सहायक शिक्षकों की भर्ती केस: हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक विज्ञान के एक-एक पद रिक्त रखने के दिए निर्देश
बिलासपुर, 8 जून 2022। सहायक शिक्षक (विज्ञान) के पदो पर भर्ती में अपात्र किए गए अभ्यर्थियों की याचिका हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है कि प्रत्येक याचिकाकर्ता के लिए सहायक शिक्षक (विज्ञान) के एक-एक पद याचिका के अन्तिम फैसले तक रिक्त रखा जावे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में यह मामला कुछ इस तरह से आया था कि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 09 मार्च 2019 को सहायक शिक्षक (विज्ञान) के कुल 4000 पदों पर भर्ती एवं नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था। उक्त पद पर भर्ती हेतु कोरबा जिले के गजेन्द्र जगत, कबीरधाम जिले के अजय कुमार और राकेश, बलौदाबाजार जिले के बुद्धेश्वर पटेल, बिलासपुर जिले की अनीता मरकाम, बालोद जिले के सोनसाय साहू आदि ने वान्छित शैक्षिक योग्यताओं के आधार पर ई एवं टी संवर्ग में आवेदन किया तथा लिखित परीक्षा में मेरिट अभ्यर्थी के रूप में सफल हुए। इस आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर ने 27 मई 2022 को इनके दस्तावेज व प्रमाणपत्रों के सत्यापन हेतु बुलवाया। किन्तु मूल दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी ने इन्हें हायर सेकण्डरी परीक्षा में 50 प्रतिशत से भी कम अंक प्राप्त करने का कारण दर्शाते हुए उक्त पत्र हेतु अपात्र घोषित कर दिया। जबकि याचिकाकर्ता वर्ष 2013 में योग्यता डीएड की डिप्लोमाधारी है तथा वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण है। एवं अनुसूचित जनजाति संवर्ग का अभ्यर्थी भी है।
क्षुब्ध होकर इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से रिट याचिका दायर करवाई थी याचिका में मुख्य आधार यह लिया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा 29 जुलाई 2011, राज्य शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद एवं छत्तीसगढ़ डीएड प्रवेश नियम, 2008 में निर्धारित दिशानिर्देशों के मुताबिक जिन अजा/अजजा / अपिव / शावि अभ्यर्थियों का आरक्षण है। उनकी शैक्षिक योग्यता में 5 प्रतिशत तक की छूट अर्थात 45 प्रतिशत अंकों के साथ कक्षा बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को भी इस पद पर भर्ती हेतु पात्रता होती है। इसी प्रकार *बीएड अथवा डीएड के डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को भी इस पद में नियुक्ति की पात्रता होती है।
याचिका की सुनवाई के दौरान यह भी दलील दी गई कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा ( शिक्षा व प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती व पदोन्नति नियम, 2019 के नियम 8 (2) के नियम भी स्वतन्त्र व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक लागू होते हैं।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति
जस्टिस गौतम चौरड़िया जी की कोर्ट ने इस रिट याचिका की सुनवाई करते हुए यह न्यायिक आदेश पारित किया कि प्रत्येक याचिकाकर्ता के लिए सहायक शिक्षक (विज्ञान) के एक-एक पद याचिका के अन्तिम फैसले तक रिक्त रखा जाये। उत्तरवादियों को जवाब हेतु आदेशित करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह अन्तरिम राहत दी है।