सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलते अमरुद राम गुज़र गए.. कोरोना के डर से रिश्तेदारों ने शव को हाथ तक नहीं लगाया..चार युवकों ने दिया काँधा.. और किया अंतिम संस्कार

Update: 2021-05-11 10:00 GMT

जशपुर,11 मई 2021। ज़िले के बटईकेला निवासी 65 वर्षीय अमरूद राम की मौत हो गई, होने को यह मौत सामान्य मौत थी लेकिन लंबे अरसे सामाजिक बहिष्कार झेल रहे अमरुद राम के शव को संस्कार के लिए कोई रिश्तेदार मुहैया नहीं हुआ,इसकी वजह सामाजिक बहिष्कार कम कोरोना का डर ज्यादा था।
स्थानीय मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक की सामान्य मौत 9 मई को हुई, लेकिन समाज से बहिष्कृत किये जाने की वजह से समाज के लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए और मृतक की कोरोना जांच नहीं होने की वजह से रिश्तेदारों ने भी शव को हाथ नहीं लगाया, जिसकी वजह से दस मई की दोपहर तक भी मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया।
यह बात जब बटईकेला गांव के ही चार युवक आशीष कुंज, विजय प्रजापति ,विवेक पटेल और रवि पांडे को पता चली तो उन्होने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पीपीई किट पहनकर शव का अंतिम संस्कार संपन्न किया।मृतक की पत्नी वृद्ध है एवं पुत्री दिल्ली में रहती है जिसके कारण निकटतम रक्त संबंधियों में उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था।

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