RTE Admission Scam: RTE का प्राइवेट स्कूल उड़ा रहे मखौल: प्रदेश में 59 हजार सीटें खाली, RKC, DAV, DPS जैसी स्कूलों में मात्र 3 फीसदी बच्चों को दे रहे एडमिशन...
RTE Admission Scam: केंद्र सरकार के एक महत्वपूर्ण कानून शिक्षा के अधिकार का छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल प्रबंधन जमकर मखौल उड़ा रहे हैं। शिक्षा के अधिकार RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के पढ़ने का सपना अधूरा ही रह जा रहा है। प्राइवेट स्कूल मालिक जमकर खेला कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में 59 हजार सीटें खाली है, जहां गरीब बच्चों का एडमिशन होना है। आलम ये कि प्राइवेट स्कूल गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे हैं। मामला बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंच गया है। भिलाई के सामाजिक कार्यकर्ता सीवी भगवंत राव ने अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

RTE Admission Scam: बिलासपुर। भिलाई के सामाजिक कार्यकर्ता सीवी. भगवंत राव ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन को लेकर अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा कि आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अध्ययन अध्यापन का अधिकार केंद्र सरकार ने दिया है। कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों को स्ट्रेंथ के अनुसार 25 फीसदी सीटों पर एडमिशन देने का प्रावधान है। नियम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी बच्चे को उसके निवास से एक किलोमीटर के दायरे में संचालित प्राइवेट स्कूल में एडमिशन नहीं मिल पाता है तो तीन किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी में संचालित प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिया जाना है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया है कि प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों में आरटीई एक्ट के तहत 59 हजार सीटें रिक्त हैं। इन सीटों के लिए तकरीबन 1.22 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। रायपुर जिले में 5 हजार सीटों के लिए 19 हजार आवेदन आए हैं। छत्तीसगढ़ के 19 निजी स्कूलों राजकुमार कालेज, डीएवी, डीपीएस सहित अन्य स्कूलों में केवल 3 प्रतिशत बच्चों को ही एडमिशन दिया जा रहा है। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए विधि अधिकारियों ने लिखित जवाब पेश किया है।
चार दर्जन प्राइवेट स्कूलाें ने पेश किया जवाब
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। इस दौरान चार दर्जन प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से लिखित जवाब पेश किया। राज्य शासन ने आरटीई के तहत बच्चों के एडमिशन के संंबंध में लिखित जानकारी पेश की है। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में होगी।