Jungle Jalebi Or Ganga Imli : क्या आपने खाई है "जंगल जलेबी", छत्तीसगढ़ में कहा जाता है "गंगा इमली", शरीर के हर अंग के लिए फायदेमंद

गंगा इमली में विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे तमाम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी छाल के काढ़े से पेचिश तक ठीक हो जाती है.

Update: 2024-06-12 09:54 GMT

प्रदेश के अभी हर चौक-चौरहों से लेकर बाजार तक एक अलग टाइप का फल देखने को मिल रहा होगा, जो सिर्फ गर्मी के ही सीजन में आता है और इस फल का नाम है जंगल जलेबी और गंगा इमली. छत्तीसगढ़ में इसे गंगा इमली के नाम से जाना जाता है. 

गंगा इमली का फल गर्मियों के मौसम में आता है। यह फल खाने में बेहद स्वादिष्ट और सेहत के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन इस फल के बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता होता है साथ ही, बहुतों ने जानकारी के अभाव में इस फल का स्वाद नहीं चखा है। लोगों को लगता है कि यह जंगली फल है कहीं सेहत के लिए नुकसानदायक न हो इसलिए लोग इसे नहीं खाते हैं। 

बहुत से ग्रामीण बाजार में जंगल जलेबी या गंगा इमली का फल मिलता है। इसका पेड़ अक्सर गांव और जंगलों में होता है इसलिए गांव के लड़के और बुजुर्ग बेचने के लिए इस फल को शहर लेकर आते हैं। गंगा इमली को जंगल जलेबी के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ मटर के पेड़ से संबंधित है।


भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं ये तत्व

गंगा इमली में विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे तमाम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी छाल के काढ़े से पेचिश तक ठीक हो जाती है.

इम्युनिटी बढ़ाने में है मददगार

गंगा इमली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है. इसके नियमित रूप से सेवन करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है. इसे जबरदस्त इम्युनिटी बूस्टर भी कहा जाता है और इस कोरोना महामारी के दौर में हमें सबसे ज्यादा इम्युनिटी बढ़ाने की ही जरूरत है.

इन राज्यों में मिलता है 



इस पेड़ को अंग्रेजी में मनीला इमली, मद्रास थॉर्न या मंकीपॉड ट्री के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, आंध्र प्रदेश (आंध्र प्रदेश में घूमने लायक जगह) में पाया जाता है। इसका पेड़ कांटेदार होता है, जिससे फल तोड़ना बेहद मुश्किल होता है, इसके फल को तोड़ने के लिए बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि कांटे से चोट लग सकती है।

गंगा इमली का स्वाद

गंगा इमली कई तरह के होते हैं कुछ गंगा इमली बेहद मीठे और रसीले होते हैं वहीं बहुत से गंगा इमली स्वाद में कस्से होते हैं, जिसे आप खा तो सकते हो, लेकिन गले में अटक जाते हैं। गर्मियों में आने वाले इस फल को अक्सर बच्चे बांस की लंबी और पतली डंडी में लकड़ी फंसा कर तोड़ते हैं, कांटेदार पेड़ होने के कारण इसमें चढ़ना बहुत मुश्किल होता है। दिखने में यह जलेबी की तरह होती है, इस कारण इसे जंगल जलेबी भी कहा जाता है। इसके अलावा गंगा इमली का पका हुआ फल सफेद, गुलाबी और गहरे लाल रंग का होता है। यह फल गुच्छों में फलता है और दिखने में बेहद सुंदर दिखता है। अब की बार जब बाजार में यह फल देखने को मिले तो जरूर टेस्ट करें आपको खूब पसंद आएगी।

जंगली जलेबी के नाम 

जंगली जलेबी को विलायती इमली, गंगा इमली, मीठी इमली, दक्कन इमली, मनीला टेमरिंड, मद्रास थोर्न और बंदर फली आदि नामों से भी जाना जाता है. जंगली जलेबी मैक्सिको से आकर हमारे देश के जंगलों में रम गईं है.

इनके लिए फायदेमंद 



आंखों के लिए है फायदेमंद

गंगा इमली को त्वचा रोगों और आंखों की जलन में भी उपयोगी माना गया है. जानकार बताते हैं कि इस पेड़ की पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम करता है.


मधुमेह को करता है दूर

गंगा इमली से मधुमेह का भी इलाज होता है. कहा जाता है कि यदि महीने भर तक नियमित रूप से जंगल जलेबी खाई जाए तो शुगर नियंत्रित हो जाती है.

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