Union Ministry of Health and Family Welfare: माइकोप्लाज्मा निमोनिया को लेकर मीडिया रिपोर्ट में गलत जानकारी पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान

Update: 2023-12-07 15:43 GMT

Union Ministry of Health and Family Welfare: New Delhi: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि एम्स दिल्ली ने चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि से जुड़े सात जीवाणु मामलों का पता लगाया है और समाचार रिपोर्ट को भ्रामक" करार दिया है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा : "एक राष्ट्रीय दैनिक की हालिया मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एम्स दिल्ली ने चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि से जुड़े सात जीवाणु मामलों का पता लगाया है। समाचार रिपोर्ट गलत जानकारी वाली है और भ्रामक जानकारी देती है। "

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इन सात मामलों का चीन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों से हाल ही में बच्चों में श्‍वसन संक्रमण में हुई वृद्धि से कोई संबंध नहीं है।

इसमें कहा गया है, "सात मामलों का पता एम्स दिल्ली में छह महीने की अवधि (अप्रैल से सितंबर 2023) में चल रहे अध्ययन के एक हिस्से के रूप में लगाया गया है और यह चिंता का कोई कारण नहीं है।"

इसमें आगे कहा गया है कि जनवरी 2023 से अब तक आईसीएमआर के मल्टीपल रेस्पिरेटरी पैथोजन सर्विलांस के एक हिस्से के रूप में एम्स दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में परीक्षण किए गए 611 नमूनों में "कोई माइकोप्लाज्मा निमोनिया" नहीं पाया गया, जिसमें मुख्य रूप से गंभीर तीव्र श्‍वसन बीमारी (एसएआरआई) शामिल थी, जिसमें वास्तविक समय पीसीआर द्वारा लगभग 95 प्रतिशत मामले शामिल थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय से प्राप्त निमोनिया का सबसे आम जीवाणु कारण है। यह ऐसे सभी संक्रमणों में से लगभग 15-30 प्रतिशत का कारण है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया, "भारत के किसी भी हिस्से से इस तरह की वृद्धि की सूचना नहीं मिली है।" इसने यह भी कहा कि वह राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और रोजमर्रा के आधार पर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

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