Election code of conduct: आचार संहिता: तैयारी पूरी, कल-परसों हो सकती है चुनाव की घोषणा, जानिए क्‍या कहते हैं जानकर

Election code of conduct: छत्‍तीसगढ़ सहित पांचों चुनावी राज्‍यों में आचार संहिता की उल्‍टी गिनती शुरू हो चुकी है। इन राज्‍यों के लिए कल या परसो आयोग चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर सकता है।

Update: 2023-10-05 13:20 GMT

Election code of conduct: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ सहित पांचों चुनावी राज्‍यों के लिए चुनाव आयोग कल (06 अक्‍टूबर) चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर सकता है। इसके साथ ही चुनावी राज्‍यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी। राज्‍य के आला अफसर भी यह मानकर बैठे हैं कि कल चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो जाएगी। यदि किसी कारणवश कल नहीं हुई तो शनिवार को हर हाल में आयोग आचार संहिता लागू कर देगा।

आचार संहिता को लेकर अफसरों का अपना आंकलना है। एक आला अधिकारी के अनुसार सामान्‍यत: आयोग चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा शुक्रवार को करता है, नहीं तो शनिवार को। इससे शनिवार और रविवार को तैयारी करने का मौका मिल जाता है और सोमवार से फुल फ्लैश काम शुरू हो जाता है। अफसरों के अनुसार चुनाव कार्यक्रमों को लेकर अब तक का ट्रेंड यही रहा है। छत्‍तीसगढ़ में 2018 में चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा 6 अक्‍टूबर शनिवार को हुई थी।

Election code of conduct: चुनावी तैयारी की अंतिम अध्‍याय भी पूरा

मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन को किसी भी चुनाव तैयारी का अंतिम अध्‍याय मना जाता छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने कल पत्रकार-वार्ता को संबोधित हुए मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि राज्य में कुल दो करोड़ तीन लाख 60 हजार 240 मतदाता हैं। इनमें एक करोड़ एक लाख 20 हजार 830 पुरूष, एक करोड़ दो लाख 39 हजार 410 महिला और 790 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- आचार संहिता की हड़बड़ी: दफ्तरों में सरपट दौड़ रही खरीदी-सप्लाई की फाइलें, देर रात तक चल रहा काम

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लागू होने के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में चुनाव के दावेदारों और संभावित प्रत्याशियों से लेकर पार्टी दफ्तरों में जितनी हड़बड़ी नहीं है, उससे ज्यादा भागमभाग दफ्तरों में दिख रही है। आलम यह है कि मंत्री के बंगलों से लेकर अफसरों के बंगले और दफ्तरों तक देर रात तक काम हो रहा है। कुछ खटराल किस्म के अफसर हर हाल में दो चार दिनों में खरीदी-सप्लाई और निर्माण से जुड़े वर्कऑर्डर जारी करने में जुटे हुए हैं। इसमें चुनावी चंदे की भी चर्चा शुरू हो गई है। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

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