G-Spot क्या होता है? G Spot Meaning, Location, Benefits in Hindi – जानें महिलाओं के G Spot के रहस्य

Sexual Health Tips for Women: G-Spot की खोज कब और कैसे हुई? साल 1950 में जर्मन गायनोकोलॉजिस्ट अर्न्स्ट ग्राफेनबर्ग ने पहली बार महिला योनि के अंदर ऊपरी भीतरी हिस्से में एक अलग तरह का कामोत्तेजक भाग बताया था, जिसे बाद में G-Spot कहा जाने लगा। इसके बाद से ही यह विषय सेक्स रिसर्च और लोगों के बीच चर्चाओं में बना हुआ है।

Update: 2025-07-14 18:45 GMT

Sexual Health Tips for Women: G-Spot की खोज कब और कैसे हुई? साल 1950 में जर्मन गायनोकोलॉजिस्ट अर्न्स्ट ग्राफेनबर्ग ने पहली बार महिला योनि के अंदर ऊपरी भीतरी हिस्से में एक अलग तरह का कामोत्तेजक भाग बताया था, जिसे बाद में G-Spot कहा जाने लगा। इसके बाद से ही यह विषय सेक्स रिसर्च और लोगों के बीच चर्चाओं में बना हुआ है।

कुछ महिलाओं के मुताबिक, इस जगह को उत्तेजित करने से उन्हें बहुत ज्यादा आनंद मिलता है। वहीं कुछ महिलाएं इसे ढूंढ नहीं पातीं या मानती हैं कि उनके अंदर ऐसा कोई हिस्सा है ही नहीं। जो महिलाएं इस जगह को खोज पाती हैं, उनके लिए यह यौन सुख को बढ़ाने और कपल्स के लिए एक नया रोमांचक अनुभव बन सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि जो महिलाएं G-Spot को नहीं खोज पातीं या खोजने में दिलचस्पी नहीं रखतीं, उन्हें सेक्स में सुख नहीं मिल सकता। बिना G-Spot के भी सेक्स में पूरा आनंद लिया जा सकता है।

से*स और जेंडर को लेकर एक जरूरी बात

सेक्स और जेंडर कोई सख्त परिभाषा में नहीं बंधे रहते। यह एक स्पेक्ट्रम की तरह होते हैं। इस लेख में हमने “महिला”, “पुरुष” जैसे शब्द जन्म के समय निर्धारित लिंग के लिए इस्तेमाल किए हैं। अधिक जानकारी के लिए आप विशेषज्ञों से परामर्श लें।

G-Spot क्या होता है?

G-Spot को ग्राफेनबर्ग एरिया या ग्राफेनबर्ग स्पॉट भी कहा जाता है। यह योनि के अंदर एक तरह का इरोजेनस ज़ोन होता है। इरोजेनस ज़ोन शरीर का वह हिस्सा होता है, जहां छूने या उत्तेजना देने से कामोत्तेजना ज्यादा महसूस होती है।

कई महिलाओं ने बताया है कि इस हिस्से को छूने या उत्तेजित करने पर उन्हें या तो ज्यादा मात्रा में ल्यूब्रिकेशन होता है या फिर उन्हें योनि में ही ऑर्गेज्म (चरमसुख) का अनुभव होता है। कुछ महिलाएं कहती हैं कि G-Spot से मिलने वाला ऑर्गेज्म बाकी तरीकों से कहीं ज्यादा गहरा और अलग होता है।

हालांकि हर महिला का अनुभव अलग-अलग होता है। कुछ को यह जगह मिल ही नहीं पाती या कुछ को यह हिस्सा छूने पर दर्द या असहजता भी हो सकती है। कुछ महिलाओं को इस जगह से बेहद खास सुख भी मिलता है जो उन्हें किसी और तरीके से नहीं मिलता।

G-Spot कहां होता है?

अधिकतर महिलाओं के अनुभव के अनुसार G-Spot योनि की भीतरी ऊपरी दीवार पर होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह योनि के अंदर लगभग 1 सेंटीमीटर अंदर होता है। कुछ महिलाओं को यह हिस्सा हल्का उभरा या दानेदार महसूस होता है। कई बार इस हिस्से को महसूस करने के लिए थोड़ा ज्यादा दबाव डालना पड़ सकता है।

कई महिलाओं को इस हिस्से को छूते समय पेशाब आने जैसा महसूस भी होता है क्योंकि यह मूत्राशय के ठीक नीचे होता है। इसलिए इसे ढूंढने से पहले पेशाब कर लेना अच्छा होता है।

कैसे ढूंढें G-Spot?

G-Spot को ढूंढने के लिए थोड़ा प्रयोग करना पड़ता है। कुछ तरीके इसे ढूंढने में मदद कर सकते हैं:

  • अलग-अलग तरह की उत्तेजना आज़माएं – कभी हल्का दबाव, कभी तेज, कभी वाइब्रेटर या उंगलियों से स्ट्रोक करें।
  • सेक्स टॉय का इस्तेमाल करें – कुछ खास G-Spot स्टिमुलेटर मार्केट में मिलते हैं।
  • पोजिशन बदलें – सेक्स के दौरान ऐसी पोजिशन अपनाएं जिससे ऊपरी दीवार तक आसानी से पहुंचा जा सके।
  • खुद से एक्सप्लोर करें – अकेले होने पर आप ज्यादा आराम से महसूस कर पाती हैं और अपनी गति से कर पाती हैं।

महिलाओं में अन्य इरोजेनस ज़ोन

ज्यादातर महिलाओं के लिए सबसे सेंसिटिव हिस्सा क्लिटोरिस होता है। रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं को ऑर्गेज्म पाने के लिए क्लिटोरल स्टिमुलेशन जरूरी होता है।

कुछ महिलाओं के लिए G-Spot की उत्तेजना क्लिटोरिस या उसके आसपास की नसों को भी अप्रत्यक्ष रूप से उत्तेजित कर देती है, जिससे ज्यादा आनंद मिलता है। इसके अलावा ब्रेस्ट, निप्पल या शरीर के अन्य हिस्से भी महिलाओं के लिए इरोजेनस ज़ोन हो सकते हैं।

हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए क्या अच्छा लगेगा – यह खुलकर बात करके और ट्राई करके ही पता चलता है।

G-Spot को लेकर रिसर्च क्या कहती है?

G-Spot पर वैज्ञानिक रिसर्च अभी भी पूरी तरह एकमत नहीं है। कुछ पुराने शोध, जिनमें अधिकतर पुरुष शोधकर्ता थे, कहते हैं कि G-Spot मौजूद नहीं है और महिलाएं जो महसूस करती हैं वह गलतफहमी है।

लेकिन ज्यादातर महिलाएं खुद इसे महसूस करने का दावा करती हैं। एक 2021 की स्टडी के मुताबिक, 62.9% महिलाओं ने बताया कि उन्होंने G-Spot अनुभव किया है और 55.4% क्लीनिकल स्टडीज में यह देखा भी गया। हालांकि कुछ स्टडी में यह किसी भी महिला में नहीं मिला।

कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि G-Spot अकेले कोई हिस्सा नहीं बल्कि योनि, क्लिटोरिस और यूरेथ्रा का एक कॉम्प्लेक्स नेटवर्क है, जिसे क्लिटोयूरेथ्रोवैजाइनल कॉम्प्लेक्स कहते हैं। इसी के जरिए कुछ महिलाओं को वजाइनल ऑर्गेज्म या फीमेल इजैकुलेशन का अनुभव होता है।

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