Rama Ekadashi 2023 Significance: रमा एकादशी का क्या महत्व होता है, यह कब मनाया जाता है, जानिए शुभ मुहूर्त और योग

Rama Ekadashi 2023 Significance: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में रमा एकादशी होती है। इसदिन लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है। भगवान विष्णु की पूजा मां लक्ष्मी के बिना अधूरी होती है , जानते हैं...

Update: 2023-11-02 15:14 GMT

Rama Ekadashi 2023 Significance: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। यह एकादशी  दिवाली से सिर्फ दो दिन पहले पड़ती है। इस एकादशी को रम्भा एकादशी , कार्तिक कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी को मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से श्री हरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिलने के साथ मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पारण का समय से लेकर महत्व तक।

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 8 नवंबर 2023 को सुबह 08 . 23 मिनट पर शुरू होगी , जो अगले दिन 9 नवंबर 2023 को सुबह 10 .41 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में व्रत 9 नवंबर 2023 को रखा जाएगा।

रमा एकादशी का महत्व

बता दें कि रमा एकादशी चातुर्मास की आखिरी एकादशी होती है। इसके बाद देवउठनी एकादशी आती है। इसके साथ ही दिवाली से पहले रमा एकादशी पड़ती है। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। माता लक्ष्मी को रमा नाम से भी जानते हैं। इसलिए इसे रमा एकादशी के नाम से जानते हैं। इसलिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की इस एकादशी को भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। इससे सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है।

रमा एकादशी को पुण्य कर्म के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसे भगवान विष्णु के सबसे प्रिय एकादशी में से एक माना जाता है। पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन से रमा एकादशी का व्रत रखता है, उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों और समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही वाजपेय यज्ञ के बराबर फल मिलता है।

रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पारण का समय

रमा एकादशी के दिन पूजा 9 नवंबर को सुबह 06. 9 मिनट से सुबह 08 बजे तक होगी।रमा एकादशी का पारण 10 नवंबर 2023 को किया जाएगा। इस दिन आप सुबह 06 .39 मिनट से सुबह 08 बजकर 50 मिनट के बीच होगा।इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। भोग में भगवान को पीले रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए। भगवान विष्णु को परमा एकादशी पर बेसन के पीले लड्डूओं का भोग लगाना शुभ है।

रमा एकादशी का शुभ योग 

रमा एकादशी व्रत कामधेनु गाय को घर में रखने के समान फल देती है. ये व्रत करने से समृद्धि और संपन्नता बढ़ती है। इस व्रत को करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं। इस साल रमा एकादशी पर बहुत शुभ योग का संयोग बन रहा है, जानें।रमा एकादशी इस बार गुरुवार के दिन पड़ रही है, जो विष्णु जी को अति प्रिय है. इसके अलावा रमा एकादशी के दिन कन्या राशि में शुक्र और चंद्रमा की युति से कलात्मक योग बन रहा है।  कलात्मक योग से कुछ राशियों को धन-वैभव की प्राप्ति होती है. मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. इस दिन तुला राशि में सूर्य-मंगल भी एक साथ विराजमान रहेंगे. सूर्य-मंगल की युति व्यक्ति अपने जीवन में बड़ी सफलता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध होता है। के साथ ही रमा एकादशी पर गोवत्स द्वादशी का संयोग भी बन रहा है. इसमें गाय की पूजा की जाती है, इसे बछ बारस भी कहते हैं. गाय की पूजा से मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं. इस दिन प्रदोषकाल गोवत्स द्वादशी पूजा का मुहूर्त - शाम 05.30 - रात 08:०८




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