रेप मामले में IAS जेपी पाठक की मुश्किलें बढ़ी….अब एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी हुआ मामला दर्ज….कलेक्टर रहते चैंबर में ही बलात्कार का लगा था आरोप… 4 जून को हुई थी FIR दर्ज

Update: 2020-06-13 13:16 GMT
रेप मामले में IAS जेपी पाठक की मुश्किलें बढ़ी….अब एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी हुआ मामला दर्ज….कलेक्टर रहते चैंबर में ही बलात्कार का लगा था आरोप… 4 जून को हुई थी FIR दर्ज
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जांजगीर 13 जून 2020। IAS जनक प्रसाद पाठक की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। पहले ही बलात्कार की धाराओं में पूर्व कलेक्टर जनक पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जा चुका था, अब उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता के जाति प्रमाण पत्र पेश करने के बाद ये नयी धारा जोड़ी गयी है। पुलिस ने मामले में आइएएस जनक पाठक के खिलाफ धारा 376, 509 ख और 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया था। जाति प्रमाण पत्र पेश करने के बाद एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी जुर्म दर्ज कर लिया गया है।

छत्तीसगढ़ के IAS पर बलात्कार का लगा संगीन आरोप….कलेक्टर चैंबर में ही संबंध बनाने की शिकायत….अश्लील चैट व फोन रिकार्डिंग भी किया पेश

आपको बता दें कि जांजगीर कलेक्टर रहते IAS पाठक पर रेप का गंभीर आरोप लगा था। आरोप है कि कलेक्टर ने अपने चैंबर में भी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाये थे। इस मामले में 4 जून को महिला की शिकायत के बाद IAS के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में FIR दर्ज करायी गयी थी। महिला का आरोप था कि वो एक काम के सिलसिले में तत्कालीन कलेक्टर के पास गयी थी, लेकिन उन्होंने उसे प्रलोभन देकर उसका बलात्कार किया।

IAS जनक पाठक सस्पेंड… बलात्कार मामले में मुख्यमंत्री ने दिया चीफ सिकरेट्री को उच्च स्तरीय जांच के आदेश

महिला का कहना था कि 15 मई को कलेक्टर ने अपने चैंबर के रेस्ट रूम में उसका बलात्कार किया था। साथ ही इस बात की धमकी भी दी थी कि अगर उसने कहीं शिकायत की तो उसके शिक्षक पति को नौकरी के बर्खास्त करवा देंगे। महिला एनजीओ के काम के सिलसिले में कलेक्टर से लगातार मिल रही थी, इसी का बेजा फायदा उठाकर कलेक्टर उसका रेप किया।

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कलेक्टर के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए महिला ने ना सिर्फ चैट के स्क्रीन शॉट, बल्कि मैसेज और अश्लील तस्वीरें भी प्रस्तुत की थी। इस मामले को राज्य सरकार ने भी काफी गंभीरता से लिया था और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तत्काल प्रभाव से IAS को सस्पेंड भी किया गया था, साथ ही उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिये गये थे।

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