तबादले की मांग को लेकर शिक्षकों का जोरदार प्रयास….सर्व शिक्षक संघ के बैनर तले टि्वटर व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर जमकर हो रहा पोस्टर वार…. शिक्षकों ने एक सुर में की मुख्यमंत्री से मांग – ट्रांसफर बैन हटा कर कीजिए समस्या का समाधान

Update: 2021-07-19 04:40 GMT

रायपुर 19 जुलाई 2021। कैबिनेट बैठक के ठीक पहले सर्व शिक्षक संघ के बैनर तले एक बार फिर शिक्षकों ने प्रदेश के मुखिया तक अपनी बात पहुंचाने की पहल शुरू कर दी है और इसके लिए उन्होंने वर्तमान समय में सबसे असरकारी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप की मदद ली है । इससे पहले भी 2 वर्ष में संविलियन की मांग को लेकर संघ ने सोशल मीडिया का ही बेहतरीन तरीके से उपयोग किया था और इसमें उन्हें सफलता भी मिली थी।

एक बार फिर वैसा ही प्रयास कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाने के लिए सर्व शिक्षक संघ के द्वारा किया जा रहा है और सरकार और मुख्यमंत्री तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि यदि शासन स्वयं के व्यय पर भी ट्रांसफर का प्रावधान करती है तो उन्हें यह सहर्ष मंजूर है , दरअसल जिस प्रकार से बात निकल कर सामने आ रही थी कि वित्तीय अड़ंगे को देखते हुए सरकार ट्रांसफर पर लगा बैन नहीं हटाना चाहती , उसके विकल्प के तौर पर सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने यह मांग रखी थी कि भले ही प्रशासनिक तबादले पर रोक लगा दी जाए लेकिन स्वयं के व्यय पर होने वाले स्थानांतरण को खोल दिया जाए क्योंकि इससे शासन पर टीए डीए के नाम पर दिया जाने वाला वित्तीय भार नहीं पड़ेगा ।

दरअसल शिक्षा विभाग में होने वाले स्थानांतरण में से 90% स्थानांतरण ऐच्छिक ही होते हैं और आमतौर पर शिक्षकों का तबादला प्रशासनिक नहीं होता, इसी को पकड़कर शिक्षक नेता ने बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाई और यह बात सूत्रों के अनुसार प्रशासन को रास भी आ गई थी लेकिन मीडिया के सामने मुख्यमंत्री का एक बयान आ गया जिसमें उन्होंने कहा कि व्यापक तौर पर तबादले को नहीं खोला जा सकता और समन्वय में तबादला हो ही रहा है जिसके बाद यह लगने लगा कि इस साल बड़े पैमाने पर स्थानांतरण नहीं होंगे ।

इधर शिक्षकों इसे देखते हुए कुछ दिन चुप्पी बरती और अब कैबिनेट बैठक के ठीक पहले एक बार फिर पुरजोर तरीके से अपनी मांग को सामने रखने में जुट गए हैं , अलग-अलग जिले के शिक्षक बैनर और पोस्टर के जरिए सरकार और सरकार से जुड़े लोगों तक अपनी मांग पहुंचा रहे हैं अब देखना है कि कल इनकी मांग पर मुहर लगती है कि नहीं ।

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