How To Prevent Heart Disease: लाइफस्टाइल में इन मामूली बदलावों से हार्ट डिसीज़ का खतरा कम हो जाएगा, आज से ही करें कोशिश...
लेख में पढ़ें-
- ० कमजोर हार्ट को मजबूत कैसे करें
- ० हार्ट को मजबूत करने के लिए कौन सी एक्सरसाइज करें
- ० हार्ट के मरीज को क्या परहेज करना चाहिए
- ० कोलेस्ट्राॅल, बीपी और शुगर कब-कब चैक करें
हार्ट डिसीज़ यानी जान का जोखिम। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस सच की जानकारी हर किसी को है। लेकिन फिर भी हम लापरवाही करते चले जाते हैं और अपने दिल को दिन पर दिन कमज़ोर होने देते हैं। हमें यह बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि जब हमारा दिल ठीक से काम नहीं कर पाता तो उसे शरीर में पर्याप्त रक्त , ऑक्सीजन और पोषक तत्व भेजने में परेशानी होती है। जिसका बुरा असर अंततः हर इंटरनल आर्गन पर पड़ता है और पूरे शरीर की गतिविधि प्रभावित होती है। लेकिन अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके हम हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं।कमज़ोर दिल को भी मज़बूत बना सकते हैं। ये बदलाव कैसे होने चाहिए, आइए जानते हैं।
सेहतमंद हो भोजन
ये सबसे पहला, सबसे आसान और सबसे ज़रूरी काम है। बचपन से ही भोजन ऐसा हो, जिससे हार्ट हेल्दी रहे। घर के बड़े इसका ध्यान रखें। खाने में फाइबर की अच्छी मात्रा हो। नमक, शक्कर, संतृप्त वसा और कैफीन कम हो। डाइट में प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड कार्ब्स कम से कम हों। ओटमील, साबुत अनाज, लो फैट डेयरी फूड जैसे दूध, दही, छाछ, ब्राउन राइस, बीन्स, दालें, फल और हेल्दी फैट्स शामिल करें। जानकारियां जुटाते रहें। जो अपने बजट के अनुकूल पाएं, अपनाएं। अच्छी डाइट से हार्ट हेल्दी रहेगा।
वजन रहे नियंत्रण में
ओबेसिटी और वजन का ज्यादा होना दिल की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। जिन लोगों के शरीर और खासकर पेट पर में अतिरिक्त चर्बी होती है, उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। क्योंकि अतिरिक्त वजन हृदय पर तनाव बढ़ाता है। आप अगर एक्टिव नहीं रहते हैं और ऊपर से ज्यादा कैलोरी वाला भोजन लेते हैं तो आपका मोटापा बढ़ता चला जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार बीएमआई ( बॉडी मास इंडेक्स ) 25 से अधिक होना बताता है कि आप ओवरवेट हैं। और यह आपकी हार्ट हेल्थ के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है।
एक्टिव रहें
बीएमआई और पेट की चर्बी दोनों न बढ़ने पाए, इसके लिए सबसे ज़रूरी है कि आप फिज़िकली एक्टिव रहें। WHO के अनुसार सप्ताह में 150 मिनट की मध्यम गति की एक्सरसाइज़ भी आपको स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त है। जिम जाना ज़रूरी नहीं है आप ब्रिस्क वाॅक कर सकते हैं। जिस दौरान आपकी गति कम से कम 4 किमी प्रति घंटा हो। आप दौड़ सकते हैं, साइकिलिंग कर सकते हैं। बहुत सारी एक्सरसाइज़ हैं जिनमें से आप अपने लिए कोई खास चुन सकते हैं या आप काॅम्बिनेशन एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं जिसमें एक्सरसाइज़ और योग या डांस, रनिंग आदि शामिल हो। नियमित व्यायाम से हृदय संबंधी अन्य जोखिम कारकों जैसै कोलेस्ट्रॉल, निम्न रक्तचाप, तनाव आदि में भी सुधार होता है।
कोलेस्ट्रॉल और बीपी पर नज़र रखें
शरीर में कोलेस्ट्रॉल और बीपी का स्तर न बढ़ने पाए, इसपर नज़र रखें। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज का कारण बनता है। 40 साल से ऊपर आयुवर्ग के लोगों को हर तीन साल में एक बार कोलेस्ट्राल का लेवल ज़रूर जांचना चाहिए।
वहीं हाई बीपी उच्च रक्तचाप कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक है। सिरदर्द, चक्कर आना, बेचैनी होना या दृष्टि में परिवर्तन का अनुभव होना हाई बीपी के सामान्य लक्षण हैं। नियमित व्यायाम कर और खानपान में नियंत्रण रख आप अपना बढ़ा हुआ वजन कम करेंगे तो मामूली रूप से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो सकता है। लक्षण नज़र आने पर बीपी की जांच ज़रूर करा लें। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को तो सालाना अपने रक्तचाप की जाँच करानी चाहिए। आप घर में भी बीपी चैक करने वाला माॅनीटर रख सकते हैं।
डायबिटीज़ न हो, इसकी कोशिश करें
डायबिटीज़ होने का प्रतिकूल असर दिल की सेहत पर पड़ता है। डायबिटीज़ वाले लोगों में कोरोनरी हार्ट डिसीज़ और स्ट्रोक विकसित होने की संभावना 2 से 4 गुना अधिक होती है। अपने वजन को नियंत्रित रखकर, संतुलित आहार, तनाव को टालकर और नियमित व्यायाम से डायबिटीज की शुरुआत को रोका जा सकता है। अगर डायबिटीज नहीं है तब भी 40 पार लोगों को हर छह महीने में शुगर लेवल चैक करना चाहिए।
तनाव को मैनेज करें
तनाव न केवल आपको मानसिक रूप से तोड़ता है, बल्कि यह स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बनने का कारण भी बनता है जो कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बढ़ाता है। तनाव ज़िन्दगी का हिस्सा है जिसे होने से तो रोका नहीं जा सकता लेकिन कुछ प्रयासों और आदतों को विकसित करने से इसे हैंडल करना आसान हो जाता है। योग तनाव को मैनेज करना सीखने के लिए खासकर उपयोगी है। वीरभद्रासन, उत्कटासन, वृक्षासन,ताड़ासन, और भुजंगासन आपके लिए विशेष लाभकारी होंगें। प्रकृति के बीच रहकर, बच्चों के साथ समय बिताकर, हाॅबी में डूबकर या दोस्तों और परिवार के छोटी-मोटी ट्रिप पर निकलकर आप तनाव को मैनेज कर सकते हैं।
स्मोकिंग छोड़ें
खुद स्मोकिंग करना और स्मोकिंग कर रहे व्यक्ति के आसपास रहना दोनों ही नुकसानदायक है। तंबाकू में ऐसे केमिकल्स होते हैं जो हृदय और रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी तरह अल्कोहल लेना भी आपके लिए नुकसानदायक है। हार्ट ने अगर गड़बड़ी के संकेत दे दिए हैं तब तो तत्काल इन दोनों से दूरी बना लें।
पर्याप्त नींद लें
हर दिन सात घंटे की नींद ज़रूरी है। इतना सोने का समय आपको मिले, इस हिसाब से अपना दैनिक कामकाज व्यवस्थित करें। जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज, डिप्रेशन होने की संभावना अधिक होती है।
अधिक उम्र,महिलाओं में मीनोपाॅज़, ह्रदय रोग की पारिवारिक हिस्ट्री जैसी बातें आपके कंट्रोल से बाहर हैं लेकिन जीवनशैली में उपर्युक्त बदलाव कर आप ह्रदय रोगों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।