ईयरफोन और हेडफोन का ज्यादा इस्तेमाल है आपके लिए घातक, जान लें इसके नुकसान

अगर आप लंबे समय तक ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो ये आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से आपको क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं।

Update: 2024-10-19 12:36 GMT

रायपुर, एनपीजी न्यूज। ईयर फोन या हेड फोन का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। ऑनलाइन क्लासेज करने से लेकर मनोरंजन करने तक छोटे-छोटे बच्चे तक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तक कि सड़क पर भी ट्रैफिक रूल की धज्जियां उड़ाते हुए लोग बेखौफ ईयरफोन लगाकर ड्राइव और वॉक कर रहे हैं।

लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल सेहत पर भी बुरा असर डाल रहा है। हेडफोन या ईयरफोन से आने वाली आवाज आपके ईयरड्रम को भारी नुकसान पहुंचा रही है।

WHO ने चेतावनी भी जारी की थी कि रेगुलर ईयरफोन का इस्तेमाल करने से 2050 तक 70 करोड़ से ज्यादा लोगों के कान खराब हो जाएंगे। वाइब्रेशन ज्यादा होने से सुनने वाले सेल्स अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं, जिससे बहरापन हो जाता है।

ईयरफोन और हेडफोन के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं-

  • कान में दर्द- ज्यादा इस्तेमाल से कानों में दर्द या भारीपन की समस्या हो सकती है। कान सुन्न भी हो सकते हैं।
  • बहरापन- ज्यादा देर तक ईयरफोन लगाने और वाइब्रेशन से कानों की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे नसों में सूजन आ सकती है। सेंसिटिविटी खोने से बहरापन भी हो सकता है।
  • सिरदर्द: तेज आवाज से दिमाग पर असर पड़ता है। तेज वाइब्रेशन से सिरदर्द और नींद नहीं आने की परेशानी होने लगती है।
  • चक्कर आना- ईयरफोन और हेडफोन के ज्यादा इस्तेमाल से चक्कर आना और अनिद्रा की शिकायत हो सकती है।
  • सुनने की क्षमता प्रभावित- धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है और इससे कानों में इंफेक्शन भी हो सकता है। इससे टिनिटस मतलब कान में गुंजन या अतिरिक्त ध्वनि भी सुनाई दे सकती है
  • तेज आवाज में लंबे समय तक ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करने से सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे बहरापन भी हो सकता है।
  • ईयरफोन या हेडफोन कान में सीधे शोर पहुंचाते हैं। इससे कान में दर्द हो सकता है।
  • लगातार ईयरफोन या हेडफोन लगाने से कानों में हीट पैदा होती है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • तेज आवाज के कारण ईयर कैनाल पर दबाव बढ़ने से चक्कर आने लगते हैं।

बता दें कि कान के अंदर एक पर्दा होता है, जिसे ईयरड्रम कहते हैं। इसमें तमाम नसें और अंग होते हैं, जो दिमाग से कनेक्ट होते हैं। जब ईयरफोन या हेडफोन लगाकर तेज आवाज में सुनते हैं, तो आवाज और उसका वाइब्रेशन दवाब के साथ ईयर ड्रम से टकराता है, जिससे समस्याएं पैदा होती हैं। ये समस्या परमानेंट होती है। तुरंत इलाज नहीं मिलने पर ये काफी घातक होती है।

ईयरफोन के मुकाबले हेडफोन थोड़ा सा ज्यादा सुरक्षित

हालांकि ईयरफोन के मुकाबले हेडफोन थोड़ा सा ज्यादा सुरक्षित है। ईयरफोन कान के अंदर लगता है, इसलिए वाईब्रेशन की कान के पर्दे से दूरी कम होती है, जबकि हेडफोन कान के बाहर लगता है, जिससे पर्दे से दूरी थोड़ी ज्यादा होती है, तो ये कम नुकसान करता है। लेकिन दोनों का यूज ज्यादा किया जाए और तेज आवाज में सुना जाए, तो नुकसान होना तय है। डॉक्टर का मानना है कि दिन में सिर्फ 30 मिनट ही ईयरफोन का यूज करना चाहिए। इसके अलावा जब जरूरत हो तब करें।

इन सावधानियों का रखें ध्यान

  • लंबे समय तक ईयरफोन का इस्‍तेमाल न करें।
  • ईयरफोन या हेडफोन जब भी कानों में लगाएं, तो आवाज कम रखें।
  • किसी दूसरे का ईयरफोन इस्‍तेमाल करने से बचें और अपना भी किसी को नहीं दें।
  • अच्छी क्वालिटी का ईयरफोन ही यूज करें।
  • ईयरफोन को साफ रखें।
  • सोते समय ईयरफोन का इस्‍तेमाल न करें।
  • जब भी ब्‍लूटूथ ईयरफोन चार्जिंग पर लगा हो, उसका इस्‍तेमाल न करें।
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