दिल्ली-NCR में हर साल बढ़ता प्रदूषण अब सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं रह गई है, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य आपदा बन चुका है। जहरीली हवा का स्तर ऐसा हो गया है कि राजधानी को 'गैस चेंबर' कहा जाने लगा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों को साफ हवा में सांस लेने के लिए दिल्ली छोड़ने की जरूरत महसूस होने लगी है। यह बात भले ही कल्पनात्मक लगे, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर भी मानते हैं कि प्रदूषण के गंभीर प्रभाव से बचने के लिए अब ठोस समाधान निकालना जरूरी है।
बढ़ रही हैं बीमारियां, अस्पतालों में बढ़ी भीड़
प्रदूषण का सीधा असर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की सेहत पर पड़ रहा है। AIIMS समेत दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या 30% तक बढ़ गई है। खासतौर पर डायबिटीज, हाइपरटेंशन और क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीजों की समस्या बढ़ी है। जहरीली हवा में मौजूद PM 2.5 जैसे सूक्ष्म कण शरीर के अंदर जाकर खून के जरिए अंगों तक पहुंचते हैं और स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब दवाइयां भी उतनी असरदार नहीं रहीं, जिससे दवाओं की डोज बढ़ानी पड़ रही है।
किडनी पर प्रदूषण का असर
प्रदूषित हवा में मौजूद जहरीले मेटल्स जैसे कॉपर, लेड और मर्करी किडनी को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। ये तत्व किडनी में सिस्ट बनने का कारण बनते हैं और नेफ्रॉन को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके परिणामस्वरूप किडनी फेलियर, डायलिसिस, और ट्रांसप्लांट जैसे गंभीर स्थिति तक पहुंचना पड़ता है। किडनी कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं।
किडनी खराब होने के लक्षण
- यूरिन में जलन या संक्रमण
- पीठ दर्द और पैरों में सूजन
- सांस लेने में दिक्कत
- थकान और मसल्स में ऐंठन
किडनी की सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ आदतों को अपनाकर और 5 'S' (स्ट्रेस, स्मोकिंग, सॉल्ट, शुगर और सेडेंटरी लाइफस्टाइल) से बचकर किडनी को स्वस्थ रखा जा सकता है:
- स्वस्थ खानपान: गर्म और ताजा भोजन करें, सलाद और मौसमी फल शामिल करें, दही और छाछ को डाइट में जोड़ें। चीनी, नमक, चावल, रिफाइंड और मैदे से बचें।
- योग और आयुर्वेदिक नुस्खे: नियमित योग और आयुर्वेदिक उपचार जैसे गोखरू का पानी और पंचामृत (गिलोय, तुलसी, नीम, व्हीट ग्रास, एलोवेरा) अपनाएं।
- प्रोस्टेट समस्याओं के उपाय: लौकी का जूस, तुलसी और काली मिर्च का सेवन, और गोखरू-कांचनार का काढ़ा प्रभावी हो सकता है।
क्या वाकई शहर छोड़ने का वक्त आ गया है?
दिल्ली-NCR के प्रदूषण से बचने के लिए स्थायी समाधान की तलाश जरूरी है। हालांकि, फिलहाल व्यक्तिगत स्तर पर प्रदूषण से बचने के प्रयास, जैसे मास्क पहनना, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल, और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाना अनिवार्य हो गया है। सरकार और जनता को मिलकर प्रदूषण की इस चुनौती से लड़ना होगा, वरना आने वाला समय और कठिन हो सकता है।