Chhattisgarh Top News Todayरायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए सोमवार का दिन खुशनुमा रहा. प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय के इस्तीफे के बाद भाजपा में भूचाल मचा रहा और कांग्रेस ने खुशी के साथ साय का पार्टी में वेलकम किया. सीएम भूपेश बघेल और उनके करीबी लोगों ने बड़ी खामोशी के साथ 'ऑपरेशन साय' को अंजाम दिया कि भाजपा को संभलने का भी मौका नहीं मिला. चुनाव से पहले दूसरे राज्यों में भाजपा कांग्रेस या सत्ताधारी दलों में इसी तरह तोड़-फोड़ करती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा का बड़ा विकेट गिरा दिया. इससे सीएम बघेल का कद बढ़ गया, क्योंकि यह एक नेता के पार्टी में शामिल होने का मामला नहीं बल्कि खांटी संघी और भाजपाई को कांग्रेस में शामिल करने जैसा मामला है. आदिवासी क्षेत्रों में साय को खासतौर पर प्रोजेक्ट किया जा सकता है. खासकर सरगुजा संभाग में उन्हें फोकस करने की तैयारी है. साय के कांग्रेस प्रवेश का सेलिब्रेशन चल ही रहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण पर लगी रोक हटा दी. यह सरकार के गले की फांस बन गई थी, क्योंकि न बड़े पैमाने पर भर्तियां रुक गई थी, बल्कि नए शिक्षा सत्र में एडमिशन में भी परेशानी आती. सरकार के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है, इस बात से ही समझ सकते हैं कि सीएम बघेल ने आज मजदूर दिवस के कार्यक्रम से फ्री होते ही तुरंत हाई लेवल मीटिंग बुलाई और मिशन मोड पर भर्तियां करने के निर्देश दिए. टॉप न्यूज में आगे पढ़ें, मजदूरों की बल्ले-बल्ले, आईएएस-आईपीएस ने किस तरह मजदूर दिवस पर बोरे-बासी का लुत्फ उठाया और डीईओ पर क्यों गाज गिरी...
Chhattisgarh Top News Todayरायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए सोमवार का दिन खुशनुमा रहा. प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय के इस्तीफे के बाद भाजपा में भूचाल मचा रहा और कांग्रेस ने खुशी के साथ साय का पार्टी में वेलकम किया. सीएम भूपेश बघेल और उनके करीबी लोगों ने बड़ी खामोशी के साथ 'ऑपरेशन साय' को अंजाम दिया कि भाजपा को संभलने का भी मौका नहीं मिला. चुनाव से पहले दूसरे राज्यों में भाजपा कांग्रेस या सत्ताधारी दलों में इसी तरह तोड़-फोड़ करती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा का बड़ा विकेट गिरा दिया. इससे सीएम बघेल का कद बढ़ गया, क्योंकि यह एक नेता के पार्टी में शामिल होने का मामला नहीं बल्कि खांटी संघी और भाजपाई को कांग्रेस में शामिल करने जैसा मामला है. आदिवासी क्षेत्रों में साय को खासतौर पर प्रोजेक्ट किया जा सकता है. खासकर सरगुजा संभाग में उन्हें फोकस करने की तैयारी है. साय के कांग्रेस प्रवेश का सेलिब्रेशन चल ही रहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण पर लगी रोक हटा दी. यह सरकार के गले की फांस बन गई थी, क्योंकि न बड़े पैमाने पर भर्तियां रुक गई थी, बल्कि नए शिक्षा सत्र में एडमिशन में भी परेशानी आती. सरकार के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है, इस बात से ही समझ सकते हैं कि सीएम बघेल ने आज मजदूर दिवस के कार्यक्रम से फ्री होते ही तुरंत हाई लेवल मीटिंग बुलाई और मिशन मोड पर भर्तियां करने के निर्देश दिए. टॉप न्यूज में आगे पढ़ें, मजदूरों की बल्ले-बल्ले, आईएएस-आईपीएस ने किस तरह मजदूर दिवस पर बोरे-बासी का लुत्फ उठाया और डीईओ पर क्यों गाज गिरी...