Alamgir Alam News: आलमगीर आलम ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, 37 करोड़ के कैशकांड मामले में जेल में हैं बंद

Alamgir Alam News: झारखंड में कैश कांड और टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला मामले में जेल में बंद कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. राजभवन ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है

Update: 2024-06-11 11:05 GMT

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Alamgir Alam News: रांची। झारखंड में कैश कांड और टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला मामले में जेल में बंद कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. राजभवन ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. आलमगीर ने इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी को भेजा है.

देखें इस्तीफा पत्र...


आलमगीर आलम ने दिया इस्तीफा 

जानकारी के मुताबिक़, आलमगीर आलम ने शनिवार 8 जून को ही इस्तीफा दे दिया था. और उसी दिन इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया था. लेकिन जेल मैनुअल की वजह से सोमवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के कार्यालय पहुंचा. आलमगीर आलम संसदीय कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग संभाल रहे थे. बता दें बीते 7 जून को झारखण्ड सरकार ने आलमगीर आलम से सभी विभाग वापस ले लिए थे. 

मुख्यमंत्री को मिले विभाग 

आलमगीर आलम के ये चारों विभाग खुद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सम्भालेंगे. मुख्यमंत्री के पास पहले से ही मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग है. 

इस मामले में जेल में है बंद

बता दें, ईडी ने टेंडर आवंटन कमीशन घोटाला मामले में मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल और उसके घरेलू नौकर जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों की तलाशी ली थी. छापेमारी में 37 करोड़ से ज्यादा कैश मिले थे. जिसके बाद इसी माह मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया गया था. तब से आलमगीर रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद है.

कौन है आलमगीर आलम

पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चार बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव में विजयी रहे आलमगीर आलम झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास विभाग का संभाल रहे थे, इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. सरपंच का चुनाव जीत कर राजनीति में प्रवेश करने वाले आलमगीर आलम ने 2000 में पहली बार पाकुड़ से जीत हासिल की. 2005 में भी वे दूसरी बार विजयी रहे, लेकिन 2009 में जेएमएम के अकील अख्तर ने उन्हें पराजित कर दिया. लेकिन फिर 2014 और 2019 में आलमगीर आलम पाकुड़ से फिर विजयी रहे. आलमगीर आलम हेमंत सोरेन सरकार में भी ग्रामीण विकास मंत्री का प्रभार संभाल रहे थे और चंपाई सोरेन सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया.


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