हाथी और सरकारी धान : वन मंत्री ने दिया बयान -”यह प्रयोग है.. अभी केवल एक इलाक़े में धान खाया है.. कुछ ना कर पाने से कुछ करना बेहतर.. “ ”भुगतान के सवाल पर बचते रहे वन मंत्री “

Update: 2021-08-04 03:44 GMT

रायपुर,3 अगस्त 2021। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है ”गजराज को खुले में धान उपलब्ध कराना ताकि वह घरों को नुक़सान ना पहुँचाए दरअसल एक प्रयोग है, सफल होगा ही यह नहीं कह सकते लेकिन असफल होगा यह भी कैसे कह सकते हैं।”

मोहम्मद अकबर ने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जो प्रारंभिक आंकडे दिए है उसमें बताया है कि हाथी के लिए सूरजपुर धरमजयगढ और बालोद वन मंडल में धान के खुले बोरे रखे गए थे।लेकिन उन्ही आँकड़ों में यह स्पष्ट है कि सूरजपुर डिवीज़न के तीन बीट में रखे गए 14 क्विंटल धान को ही हाथियों ने खाया। बाक़ी डिवीज़नों के 11 स्थानों पर रखा तीस क्विंटल धान को नहीं खाया है।
हालाँकि इस पत्रकार वार्ता में वन मंत्री मोहम्मद अकबर से यह सवाल बार बार पूछा गया कि खाद्य विभाग इसे वन विभाग को कितने दर पर उपलब्ध करा रहा है और कुल कितनी मात्रा में धान लिया जा रहा है,लेकिन इसे लेकर मंत्री मोहम्मद अकबर बचते नज़र आए। उन्होंने कहा

”वन विभाग ने कोई ख़रीदी नहीं की, खाद्य विभाग ने दिया है..”

हालाँकि इसके बाद उन्होंने कहा

”विभाग दूसरे विभाग को दे रहा है.. खाद्य विभाग देगा और वन मंडल भुगतान करेगा..”

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दावा किया –

”जो धान दिया जा रहा है वह सड़ा हुआ नहीं है”

छत्तीसगढ़ में 16 हाथियों के दल है जिसमें 307 हाथी शामिल हैं।यह दल छत्तीसगढ़ के 25 इलाक़ों में विचरण कर रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान विभाग की ओर से दिये गए प्रेस नोट में बताया गया है अब तक नौ हाथियों की रेडियो कॉलिंग की गई है, उसी प्रेस नोट के दूसरे हिस्से में लिखा गया है कि वर्तमान में 1 हाथी का रेडियो कॉलर काम कर रहा है, शेष रेडियो कॉलर की बैटरी समाप्त हो गई है अथवा गिर गया है।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा

”हाथियों का दल गाँव के घरों को तोड़ता है क्योंकि अनाज होता है, हमने कोशिश की है कि, उसे धान उपलब्ध करा कर दें, यह एक प्रयोग है। हमने अलर्ट कर के एक योजना शुरु की है जो हाथियों की उपस्थिति की जानकारी ग्रामीणों को दे रहा है और उन ईलाकों में खुले में धान रखा जा रहा है।”

वन मंत्री मोहम्मद अकबर से प्रश्न हुआ

”वन विभाग हाथी को समस्या मानता है या पीड़ित”

मंत्री मोहम्मद अकबर मुस्कुराए और उन्होंने कहा

”इसका जवाब देना संभव नहीं”

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