SBI ग्राहकों के लिए खुशख़बरी: बैंक ने MCLR में की कटौती, सस्ता होगा लोन…. आपकी किस्तों में पड़ेगा असर

Update: 2020-07-08 10:46 GMT

नई दिल्ली 8 जुलाई 2020। भारतीय स्टेट बैंक ने एमसीएलआर को लेकर बड़ा ऐलान किया है, उसने MCLR में 5 से 10 आधार अकों की कटौती की घोषणा की है। घटी हुई दरें 10 जुलाई 2020 से लागू हो जाएंगी, एसबीआई ने कहा कि यह कदम लोगों के नकदी संकट को कम करने के मद्देनजर उठाया गया है। मालूम हो कि बैंक ने 14वीं बार एमसीएलआर में कटौती की है।

एसबीआई ने इस तरह लगातार 14 वीं बार अपनी सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में कटौती की है। इस कटौती से एसबीआई की तीन महीने तक की अवधि के लिए एमसीएलआर घटकर 6.65 फीसद पर आ गई है। इससे पहले पिछले महीने एसबीआई ने अपनी एमसीएलआर में कटौती की थी। एसबीआई ने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर में 0.25 फीसद की कटौती की थी। यह कटौती 10 जून 2020 से लागू हुई थी।

दरअसल एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट कों के लिए लोन पर ब्याज दर तय करने के फॉर्मूले का नाम है, RBI के द्वारा बैंकों के लिए तय फॉर्मूला फंड की मार्जिनल कॉस्‍ट पर ही आधारित होता है। अप्रैल, 2016 से ही बैंक नए फॉर्मूले के तहत मार्जिनल कॉस्ट से लेंडिंग रेट तय करते आ रहे हैं, बैंकों की ओर से हर महीने इसके बारे में जानकारी देनी होती है।

इससे पहले मंगलवार को निजी सेक्टर के बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सभी अवधियों के लिए अपनी एमसीएलआर दरों में तत्काल प्रभाव के साथ कटौती की थी। बैंक ने सभी अवधि की MCLR में 0.20 फीसद की कटौती की है। ब्याज दर में की गई इस कटौती के बाद बैंक की MCLR अब 7.10 फीसद से 7.65 फीसद के बीच आ गई है। बैंक की एक दिन की MCLR 7.10 फीसद, एक माह की MCLR 7.15 फीसद, एक साल की MCLR 7.45 फीसद और तीन साल की एमसीएलआर 7.65 फीसद हो गई है।

मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट का उद्देश्य ग्राहक को कम इंटरेस्‍ट रेट का फायदा देकर बैकों के लिए इंटरेस्‍ट रेट तय करना है, जिससे ग्राहकों को सस्ता लोन मिलता है, पहले ऐसा नहीं होता था इसलिए ग्राहकों को सस्ते लोन के लिए काफी इंतजार करना होता था।

Tags:    

Similar News