Chhath Puja Nahay Khay: छठ पूजा के पहले दिन क्यों खाई जाती है लौकी भात? जानिए इसका धार्मिक महत्व

Chhath Puja Nahay Khay: छठ पूजा हिंदू धर्म का बेहद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. 4 दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि आज 5 नवंबर से हो रही है.

Update: 2024-11-05 03:41 GMT

Chhath Puja Nahay Khay: छठ पूजा हिंदू धर्म का बेहद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. 4 दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि आज 5 नवंबर से हो रही है. छठ के शुरुआत पहले दिन नहाय खाय से होती है. जिसे कदुआ भात भी कहा जाता है. आज व्रती महिलाएं तालाब और नदी में स्नान करके कद्दू (लौकी ) की सब्जी और भात खाकर व्रत का संकल्प लेंगी. साथ ही घर की सफाई और खुद को छठ पूजा के लिए तैयार करती है. इसके भी कुछ खास नियम होते हैं. जिनका पालन करना जरूरी होता है. तो चलिए जानते हैं नहाय खाय के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए. 

नहाय खाय में क्या होता है

नहाय खाय के दिन सबसे पहले पूरे घर की सफाई की जाती है. 

इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले आस-पास के किसी तालाब और नदी में स्नान करती हैं. 

व्रती भगवान सूर्य को जल अर्पित करती है और विधि-विधान से छठ पूजा का व्रत लेने का संकल्प लेती हैं.  

इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए. छठ महापर्व में केवल व्रती को नहीं बल्कि पूरे परिवार को सात्विक भोजन करना होता है. 

इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी, चने की दाल और भात यानी चावल बनाया जाता है और भगवान को भी चढ़ाया जाता है.

नहाय खाय के दिन व्रती भात, चना दाल और कद्दू या लौकी सब्जी खाती है.

छठ पूजा के दौरान खाने में शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है.

व्रत के लिए बनाया गया खाना पहले व्रती खाती है और उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य खा सकते हैं. 

नहाय खाय का धार्मिक महत्व 

छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही पर्व की शुरुआत होती है. नहाय खाय के दिन व्रती सात्विक आहार ग्रहण कर खुद को पावन और पवित्र छठ पूजा के लिए तैयार करते हैं. नहाय खाय के दिन स्नान करने और शुद्ध भोजन करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं. 

नहाय खाय के दिन क्यों खाया जाता है लौकी भात

नहाय-खाय के दिन कद्दू(लौकी) भात का सेवन करने की परंपरा है. इसी से व्रत की शुरुआत होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन लौकी और चावल क्यों खाया जाता है. दरअसल  हिन्दू धर्म में लौकी को बहुत पवित्र माना जाता है. वहीँ, लौकी में कई पोषक तत्व होते हैं और इसके कई फ़ायदे हैं. लौकी में फ़ाइबर और पानी की मात्रा ज़्यादा होती है. साथ ही विटामिन बी, सी, ए, के, ई, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. लौकी एक उत्कृष्ट इम्युनिटी बूस्टर भी है. चने की दाल को लेकर मान्यता है कि चने की दाल बाकी दालों में सबसे अधिक शुद्ध होती है. ऐसे में नहाय-खाय के दिन लौकी की सब्जी और चना दाल का सेवन करना चाहिए. ताकि व्रत स्वस्थ रहे. 

कब है छठ पूजा

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 05 नवंबर 2024 यानी नहाय खाय से हो रही है. बुधवार 6 नवंबर यानी पंचमी को खरना मनाया जाएगा. षष्ठी 7 नवम्बर को संध्या अर्घ्य है. वही सप्तमी तिथि 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन होगा.

नहाय खाय - मंगलवार 5 नवंबर 2024

खरना - बुधवार 6 नवंबर 2024

संध्या अर्घ्य - गुरुवार 7 नवंबर 2024

उषा अर्घ्य - शुक्रवार 8 नवंबर


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