How To Get Relief From Sciatica Pain: आम समस्या नहीं, बल्कि "साइटिका" है बेहद पेनफुल, यहां पढ़िए ज़रूरी जानकारी और राहत के उपाय

Update: 2023-12-15 14:13 GMT

लेख में पढ़ें

  • ० साइटिका के दर्द को कैसे पहचानें
  • ० साइटिका के मुख्य कारण क्या हैं
  • ० साइटिका की तकलीफ में चलना चाहिए या नहीं
  • ० साइटिका में खानपान कैसा हो
  • ० क्या साइटिका में सिंकाई करने से लाभ होगा
  • ० साइटिका के सरल घरेलू उपचार कौन से हैं

साइटिका का दर्द ऐसा तीखा दर्द है जिसके कारण पीड़ित को थोड़ा सा चलना-फिरना भी कठिन लगने लगता है। इस बीमारी में कमर से लेकर पैर के निचले हिस्से तक तीव्र दर्द उठता है जिसके साथ साधारण कामकाज असंभव सा हो जाता है। पैरों में झनझनाहट महसूस होती है और पैर सुन्न भी पड़ जाते हैं।साइटिका से इंसान की चाल-ढाल तक बदल जाती है। यह समस्या आमतौर पर 40 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को अधिक प्रभावित करती है। सर्दियों में इसकी पीड़ा और बढ़ जाती है। इस तकलीफ से राहत के लिए कुछ ज़रूरी सलाहें आप को इस लेख में मिलेंगी।

कहां से शुरू होती है साइटिका की तकलीफ?

साइटिका की पीड़ा कूल्हे की संधि के पास की नसों यानी कमर के निचले हिस्से की नसों में सूजन आने से शुरू होती है। यहां से शुरू होने वाला दर्द पैर के पिछले हिस्से से होता हुआ एड़ी और अंगूठे तक जाता है जो बहुत पीड़ादायक होता है। इसमें घुटनों और टखनों के पीछे तकलीफ ज्यादा महसूस होती है। अगर आपको कमर से शुरू हुआ दर्द पैर तक जाता महसूस हो रहा है तो यह आपके लिए संकेत है कि आपको साइटिका हो सकता है।

साइटिका के लिए जिम्मेदार मुख्य कारण

बढ़ती उम्र, मोटापा, घंटों डेस्क वर्क, भारी सामान उठाना और उठाकर लंबी दूरी तक चलना, गलत बाॅडी पोस्चर में देर तक बैठना, रीढ़ की कोई चोट, डायबिटीज़ आदि साइटिका के प्रमुख जोखिम कारक हैं।

थोड़ी एक्टिविटी है लाभदायक, चलें-फिरें

बहुत से लोग साइटिका की तकलीफ होने पर चलना-फिरना बिल्कुल बंद कर देते हैं जो सही नहीं है। डॉक्टर व्यक्ति को समतल सतहों पर थोड़ी देर टहलने की सलाह देते हैं। धीरे-धीरे इस अवधि को थोड़ा बढ़ाएं। आवश्यकता हो तो ब्रेक भी लें। झुकने या मुड़ने से बचें। हल्की स्ट्रेचिंग करें। ज्यादा एक्टिव रहना भी उचित नहीं। लेकिन बिस्तर पर पड़े रहने से बीमारी ठीक नहीं होगी। शारीरिक गतिविधि सूजन को कम करने में मदद करती है, जो दर्द से राहत दिलाने में मददगार बनती है।

इस दौरान खान-पान कैसा हो

साइटिका होने पर खानपान में विटामिन ए युक्त चीज़ों को विशेषकर शामिल करें। जैसे गाजर, आम सब्जियां, खुबानी खाएं।पनीर एवं दूध के अन्य उत्पादों का सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त पदार्थों का सेवन करें जैसे अलसी और सनफ्लावर सीड्स, फिश आदि। पोटाशियम युक्त आहार लें जैसे सफेद सेम, आलू,केला, खुबानी, एवोकाडो और मशरूम। पोटेशियम मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं को मजबूती प्रदान करता है।

सिंकाई से मिलेगा फायदा

साइटिका की पीड़ा में सिंकाई से फायदा मिलता है। अगर चोट लगने के कारण तकलीफ शुरू हुई है तो शुरूआती घंटों में आइस पैक से सिंकाई करें। बाद में और अन्य कारणों से हुई पीड़ा में गर्म सिंकाई फायदेमंद है। बहुत तकलीफ हो तो आप गर्म पानी से भरे बाथ टब में लेट सकते हैं। पानी में दो कप सेंधा नमक मिला लें। या 15 से 20 मिनट तक हीटिंग पैड से कमर, पैर के दर्द करते हिस्सों पर सिकाई से भी फायदा होगा।

साइटिका के कुछ सरल घरेलू उपचार

  • ० आप 10 ग्राम अजवाइन को एक गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें, उसके बाद इसे छानकर पियें।
  • ० सोने से पहले दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पिएँ।
  • ० साइटिका का दर्द होने पर रात को एक चम्मच मेथी दाना पानी में गला दें। सुबह इसे पी जाएं। दाने चबा सकें तो और बढ़िया।
  • ० हरसिंगार की पत्तियों को एक लीटर पानी में उबालें। जब यह 700 एमएल के करीब बचे तो छान कर एक-एक कप करके दिन भर में पिएं।
  • ० हरसिंगार की पत्तियों को सरसों तेल में उबालकर बनाए तेल से मालिश भी फायदेमंद है।


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