CG-कट्टे की नोक पर इंटीरियर डिजायनर का अपहरण, रास्ते में मारपीट, अपहरणकर्ताओं को पकड़ने पुलिस की पांच टीम जुटी

Update: 2023-06-03 14:58 GMT

रायपुर। राजधानी में इंटीरियर डिजायनर के अपहरण मामले में पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले है। आरोपियों ने कट्टे की नोक पर सिद्धार्थ आशटकर का किडनैप किया था। इस दौरान आरोपियों ने सिद्धार्थ से मारपीट भी की थी। किडनैपिंग के दौरान चार आरोपियों में एक आरोपी रास्ते में ही उतर गया था। पुलिस की नाकेबंदी को देख बाकी अपहरणकर्ताओं ने सिद्धार्थ को कवर्धा में ही छोड़ दिया और फिर तीनों उसी कार में सवार होकर फरार हो गए।

चार किडनैपर्स का सुराग

पुलिस को जांच में चार किडनैपर्स के बारे में पता चला है। इन अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए सायबर, क्राइम और थाना पुलिस को मिलाकर पांच टीम बनाई गई है। टीम में दो एडीशन एसपी, एक IPS, CSP सहित थाने की पुलिस शामिल है। इस पूरे घटनाक्रम की मॉनिटरिंग खुद एसएसपी प्रशांत अग्रवाल कर रहे हैं। पुलिस की टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए यूपी, महाराष्ट्र, एमपी सहित अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही अपहरणकांड में शामिल लोगों की गिरफ्तारी कर इस मामले का खुलासा किया जाएगा।

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पूछताछ में संदेह

पीड़ित युवक से पूछताछ में अभी किसी तरह की कोई जानकारी सामने निकालकर नहीं आ पाई है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित के कई बयान ऐसे है जो पुलिस को गुमराह कर रहे है। फिलहाल पुलिस इन सब मामलों में पूछताछ कर रही है। साथ ही दुकान में काम करने वाले कर्मचारी उपेंद्र साव से भी इस संबंध में पूछताछ जारी है। दुकान में काम करने वाले कर्मचारी उपेंद्र साव ने ही इस पूरे घटनाक्रम को देखा और इसकी शिकायत डीडी नगर थाने में की थी। नीचे पढ़ें FIR की कॉपी...

 ''मैं ग्राम बरनईदादार थाना सांकरा जिला महासमुंद का रहने वाला हूं। वतर्तमान में सिद्धार्थ आशटकर के हास्टल डंगनिया बाजार के पीछे रायपुर में रहता हूं। इंटीरियर पेराडाइस वालपेपर शाप डंगनिया मोड में लगभग 5 माह से काम कर रहा हूं। प्रतिदिन सुबह 11.00 बजे से रात 08.30 बजे तक दुकान खुला रहता है। आज दिनांक 02.06.2023 को रात्रि लगभग 08.25 बजे दुकान मालिक सिद्धार्थ आशटकर घर चले गये थे मैं दुकान बंद कर रहा था तभी दो ग्राहक दुकान में वालपेपर देखने आये और सिद्धार्थ भैया को पूछे तो मेरे द्वारा बताया गया कि घर चले गये है तब ग्राहक द्वारा सिद्धार्थ भैया को फोन लगाकर बुलाये तब सिद्धार्थ भैया दुकान आये और ग्राहक को वालपेपर दिखाये। ग्राहक द्वारा वालपेपर पसंद कर चले गये। उनके जाने के बाद हम लोग दुकान लगभग 08.50 बजे बंद कर रहे थे तभी एक स्लेटी कलर का कार दुकान के सामने आकर रूकी जिसमें से तीन व्यक्ति उतरे और दुकान के अंदर आ गये। सिद्धार्थ भैया और मैं, ग्राहक है समझकर उनके पीछे दुकान के अंदर आये तब तीन व्यक्ति में से एक व्यक्ति दुकान का आलमारी व ड्राज को टटोलने लगा और सामान को फैंकने लगा। सिद्धार्थ भैया द्वारा क्या हो गया, क्यों एसे कर रहे हो कहने पर बताते है, तीनों लोग कह रहे थे मुझे भी धमकी देकर एक किनारे खडे रहने बोले और मेरे मेाबाईल को ले लिये तभी एक व्यक्ति सिद्धार्थ भैया को पकडकर खींच रहा था जिसे सिद्धार्थ भैया रोक रहे थे तो तीनों लोग मिलकर छीना झपटी करते हुये बल पूर्वक सिद्धार्थ भैया को खींचते हुये दुकान से बाहर ले जाकर अपनी कार में डालकर डंगनिया तरफ कार से चले गये तब मैं सिद्धार्थ भैया के घर गया जहां सिद्धार्थ भैया के चचेरे भाई राहुल आशटकर मिले जिसे घटना के बारे में बताया हूं। घटना को रोड में आने जाने वाले लोग देखे है। रिपोर्ट करता हूं, कार्यवाही की जाये। रिपोर्ट पढकर देखा मेरे बताए अनुसार लिखी गई है।''

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