भीख में मिली आजादी वाले बयान पर कायम कंगना रानौत , पूर्व PM जवाहर लाल नेहरू का उड़ाया मजाक......

Update: 2021-11-13 11:34 GMT

मुंबई 13 नवंबर 2021 I बॉलीवुड की पंगा गर्ल कंगना रणौत इन दिनों अपने विवादित बयान को लेकर जबरदस्त आलोचना का शिकार हो रही हैं। हालांकि एक तरफ जहां लोग कंगना पर लगातार हमला कर रहे हैं तो वहीं कंगना भी शांत नहीं बैठ रहीं। हाल ही में कंगना ने अपने भीख वाले कमेंट पर बढ़ते विवाद को देखकर इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी साझा की है और अपना पक्ष रखा है। कंगना ने 1948 के एक दस्तावेज की तस्वीर साझा की है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हस्ताक्षर हैं जिसमें वह पश्चिम बंगाल के गवर्नर श्री राजागोपालचारी को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त करने की बात कर रहे हैं। इस पर तंज कसते हुए कंगना ने लिखा कि, 'मैंने इस आजादी की लड़ाई का अपमान किया है जहां भारत के प्रभुत्व में सत्ता के बदलाव की बात हो रही है'। इसके साथ ही कंगना ने हंसने वाले इमोजी भी पोस्ट किए हैं।


दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब कंगना ने कहा दिया कि 1947 में मिली आजादी असल में भीख थी और असली आजादी हमें साल 2014 में मिली है जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आई। इसे लेकर जमकर बवाल शुरू हो गया और कंगना के पद्मश्री लौटाने की मांग उठने लगी। कंगना ने अपना पक्ष रखते हुए लिखा कि, '1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ शुरू हुई। 1857 की लड़ाई मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें'।


कंगना ने आगे लिखा कि, 'मैंने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पर बनी फीचर फिल्म में काम किया है। 1857 की लड़ाई पर काफी रिसर्च किया है। राष्ट्रवाद के साथ दक्षिणपंथ का भी उभार हुआ लेकिन यह अचानक खत्म कैसे हो गया? और गांधीजी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया। आखिर क्यों नेता बोस की हत्या हुई और उन्हें कभी गांधी जी का सपोर्ट नहीं मिला। बता दें, सोशल मीडिया पर फैंस कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है। उनपर कई केस दर्ज हो चुके हैं। कंगना ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को 'वास्तविक आजादी' 2014 में मिली थी।



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