Why Did Period Come Early? : समय से पहले नन्हीं फूल हो रही "रजस्वला"... कहीं मोटापा और जंकफूड तो कारण नहीं... संभल जाएं मम्मियां

पीरियड्स लड़कियों के जीवन का एक अभिन्न अंग हैं. हर लड़की को महीने में एक बार पीरियड्स आते हैं और यह एक आम बात है, लेकिन अगर यह प्रक्रिया छोटी उम्र में ही होने लगे तो चिंता का विषय है.

Update: 2024-09-17 10:14 GMT

Why Did Period Come Early? : हर स्त्री जाति को अपने जीवनकाल में एक उम्र के बाद पीरियड्स  से गुजरना पड़ता है और ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. इससे इस बात का पता चल जाता है कि महिला में अंडे बन रहे हैं और आगे चलकर वो मां बन सकती है.

अमूमन हर महिला की पीरियड्स की शुरूआत अलग-अलग समय पर होती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में पीरियड्स आने 12 से 15 साल की उम्र में शुरू हो जाते हैं. लेकिन पहले के मुकाबले बदलती जीवनशैली के चलते अब बेहद कम उम्र की बच्चियों को पीरियड्स आने शुरू हो रहे हैं ऐसे में केवल 10 साल की उम्र से ही बच्चियों को पीरियड्स आ रहे हैं.

ऐसे में कई बार माता-पिता घबरा जाते हैं, क्योंकि जाहिर है इतनी कम उम्र से ही पीरियड साइकिल शुरू होना घबराने वाली स्थिति है. इसके लिए बच्चे को मानसिक रूप से तैयार होना बेहद जरूरी है. साथ ही वो इस स्थिति को अच्छे से संभालने योग्य हो जाए. इस बारे में  NPG NEWS  ने  जब हर के कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञों से बातचीत की तो उनका कहना रहा की इसका सबसे बड़ा कारण  अनियमित लाइफ स्टाइल और खानपान है. साथ ही मोटापा सबसे बड़ा कारण है, वहीँ माताओं का कहना रहा की बहुत बड़ी चुनौती के बराबर है हम माँ-बेटियों के लिए यह स्थिति. 

जल्दी पीरियड्स होने के कारण




  • मोटापा भी बच्चियों में जल्दी पीरियड शुरू होने की एक बड़ी वजह है. आज के दौर में ज्यादातर बच्चे चाइल्डहु़ड ओबेसिटी से पीड़ित हैं और मोटापे की वजह से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. ये हार्मोन महिलाओं के शरीर में होने वाले कई बड़े बदलावों के लिए जिम्मेदार है जिसमें एक पीरियड शुरू होना भी शामिल है. अगर कम उम्र में ही इस हार्मोन में तेजी से बदलाव होने लगे तो लड़कियों को बेहद कम उम्र में ही पीरियड्स आने शुरू हो सकते है.
  • बाहर का जंकफूड खाना भी इसके कारकों में बड़ी भूमिका निभाता है. आजकल के बच्चे बाहर का जंकफूड ज्यादा खाते हैं ये फूड ज्यादातर प्रोसेस्ड होता है जिससे भी मोटापा और फिर इंसुलिन का स्तर बढ़ता है. ये सभी कारक आपस में एक दूसरे को ट्रिगर करते है.
  • घरों में प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल भी इसका एक बड़ा कारण है. हम हर चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं और ये माइक्रो प्लास्टिक के कण किसी न किसी रूप में हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं. प्लास्टिक में बीपीए होता है. जब खाना प्लास्टिक के कंटेनर में गर्म किया जाता है तो ये माइक्रो प्लास्टिक खाने के साथ हमारे पेट में चले जाते हैं जो हमारे हार्मोन को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. बीपीए को भी जल्दी पीरियड्स होने के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
  • जल्दी पीरियड्स शुरू होने में जेनेटिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. अगर आपकी मां, नानी को भी पीरियड्स जल्दी आने शुरू हो गए थे तो बच्ची को भी पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं. ये कारक पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं. ऐसे में घबराने की आवश्यकता नहीं है.
  • ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी भी आज के दौर में बच्चियों में जल्दी पीरियड्स आने का एक कारण है. फिजिकल एक्टिव रहने से बॉडी फिजिकली जल्दी विकसित होती है साथ ही साइकिलिंग, स्वीमिंग कम उम्र में ही शुरू करने से पीरियड्स जल्दी आना शुरू हो जाते हैं लेकिन ये घबराने वाली स्थिति नहीं है.


बच्चियां हो जाती है डिप्रेस




नाम न बताने की शर्त पर रायपुर निवासी दो बेटियों की मां ने बताया की मेरी दोनों बेटियां  2-3 साल की छोटी-बड़ी है, लेकिन एक को सिर्फ 10 साल चल ही रहे थे पीरियड्स आ गए. मुझे उसे उस बारे में समझाने का मौका ही नहीं मिल पाया था. मैंने सोचा अभी तो छोटी है, पर वक्त के पहले ही इस स्थिति को उसके और मेरे लिए संभालना मुश्किल था. मैंने उसे समझाया ये शरीर और लाइफ के लिए कितना जरूरी है. इससे एक लड़की पहले औरत फिर माँ बनती है, वहीँ मेरी बेटी अपने फिजिकल चेंजेंस को लेकर काफी दिनों तक परेशान थी. उसे स्कूल और बाहर  जाने के दौरान डर और घबराहट होती थी. 


ओवर फ्लो की समस्या 

एक महिला ने बताया की मेरी बेटी महज 11 साल की है और उसे इन दिनों दिन में कई बार पैड चेंज करने पड़ते हैं. हमने कई डॉ को दिखा लिए पर उनका कहना रहा की ये उम्र से पहले होने के कारण हो सकता है. इस हाल में बच्ची के शारीरिक और मानसिक हालत को समझने की जरूरत है. 

पेरेंट्स ध्यान रखें

– बच्चे को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें

– बच्चे में मोटापे की समस्या न होने दें.

– बाहर के जंक फूड की जगह घर का हेल्दी खाना खाने की आदत डालें.

– घबराएं नहीं, अगर जरूरत हो तो बच्चे की काउंसलिंग डॉक्टर से जरूर करवाएं.


10,000 कम्पाउंड्स पर किया गया अध्ययन


यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के शोधकर्ताओं ने तकरीबन 10,000 एनवायरनमेंटल कम्पाउंड की जांच की और पाया कि ऐसे बहुत से पदार्थ हैं, जिनकी वजह से लड़कियों में पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं. उन्होंने बताया कि मस्क एम्ब्रेटे जैसे कंपाउंड्स ब्रेन में मौजूद रिसेप्टर्स को स्टिम्यूलेट करने की क्षमता रखते हैं. शोधकर्ताओं ने मस्क एम्ब्रेटे के बारे में चिंता व्यक्त की है क्योंकि इसका इस्तेमाल ज्यादातर पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में होता है. शोधकर्ताओं ने कहा, 'सावधानी बरतते हुए, माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चों के लिए केवल वही पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए, जिन्हें सरकार द्वारा मंजूरी दी गई हो.'


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