CG PSC: PSC से गुपचुप विदा हो गए सोनवानी: जानिए...कौन बनेगा पीएससी का अध्‍यक्ष, सीएम सचिवालय में पहुंची फाइल

CG PSC: रिश्‍तेदारों के सेक्‍शन की वजह से पीएससी फिर एक बार विवादों में है।यह विवादित लिस्‍ट 6 सितंबर को जारी हुआ है। ठीक इसके दो दिन बाद चेयरमैन सोनवानी भी पीएससी से गुपचुप विदा हो गए हैं।

Update: 2023-09-20 07:34 GMT

CG PSC: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) फिर एक बार विवादों में है। अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों की नियुक्ति के आरोपों के बीच मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट को 18 नामों की एक सूची सौंपी गई है, जिनका सलेक्शन हुआ है। इनमें पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी (पूर्व इसलिए क्‍योंकि सोनवानी रिजल्‍ट जारी करने के दूसरे ही दिन पद छोड़ चुके हैं) के बेटा- बहू व अन्‍य रिश्‍तेदारों के साथ ही कुछ अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों के नाम शामिल हैं। रिश्‍तेदारों के सलेक्शन की वजह से विवादों में आया यह लिस्‍ट 6 सितंबर को जारी हुआ है। ठीक इसके दो दिन बाद चेयरमैन सोनवानी भी पीएससी से गुपचुप रिटायर हो गए। 

सोनवानी के हटते ही सरकार ने पीएससी के लिए नए अध्‍यक्ष की तलाश तेज कर दी है। इस पद के लिए सरकार के पास राज्‍य में ज्‍यादा विकल्‍प नहीं है। नए अध्‍यक्ष की नियुक्ति का फाइल सीएम सचिवालय तक पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि ब्‍यूरोक्रेट या किसी शिक्षाविद को मौका मिला सकता है। या फिर सरकार थोड़े समय के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है। पीएससी में अब तक 4 बार कार्यवाहक अध्‍यक्ष की नियुक्ति हुई है।

नए चेयरमैन के लिए इस एक नाम की चर्चा जोरों पर

सरकार के सूत्रों के अनुसार पीएससी के नए चेयरमैन के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है, वे सभी ब्‍यूरोक्रेट हैं। इनमें सबसे पहला नाम आईएएस डॉ. संजय कुमार अलंग का नाम सबसे ज्‍यादा चर्चा में है। 2004 बैच के आईएएस डॉ. अलंग अभी रायपुर संभाग के आयुक्‍त हैं। उनकी सर्विस अभी करीब 10 महीने बची है। डॉ. अलंग जुलाई 2024 में सेवानिवृत्‍त होंगे। ऐसे में सरकार पीएससी चेयरमैन के पद पर उनकी नियुक्ति करती है तो उनका कार्यकाल लगभग ढ़ाई साल का होगा। डॉ. अलंग छत्‍तीसगढ़ के ही हैं। इसी तरह आईएएस रीता शांडिल्‍य व जीआर चुरेंद्र सहित कुछ और नामों पर सरकार विचार कर रही है।

सीजी पीएससी का विवादों से रिश्‍ता पुराना

छत्‍तीसगढ़ पीएससी का विवादों से पुराना नाता रहा है, या यह कहें कि सीजी पीएससी के ज्‍यादार चेयरमैन का कार्यकाल विवादों में रहा है, तो गलत नहीं होगा। आईपीएस अशोक दरबारी यानी पीएससी के दूसरे चेयरमैन के कार्यकाल में 2005 में हुई नियुक्तियों को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा दरबारी सस्‍पेंड कर दिए गए, लेकिन किसी भी चयनित की नौकरी नहीं गईं।

छत्‍तीसगढ़ पीएससी के अब तक के अध्‍यक्ष और उनका कार्यकाल

श्रीमोहन शुक्ल 

आईपीएस (सेवानिवृत्त) 

26-05-2001 से 02-10-2004 तक

अशोक दरबारी 

आईपीएस (सेवानिवृत्त) 

22-10-2004 से 20-04-2008 तक

बी.एल.ठाकुर 

आईएएस (सेवानिवृत्त) 

12-09-2008 से 23-08-2011 तक

प्रोफेसर (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी 


01-10-2011 से 11-05-2015 तक

आर.एस. विश्वकर्मा 

आईएएस (सेवानिवृत्त) 

12-06-2015 से 16-01-2017 तक

के.आर. पिस्दा 

आईएएस (सेवानिवृत्त) 

17-01-2017 से 01-06-2020 तक

टामन सिंह सोनवानी 

आईएएस (सेवानिवृत्त)

 02-06-2020 से 08-09-2023 तक

अब तक के कार्यवाह अध्‍यक्ष

डॉ. खेलन राम जांगड़े 

19-09-2006 से 26-05-2007

नरेन्द्र सिंह भदौरिया 

04-06-2007 से 09-08-2008

डॉ. दुर्गाशरण चन्द्र 

26-08-2011 से 30-09-2011

एम. एस. पैकरा 

22-05-2015 से 13-06-2015

यह भी पढ़ें- Chhattisgarh PSC स्कैमः राजभवन मौन रहा, सरकार के हाथ बंधे हुए, खलको, अल्मा का खेला कर PSC चेयरमैन रिटायर हो सुरक्षित घर चले गए

रायपुर। रिजल्ट में भाई-भतीजावाद को लेकर पीएससी एक बार फिर विवादों में है। इसमें अनेक सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़ा घोटाला हुआ तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई...? पीएससी चेयरमैन का पद संवैधानिक पद है...उनके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? पीएससी चेयरमैन के खिलाफ राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। उसे हटाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत चाहिए। अधिक-से-अधिक ये नियुक्तिकर्ता की हैसियत से राज्यपाल फौरी तौर पर सस्पेंड कर सकते हैं। जैसे 2005 में जब पीएससी घोटाला हुआ था तो तत्कालीन राज्यपाल केएम सेठ ने पीएससी प्रमुख अशोक दरबारी को सस्पेंड कर दिया था। मगर इस बार पीएससी 2021 में घोटालों का भंडाफोड़ हुआ तो राजभवन मौन ओढ़े रहा। दरअसल, राजभवन के सचिव अमृत खलको के दोनों बेटे-बेटी का डिप्टी कलेक्टर में सलेक्शन हुआ है। सो, राजभवन के मौन पर बहुतेरे सवाल खड़े हो रहे हैं। आगे पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

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