Home Remedies For Dengue Fever : डेंगू से फास्ट रिकवरी के लिए अपनाइये ये बेजोड़ घरेलू नुस्खे...

Update: 2023-06-24 11:42 GMT

Home Remedies For Dengue Fever : बारिश का मौसम आ गया है। प्रचंड गर्मी के दिनों के बाद बारिश किसी वरदान से कम नहीं लगती। लेकिन बारिश के साथ इस मौसम की बीमारियां भी चली आती हैं। इनमें डेंगू और मलेरिया आम हैं। क्योंकि बारिश के साथ मच्छरों का अटैक भी बढ़ जाता है। डेंगू और मलेरिया बीमारियां सुनने में काॅमन ज़रूर लगती हैं लेकिन समय पर इलाज न हो तो जान जाने का खतरा भी होता है। इसलिए एहतियात बरतने में ही समझदारी है। डेंगू के लक्षणों को पहचानकर तुरंत डाॅक्टर को दिखाना चाहिए और प्राॅपर ट्रीटमेंट लेना चाहिए। डेंगू शरीर को पूरी तरह तोड़ देता है। रिकवरी में टाइम भी लगता है। यहाँ हम डेंगू के बारे में ज़रूरी जानकारी देने के अलावा इस बीमारी के बाद रिकवरी के घरेलू नुस्खे भी बताएंगे।

किस कारण से होता है डेंगू

'डेंगू' एक मच्छर जनित बीमारी है। ये मच्छर एडिज इजिप्टी तथा एडिज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं। डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे में अपने आप नहीं फैलता बल्कि जब ये मच्छर पहले से संक्रमित किसी व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो दूसरा व्यक्ति भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है। अगर डाॅक्टरों की भाषा में बात करें तो यह वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है।

इसे सामान्य भाषा में हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि इससे हड्डी के जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है। अगर संक्रमण को पकड़ा न जाए, लापरवाही बरती जाए तो मसूड़ों और नाक से, इसके अलावा उल्टी, दस्त और पेशाब के साथ भारी रक्तस्राव (Heavy Bleeding) होता है।ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है। यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए डेंगू के लक्षण दिखते ही तुरंत डाॅक्टर को दिखाना चाहिए।

डेंगू के शुरूआती लक्षण-

1. जैसे ही कोई व्यक्ति डेंगू वायरस से पीड़ित होता है, उसके एक से डेढ़ घंटे के भीतर शरीर के जाॅइंट्स में दर्द शुरू हो जाता है और व्यक्ति को 104-105डिग्री तक बुखार भी आ सकता है।

2. पीड़ित की आँखें लाल हो जाती हैं और उनमें दर्द होने लगता है।

3. चेहरे पर गुलाबी दाने या लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं।

4.पीड़ित को भूख नहीं लगती। वह कुछ भी नहीं खाना चाहता।

5. सिर दर्द, ठंड लगना,उल्टी-मतली होने लगती है।

6. ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने लगता है और हृदयगति कम होने लगती है।

7. सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

8. स्थिति जब बिगड़ जाती है तब पेट में तेज दर्द होता है। उल्टी-दस्त के साथ भारी रक्त स्राव होने लगता है। और पीड़ित की जान भी जा सकती है।

क्यों होता है भारी रक्तस्राव

डेंगू के मरीज के लिए भारी रक्तस्राव जान जाने की वजह बनता है। लेकिन ये भारी रक्तस्राव होता क्यों है? दरअसल रक्तस्राव डेंगू के मरीज के रक्त में प्लेटलेट्स की गिरावट के कारण होता है। प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं जो रक्तस्राव को रोकने के लिए आपके शरीर के थक्कों को बनाने में मदद करती हैं।एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1.50 से 4.50 लाख प्लेटलेट काउंट होता है। लेकिन जब डेंगू के मरीज की हालत सीरियस होने लगती है तो उसका प्लेटलेट काउंट 20 हजार से भी कम हो जाता है। इसी स्थिति में खून के थक्के बनने में दिक्कत होती है। इस कंडीशन में डाॅक्टर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाते हैं। तभी सीरियस पेशेंट की जान बचती है। अगर शुरूआत में ही इलाज करवा लिया जाए तो नाॅर्मली कंडीशन इतनी नहीं बिगड़ती। और 8-10 दिन के भीतर मरीज बिना प्लेटलेट्स चढ़ाए ठीक होने लगता है।

डेंगू होने पर फास्ट रिकवरी के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

1. पपीते के पत्तों का काढ़ा है रामबाण इलाज- पपीता तो मरीज को खिलाने के लिए बहुत बढ़िया माना ही जाता है लेकिन आपको शायद पता न हो कि पपीते के पत्तों का काढ़ा डेंगू के मरीजों की रिकवरी के लिए रामबाण उपाय है। पपीते के पत्तों का काढ़ा बने के लिए आप इसके चार-पांच पत्तों को 1 लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी उबलकर आधा रह जाए, तब इसे छान कर ठंडा कर लें। दिन में 2-3 बार इसका सेवन कीजिए। आप इसके पत्ते पीसकर उनका रस भी निकाल सकते हैं और मरीज को पिला सकते हैं। आयुर्वेद पपीते की पत्तियों को प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी मानता है। साथ ही डेंगू के बाद उपजी कमजोरी और वायरल फीवर की दशा में भी ये फायदेमंद है।

2. मेथी के पत्ते - डेंगू में बुखार की तीव्रता को कम करने के लिए मेथी के पत्ते बहुत उपयोगी हैं। साथ ही ये शरीर में हो रहे दर्द को भी कम करते हैं।

3. काली मिर्च - काली मिर्च हर भारतीय रसोई में ज़रूर मिल जाती है। आप इसके दानों को 8-10 तुलसी पत्तों के साथ दो गिलास पानी में डालकर उबालें। मात्रा आधी रहने पर छान कर ठंडा करें। और मरीज को दिन में तीन से चार बार में एक दिन में पिलाएं।

4. गिलोय का काढ़ा - गिलाॅय का काढ़ा भी काली मिर्च के काढ़े की तरह ही बनाना है। इसे तुलसी पत्तों के साथ उबाल कर काढ़ा बना सकते हैं।

5. खट्टे फल - डेंगू के मरीज की फास्ट रिकवरी के लिए खट्टे फल संतरा. कीवी आदि बहुत उपयोगी होते हैं। इनमें एंटीओक्सीडेंट्स और विटामिन सी की मौजूदगी से डेंगू बुखार के लक्षणों और डेंगू के बाद जल्द रिकवरी में राहत मिलती है।

6. हल्दी वाला दूध - हल्दी के एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। आप मरीज को रात में हल्दी वाला दूध दे सकते हैं। जल्दी फायदा होगा।

7. नारियल पानी- नारियल पानी में मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो डेंगू के मरीज की फास्ट रिकवरी में मदद करते हैं।

8. नीम के पत्ते - नीम के पत्तों 2 चम्मच रस पीना भी डेंगू मरीज के लिए फायदेमंद हो सकता है। नीम के पत्तों को पीस कर उनका रस निकाल लें और मरीज को दें।

9. जौ- आयुर्वेद के मुताबिक जौ की घास से बना काढ़ा पीना भी फायदेमंद है। इसमें रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने की क्षमता होती है।

10. एक सबसे ज़रूरी बात कि इस बीमारी के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें। पर्याप्त पानी पीने का ध्यान ज़रूर रखें।

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