Aghor Aashram Jashpur: सीएम विष्णुदेव पहुंचे अघोरेश्वर आश्रम, बाबा संभव रामजी से लिया आर्शीवाद, केंद्रीय मंत्री मांडविया भी थे साथ में...

Aghor Aashram Jashpur: जशपुर में सफल पदयात्रा कार्यक्रम के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अघोरेश्वर आश्रम गम्हरिया पहुंचे। उन्होंने अध्यात्मिक गुरू बाबा संभव राम से आर्शीवाद ग्रहण किया।

Update: 2024-11-13 10:32 GMT

Aghor Aashram Jashpur: जशपुर। जशपुर में सफल पदयात्रा कार्यक्रम के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समय निकालकर अघोरेश्वर आश्रम गम्हरिया पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय युवा, खेल और श्रम मंत्री मनसुख मांडविया और छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी थे। जशपुर में आज माटी के वीर जनजातीय गौरव यात्रा निकाली गई थी। जिसमें हिस्सा लेने मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहुंचे थे। पदयात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल थे।


मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री करीब आधे घंटे अघोरेश्वर आश्रम में रहे। उन्होंने गुरूपद बाबा संभव रामजी से आर्शीवाद ग्रहण किया और उनसे चर्चा की। बता दें, जशपुर में दो अघोरेश्वर आश्रम है। एक गम्हरिया और दूसरा सोगड़ा में। अघोरेश्वर आश्रम के प्रति मुख्यमंत्री की प्रारंभ से ही गहरी आस्था रही है। मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद वे सबसे पहले सोगड़ा आश्रम पहुंचकर बाबा के समक्ष मत्था टेके थे। बाबा संभव राम उनके अध्यात्मिक गुरू हैं। आश्रम के लगभग सभी कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री शुरू से शामिल होते रहे हैं।


सर्वेश्वरी समूह के नाम से जाने जाने वाले अघोरेश्वर आश्रम मानव कल्याण पर्यावरण के क्षेत्र में काम करता है। कुष्ठों की सेवा के लिए आश्रम को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी आश्रम का नाम दर्ज है। सर्वेश्वरी समूह के देश भर में कई आश्रम और उसकी शाखाएं हैं। इसका मुख्य कार्यालय वाराणसी में है। सर्वेश्वरी समूह इस समय फकीरी और आयुर्वेदिक पद्धति से मिर्गी का अचूक इलाज कर रहा है। इसके लिए विभिन्न जगहों पर कैंप लगाए जा रहे हैं। वो भी बिना किसी शुल्क के। मरीज और उसके परिजनों को आश्रम में रहने के साथ ही खाना-पीना सब कुछ आश्रम व्यय करता है।

ज्ञातव्य है, जशपुर का सोगड़ा आश्रम उस समय देश में चर्चा में आया था, जब अघोरेश्वर भगवान राम से मिलने गए शीर्षस्थ राजनेता चंद्रशेखर को आईये भावी प्रधानमंत्री कह कर बाबा ने संबोधित किया था। और उसके पखवाड़े भर में चमत्कारिक ढंग से चंद्रशेखर भारत के प्रधानमंत्री बन गए थे। बाबा के भक्त देश भर में फैले हुए हैं।

जानिये अघोर क्या होता है :-

अघोरेश्वर भगवान राम ने विध्यांचल के घने जंगलों और वाराणसी के गंगा किनारे के इलाकों में कठिन साधना की। इसके बाद उन्होंने अघोर पीठ की स्थापना की। अघोर का मतलब होता है, जो कठिन न हो। जीवन में सहजता हो। भाईचारा हो। मानव मात्र में प्रेम हो। बंधन हो तो सिर्फ कर्मठता, ईमानदारी और मानव कल्याण का।

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