Salary Donation News: छत्तीसगढ़ के शिक्षकों, कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दिया दान, बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़ा फेडरेशन का बड़ा योगदान...
Salary Donation News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आई भयानक बाढ़ से नुकसान को देखते दंतेवाड़ा जिले के कर्मचारियों और शिक्षकों ने एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है।
Salary Donation News: दंतेवाड़ा। डंकनी नदी का बांध टूट जाने की वजह से दंतेवाड़ा में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। पूरा शहर बाढ़ में दो दिन से डूबा रहा। इस नुकसान को देखते छत्तीसगढ़ शिक्षक साझा मंच दंतेवाड़ा और कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन ने ने दंतेवाड़ा कलेक्टर को पत्र लिख स्वेच्छा से एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है। दोनों संघों ने कलेक्टर से कहा है कि सितंबर महीने के वेतन में से एक दिन का पैसा काट कर बाढ़ पीड़ितों की मदद में उपयोग किया जाए।
दंतेवाड़ा में 26 और 27 अगस्त दो दिन में दंतेवाड़ा जिले में 211 मिमी बारिश से ऐसा हुआ, जो कभी नहीं हुआ। डंकनी नदी दंतेवाड़ा शहर के बीचों बीच होकर गुजरती है। उसमें ऐसा बाढ़ आया कि आधा से अधिक शहर डूब गया। जगदलपुर हाईवे पर बना ब्रिज टूट जाने से दंतेवाड़ा का जगदलपुर समेत रायपुर से सड़क संपर्क टूट गया। दरअसल, शहर के प्रवेश स्थल पर नदी का बांध टूट गया। बांध टूटने से नदी का पानी शहर में घुसा और फिर आधे शहर को लबालब करते हुए फिर नदी में जाकर मिल गया। चूकि सब कुछ अचानक हुआ, इसलिए किसी को कुछ समझने के लिए टाईम नहीं मिल पाया। बांध जब टूटा, तब शाम का अंधेरा घनीभूत हो रहा था। भारी बारिश से बिजली पहले से डिस्कनेक्ट कर दी गई थी।
राजस्व और आपदा विभाग के अधिकारी बताते हैं, जिला प्रशासन ने तुरंत मोर्चा संभाला। तुरंत एसडीआरएफ को बुलाया गया। मगर बाढ़ का मंजर भयानक था। लोगों के पक्के घरों में एक-एक फ्लोर तक पानी भर चुका था। सबसे मुश्किल काम रहा हॉस्टल में फंसी छात्राओं को निकालना। क्योंकि, वहां जाने के रास्ते में काफी पानी भर गया था। मगर 35 छात्राओं को बचा लिया गया। जिला प्रशासन की टीम 27 अगस्त की सुबह चार बजे तक रेस्क्यू में जुटी रही। कलेक्टर कुणाल दुदावत खुद मौके पर डटे रहे।
दंतेवाड़ा में 24 घंटे में 211 मिमी बारिश
लगातार हो रही बारिश से बस्तर के चार जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज की गई, जहाँ क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी तथा बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जिससे 25 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
राहत शिविर बनाए गए
राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि प्रभावित लोगों के लिए 4 जिलों में कुल 43 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा जिले से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 , इस प्रकार कुल 2,196 प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराया गया है। बाढ़ से अब तक 5 जनहानि, 17 पशुधन हानि, 165 मकानों को आंशिक और 86 मकानों को पूर्ण क्षति की सूचना मिली है। सभी जिलों में नगर सेना एवं एस.डी.आर.आफ के द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है एवं राहत शिविर में ठहराये गये लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग जिलों से बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतत संपर्क बनाये हुए है एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिला सुकमा में आपदा मित्रों के द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।