Dashamoola Benefits: 10 जड़ी-बूटियों से बनने वाला दशमूल आर्थराइटिस की है रामबाण, महिलाओं के लिए भी कमाल की...
Dashamoola Benefits: दस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनने वाले दशमूल में उन समस्याओं का हल छुपा है, जिनका इलाज ढूंढने में आपको जाने कितने ही डाॅक्टरों के चक्कर काटने के बाद भी राहत नहीं मिलती। दशमूल को आर्थराइटिस से राहत दिलाने में सबसे ज्यादा प्रभावी माना गया है, लेकिन यही नहीं इसके अन्य कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। खासकर महिलाओं की पीरियड्स और गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान दशमूला के सेवन से संभव है। आज इस लेख में हम दशमूल के फायदों के बारे में जानेंगे।
दशमूल में शामिल हैं ये दस जड़ी-बूटियाँ
दशमूल को तैयार करने में दस जड़ी-बूटियों का संयोजन किया जाता है। जिसमें अग्निमंथ, गंभारी, पृश्निपर्णी, बिल्व, गोखरू, बृहती, कंटकारी, शालपर्णी, पटाला हर्बल और श्योनाक शामिल हैं।
दशमूल के फायदे
० ऑस्टियो आर्थराइटिस की रामबाण औषधि है दशमूल
ऑस्टियो आर्थराइटिस का दर्द इतना भयंकर होता है कि एक कदम आगे बढ़ाने में भी मरीजों की चीख निकल जाती है। दशमूल या दशमूलारिष्ट हड्डियों की सूजन को काफी हद तक कम कर देता है। यह दर्द पैदा करने वाली उत्तेजना को मंद करता है जिससे आर्थराइटिस रोगी के लिए जीवन की सामान्य गतिविधियां करना आसान हो जाता है।
० पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स में लाभप्रद
लड़कियों में मासिक धर्म की अनियमितता और पीसीओएस - पीसीओडी के मामले पिछले कुछ समय में बहुत तेजी से बढ़े हैं। आजकल बहुत सी माताएं अपनी बेटियों की मासिक धर्म की अनियमितता का इलाज कराने डाॅक्टरों के पास भटक रही हैं और चिंतित हैं कि विवाह के बाद उन्हें बांझपन का सामना न करना पड़े। दशमूल ऐसी स्थिति में लाभप्रद हो सकता है। इसके सेवन से पीरियड्स नियमित हो सकते हैं और हार्मोन असंतुलन के कारण होने वाली पीसीओएस जैसी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है। इसके लिए युवतियां दशमूलारिष्ट का सेवन कर सकती हैं।
० प्रसव के बाद महिलाएं करें दशमूल का सेवन
प्रसव के बाद महिलाओं को गर्भाशय से जुड़ी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दशमूल गर्भाशय को साफ करता है। उसकी कमजोरी दूर करता है, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है जिससे महिलाएं शरीर को स्वस्थ महसूस करती हैं। उनका दम लौट आता है।
० योनि की खुजली होती है दूर
महिलाओं में योनि की खुजली और कई बार ज्यादा व्हाइट डिस्चार्ज जैसी समस्याएं भी काॅमन हैं। दशमूल इन समस्याओं को भी दूर कर सकता है।
० नई मांओं के दूध में वृद्धि करता है दशमूल
जिन स्तनपान कराने वाली माताओं को कम दूध बनने की समस्या का सामना करना पडता है उन्हें भी दशमूल का सेवन करना चाहिए। इससे दूध बढ़ाने में मदद मिलेगी और बच्चे का पेट मां के दूध से ही भर जाएगा। ऊपर का दूध नहीं देना पड़ेगा।
० माइग्रेन के दर्द से मिलती है राहत
महिलाओं में माइग्रेन या आधे सिर का जानलेवा दर्द भी बहुत देखा जाता है। ऐसे में सिर में भयानक दर्द के साथ उल्टी करने की इच्छा, गैस, घबराहट जैसी समस्याओं का भी कुछ महिलाओं को सामना करना पड़ता है। दशमूल इन सभी समस्याओं को कम करता है।
० ह्रदय रोग से बचाव
दशमूल दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने में भी मददगार है क्योंकि यह खून के थक्के जमने से रोकता है।
० सांस रोगों में लाभदायक
दशमूल का सेवन उन लोगों के लिए भी लाभदायक है जो प्रायः खांसी, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा तक से पीड़ित हैं। दशमूल श्वसन पथ की सूजन को कम करता है। नली को खोलता है जिससे सांस से संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है।
० बुखार में देता है आराम
कुछ लोगों को शरीर में बुखार बने रहने की समस्या होती है। ऐसे लोगों को हर दो-चार दिन में बुखार का अहसास होता है। कई बार तेज बुखार भी आता है। ऐसे लोगों के लिए भी दशमूल का सेवन लाभप्रद है।
० पाचन से जुड़ी समस्याएं भी करता है दूर
इन प्रमुख फायदों के अलावा दशमूल गैस बनने समेत पाचन से जुड़ी अन्य समस्याएं भी दूर करता है।