्री आलम ईडी के कार्यालय पहुंचे। पत्रकारों ने जब बाहर उनसे सवाल पूछा तब उन्होंने कहा कि मुझे आज भी बुलाया है इसलिए मैं आया हूं। आज भी घंटों पूछताछ के बाद कांग्रेस नेता आलम को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बारे में ईडी का कहना है कि कांग्रेस नेता जांच व पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। गिरफ्तारी की खबर सुन आलमगीर आलम से मिलने उनकी मां और बेटी ईडी दफ्तर पहुंची।

मंत्री की गिरफ्तारी के बाद ईडी कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई। 70 वर्षीय आलम को गिरफ्तार करने से पहले डॉक्टर से उनकी जांच भी करवाई गई। डॉक्टर ने बताया कि उनका ब्लड, शुगर बढ़ा हुआ है पर उसे नियंत्रित करने के लिए दवा दे दी गई है।

6 दिन की मांगी रिमांड

गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में पेश किया गया। उन्हें अदालत में पेश करके ईडी ने बताया था कि झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से टेंडरों पर कमीशन इक्ट्ठा किया था। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ऊपर से नीचे तक अवैध नकद भुगतान सांठगांठ में कथित रूप में शामिल थे। ईडी ने आगे बताया कि निविदाओं और इंजीनियरों से कमीशन की वसूली के बाद कमीशन का कुछ प्रतिशत सरकार के उच्च अधिकारियों को वितरित किया जाता था। मामले में कई वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। इसकी जांच की जा रही है। ईडी ने कहा कि भुगतान आमतौर पर नकदी में प्राप्त किया जाता था, जिसे बाद में सफेद कर दिया जाता था। इस पूरे गुनाह का खुलासा होना महत्वपूर्ण है। ईडी ने दावा किया कि लाल और आलम ने अवैध धन को विभिन्न स्थानों पर छिपाया था। आलम के नाम पर पंजीकृत दो वाहन भी परिसर में पाए गए, जहां छापामारी की गई थी। ईडी ने तमाम दलील देते हुए दोनों आरोपियों की हिरासत मांगी, जिसे न्यायाधीश ने मानते हुए दोनों को छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था।

कौन हैं आलमगीर आल

पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चार बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव में विजयी रहे आलमगीर आलम इन दिनों झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास विभाग का संभाल रहे थे। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। सरपंच का चुनाव जीत कर राजनीति में प्रवेश करने वाले आलमगीर आलम ने 2000 में पहली बार पाकुड़ से जीत हासिल की। 2005 में भी वे दूसरी बार विजयी रहे, लेकिन 2009 में जेएमएम के अकील अख्तर ने उन्हें पराजित कर दिया। लेकिन फिर 2014 और 2019 में आलमगीर आलम पाकुड़ से फिर विजयी रहे। आलमगीर आलम हेमंत सोरेन सरकार में भी ग्रामीण विकास मंत्री का प्रभार संभाल रहे थे और चंपाई सोरेन सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया

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