Vitamin D Deficiency In Women: महिलाओं में विटामिन डी की कमी से इन बीमारियों का बढ़ जाता है रिस्क, गर्भपात और डिप्रेशन तक का खतरा, रहें सतर्क...

Vitamin D Deficiency In Women: कमर दर्द और पैर दर्द तो बहुत काॅमन प्राॅब्लम हैं। सिर्फ दर्द ही नहीं, थकान-कमज़ोरी से लेकर डिप्रेशन तक जिन समस्याओं से महिलाओं को दो-चार होना पड़ता है उनका प्रमुख कारण है विटामिन डी की कमी। विटामिन डी की कमी यानि डिफिशिएंसी से महिलाओं पर किन समस्याओं का खतरा मंडराता है, चलिए उनके बारे में जानते हैं।

Update: 2024-07-03 07:42 GMT

Vitamin D Deficiency In Women

Vitamin D Deficiency In Women: अमूमन हर घर की 30 से अधिक उम्र की महिलाएं रोज़ाना किसी न किसी तरह के दर्द से परेशान होती हैं। कमर दर्द और पैर दर्द तो बहुत काॅमन प्राॅब्लम हैं। सिर्फ दर्द ही नहीं, थकान-कमज़ोरी से लेकर डिप्रेशन तक जिन समस्याओं से महिलाओं को दो-चार होना पड़ता है उनका प्रमुख कारण है विटामिन डी की कमी। विटामिन डी की कमी यानि डिफिशिएंसी से महिलाओं पर किन समस्याओं का खतरा मंडराता है, चलिए उनके बारे में जानते हैं।

कमज़ोर इम्यूनिटी

विटामिन डी की कमी होने पर महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। उनका शरीर जल्दी बीमारियों की चपेट में आता है और वे वायरस, बैक्टीरिया आदि से जल्दी संक्रमित होती हैं। जिससे वे जब-तब बीमार पड़ने लगती हैं।

थकान और कमज़ोरी

विटामिन डी की कमी से महिलाओं में थकान और कमज़ोरी बनी रहने की समस्या हो जाती है। अपनी दैनिक जिम्मेदारियां निभाना भी उनके लिए कठिन हो जाता है और तकलीफों के चलते वे अपनी फिटनेस के लिए अतिरिक्त श्रम करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पातीं। जिससे क्रमशः वे और कमजोर हो जाती हैं। कई महिलाओं में विटामिन डी की कमी के चलते शुगर लेवल भी धीरे-धीरे कम होने लगता है।

कमजोर हड्डियां

विटामिन डी की कमी होने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। दरअसल विटामिन-डी की कमी हो तो शरीर में कैल्शियम सोखने की क्षमता कम हो जाती है फिर चाहे आप कितना भी दूध पी लें या कुछ और खा लें लेकिन अगर शरीर में कैल्शियम के अवशोषण की क्षमता ही नहीं है तो इसे लेने का फायदा नहीं मिलेगा। और कम कैल्शियम मतलब कमज़ोर हड्डियां। मीनोपाॅज के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी, बोन डेंसिटी का कम होना, आसानी से फ्रेक्चर होना जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। इन सब समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को कैल्शियम के साथ विटामिन डी की पूर्ति का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।

गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी खतरनाक

गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी बहुत खतरनाक हो सकती है। इसकी कमी से महिला कमजोरी, दर्द, थकान तो महसूस करती ही है,बच्चे का सही तरीके से विकास भी बाधित होता है। साथ ही जन्म के समय बच्चा कमजोर और कम वजन का हो सकता है। विटामिन डी की कमी से महिला में अचानक बीपी बढ़ने की समस्या हो सकती है। इससे कई बार समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी करानी पड़ती है अन्यथा बच्चे को नुकसान की आशंका रहती है। तो कई बार गर्भपात तक का खतरा रहता है।

हार्ट डिसीज समेत अनेक बीमारियों का खतरा

महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो उन पर हार्ट डिसीज़ का खतला मंडराने लगता है। साथ ही वे डायबिटीज और हाई बीपी जैसी बीमारियों की ज़द में आने लगती हैं।

हार्मोनल इम्बेलैंस

विटामिन डी की कमी से महिलाओं में हार्मेनल असंतुलन होने लगता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने लगता है, जिससे वे डिप्रेशन,मूड स्विंग्स आदि की शिकार हो जाती हैं। उनका मनोबल टूट होता है और वे निराश नज़र आती हैं। मन बदलने के लिए वे कुछ भी खाते रहने की भी आदी हो जाती हैं जो कि मोटापा बढ़ने की वजह बनता है।

मानसिक सेहत पर दुष्प्रभाव

विटामिन डी की कमी का मानसिक सेहत पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। मस्तिष्क की अच्छी सेहत के लिए विटामिन डी भी बेहद ज़रूरी है।

विटामिन डी की पूर्ति के लिए क्या करें

1. सूरज की किरणें, धूप विटामिन डी पाने का सबसे अच्छा स्रोत हैं। सुबह कुछ समय अपने लिए निकालिए और धूप में बैठिए तो विटामिन डी की कमी की पूर्ति हो जाएगी। पर यह काम आपको नियमित तौर पर करना होगा।

2. आप दूध और उसके उत्पाद, दही, चीज आदि ले सकती हैं। इनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

3. संतरे से भी विटामिन डी मिलता है। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।

4. विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए मशरूम फायदेमंद रहेगा।

5. ओट्स में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

6. अंडा खा सकते हैं तो यह आपके लिए बेहतरीन होगा। अंडे की जर्दी में पर्याप्त विटामिन डी होता है।

7. नाॅनवेज खाने वाले फैटी फिश ज़रूर लें। इनमें विटामिन B12 भी होता है।

8. साबुत अनाजों से भी विटामिन डी मिलता है।

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