Eating Rice In Diabetes Is Healthy Or Not: डायबिटीज़ वालों को 'चावल' खाना चाहिए या नहीं? चावल आखिर क्यों करता है नुकसान? खाने की इच्छा कैसे करें पूरी... जानिए इस लेख में...
Eating Rice In Diabetes Is Healthy Or Not: चावल के बिना यहां के लोगों भोजन पूरा नहीं होता। उन्हें खाना खाने वाली संतुष्टि ही नहीं मिलती। लेकिन अपने इसी मनपसंद भोजन 'चावल' को छोड़ना खासकर ' डायबिटिक' लोगों के लिए ज़रूरी हो जाता है। यह भी जानते हैं कि अगर कभी चावल खाने का बहुत मन करे तो किस तरह का चावल खाएं।
Eating Rice In Diabetes Is Healthy Or Not: छत्तीसगढ़ समेत ऐसे बहुत से राज्य हैं जहां का मुख्य भोजन चावल है। चावल के बिना यहां के लोगों भोजन पूरा नहीं होता। उन्हें खाना खाने वाली संतुष्टि ही नहीं मिलती। लेकिन अपने इसी मनपसंद भोजन 'चावल' को छोड़ना खासकर ' डायबिटिक' लोगों के लिए ज़रूरी हो जाता है। लेकिन चावल में ऐसी क्या बात है कि ब्लड शुगर हाई मिलते ही सबसे पहले डाॅक्टर जिन चीज़ों को छोड़ने के लिए कहते हैं, उनमें चावल का नाम ज़रूर आता है? चलिए जानते हैं इस बात का राज़। और यह भी जानते हैं कि अगर कभी चावल खाने का बहुत मन करे तो किस तरह का चावल खाएं।
डायबिटीज़ में इसलिए मना है चावल का सेवन
हाई ब्लड शुगर सामने आते ही डाॅक्टर पेशेंट को कुछ खास चीज़ों के सेवन से रोकते हैं जिनमें चावल भी शामिल है क्योंकि ये चीज़ें शुगर को बढ़ाने का काम करती हैं।दरअसल 'सफेद चावल' समेत इन चीज़ों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है। तो पहले जान लीजिए कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है?
ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक प्रकार का स्केल है जिसकी मदद से खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को मापा जाता है। जब किसी फूड आइटम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) 70 से 100 के बीच होता है, तो उसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन माना जाता है। यह खाना शुगर लेवल को बढ़ता है। इसका कारण यह है कि हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जल्दी पच जाते हैं और अवशोषित हो जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती इसलिए शुगर के मरीजों के लिए 'हाई जी आई' वाला खाना सही नहीं माना जाता है। इसलिये डाॅक्टर हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले अनाज ' सफेद चावल' के सेवन से शुगर के मरीज़ों को रोकते हैं।
तो क्या चावल को पूरी तरह छोड़ना होगा? नहीं, ऐसा नहीं है। आप कम मात्रा में चावल खा सकते हैं और अगर शुगर लेवल ज्यादा ही बढ़ गया है तो डाॅक्टर की सलाह पर कभी-कभार इसका कम मात्रा में आनंद लें। बस कुछ खास बातों का ध्यान रखें। जैसे-
1. सफेद चावल की जगह लें ब्राउन राइस या बासमती चावल सफेद चावल की सौ ग्राम मात्रा में करीब 2/3 से 3/4 तक कार्बोहाइड्रेट होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स आमतौर पर 70 से ऊपर ही होता है। इसलिए सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस को प्रेफर करें। ब्राउन राइस फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-मिनरल्स का एक अच्छा सोर्स है |चूंकि यह रिफाइंड नहीं किया जाता है इसलिए इसमें फाइबर ज्यादा होता है। इसलिये शरीर को इसे पचाने में अधिक समय लगता है और शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता।
2. छोटे दानों वाले सफेद चावल के बजाय लंबे दाने वाला बासमती चावल लें। इसका भी जी आई 70 से नीचे होता है।
3. चावल पकाने का समय भी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसलिए आपको चावल पकाते समय सावधान रहना चाहिए और अपने चावल को ज्यादा नहीं पकाना चाहिए।पुराने तरीके से खुले बर्तन में चावल आधे पकाएं और फिर अतिरिक्त पानी निथार दें। और फिर हल्की आंच पर चावल पकते ही गैस बंद कर दें।
4. चावल को कम जीआई वाले खाद्य पदार्थों जैसे सब्जियां, दालें, फाइबर युक्त पदार्थ और डेयरी उत्पादों के साथ खाएं। जिससे आपके पूरे भोजन का जीआई बेलेंस हो सके।
5. चावल खाएं, तो मात्रा कम ही रखें। आधा कप से अधिक चावल खाने से परहेज करें।