Chhattisgarh News: शिक्षक और सहायक प्राध्यापक के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
NPG न्यूज
Chhattisgarh News: बिलासपुर। सहायक शिक्षक एलबी के स्थानांतरण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक लगा दी है। पूरा मामला इस प्रकार है...शमीम खान वर्तमान में सहायक शिक्षक एल बी के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला मोहलाइनभाटा विकासखंड कटघोरा मैं उर्दू शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं।इनका स्थानांतरण शासन के आदेश 10 सितंबर 2022 को कलेक्टर कोरबा द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला करमटिया मैं किया गया। उक्त स्थानांतरणआदेश से परीवेदित होकर शमीम खान ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की याचिका में यह आधार लिया गया कि याचिकाकर्ता उर्दू विषय के एकमात्र शिक्षक हैं इनके स्थानांतरण से उर्दू विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या शून्य हो जाएगी जोकि छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 के कंडिका 3.2 का उल्लंघन है। तथा जहां पर याचिकाकर्ता का इस स्थानांतरण हुआ है वहां पर उर्दू विषय के छात्रों की संख्या नगण्य है। जबकि जहां पर याचिकाकर्ता पदस्थ हैं वहां पर उर्दू विषय के छात्रों की संख्या 20 से अधिक है इनके स्थानांतरण हो जाने से शिक्षा प्रभावित होगी मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के जस्टिस पीपी साहू के यहां हुई न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि 10 दिन के भीतर कमेटी के समक्ष अभ्यावेदन दोस्त करेंगे और कमेटी 4 सप्ताह के भीतर निर्णय लेगी तब तक स्थानांतरण आदेश पर रोक लगी रहेगी
इसी तरह सहायक प्रयाधापक भौतिकी रश्मि जैन जोकि वर्तमान में सहायक प्राध्यापक भौतिकी के पद पर शासकीय शासकीय महाविद्यालय तखतपुर में पदस्थ हैं। उनका स्थानांतरण शासन के आदेश 30 सितंबर 2022 को अवर सचिव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय तखतपुर जिला बिलासपुर से ठाकुर शोभा सिंह शासकीय महाविद्यालय पत्थलगांव जिला जशपुर किया गया एवं उनके जगह में स्वयं के व्यय पर राकेश कुमार कुर्रे का स्थानांतरण किया गया। उक्त स्थानांतरण आदेश से परीवेदित होकर श्रीमती रश्मि जैन ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की याचिका में यह आधार लिया गया कि याचिकाकर्ता एक महिला कर्मचारी है इनका स्थानांतरण अनुसूचित क्षेत्र जिला जसपुर किया गया है साथ ही साथ इनके पुत्र जो 40% विकलांग है इनका इलाज अपोलो अस्पताल बिलासपुर और अन्य प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि राकेश कुमार का स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर याचिकाकर्ता के स्थान पर हुआ है इसलिए याचिकाकर्ता का प्रशासनिक का स्थानांतरण गलत है साथ ही साथ छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना के संबंध में नीति नीति निर्देश के अनुसार महिला अधिकारी को अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापना से मुक्त रखा गया है मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के जस्टिस पीपी साहू के यहां हुई क्योंकि याचिका में याचिकाकर्ता ने मेडिकल आधार पर आवेदन किया है इसलिए राज्य शासन को इनके मामले पर विचार करना चाहिए इसलिए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि 1 सप्ताह के भीतर कमेटी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे और कमेटी 4 सप्ताह के भीतर निर्णय लेगी तब तक याचिकाकर्ता की यथास्थिति बनी रहेगी उक्त निर्देशों के साथ याचिका को निराकृत किया गया