Edication News: युक्तियुक्तकरण में ढेरों खामियां: मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिल शुक्ला ने कहा- नई शिक्षा नीति और आरटीई का भी होगा उल्‍लंघन

Edication News: कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिल शुक्ला ने मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा संचालक को ज्ञापन सौंपकर युक्तियुक्तकरण के दिशा निर्देश की विसंगति दूर कर एवं प्राचार्य, व्याख्याता सहित समस्त रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद युक्तियुक्तकरण की मांग की है,अनिल शुक्ला ने शिक्षा संचालक दिव्या मिश्रा से मुलाकात कर युक्तियुक्तकरण की कई खामियां गिनाई,शिक्षा संचालक ने जारी दिशा निर्देश का परीक्षण कराने की बात कही....

Update: 2024-08-14 11:55 GMT

Edication News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री व भारसाधक मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा सचिव और शिक्षा संचालक को 14 अगस्त 2024 को ज्ञापन सौंपकर स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के लिए जारी दिशा निर्देश की विसंगति निराकरण के उपरांत एवं प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक, शिक्षक के समस्त रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद नई शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मापदण्ड के तहत युक्तिकरण की कार्यवाही करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त बुधवार को अनिल शुक्ला ने शिक्षा संचालक दिव्या मिश्रा से मुलाकात कर युक्तियुक्तकरण की कई खामियां गिनाई। अनिल शुक्ला के तर्कों को सुनने एवं पूर्व के वर्षों में जारी समस्त दिशा निर्देशों के दस्तावेज देखने के बाद शिक्षा संचालक ने युक्तियुक्तकरण के जारी दिशा निर्देश का परीक्षण कराने की बात कही।

कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक एवं छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने इस संबंध में सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेखित किया है कि स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूलों में युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही के लिए दिशा निर्देश जारी कर समयसीमा निर्धारित कर दी गई है।

उन्होंने उल्लेखित किया है कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले ही लागू किया जा चुका है, जिसमें छत्तीसगढ़ के समस्त बालक-बालिका एवं बालकों को यह अधिकार प्रदान किया गया है कि, सभी गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त कर सकें। किंतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण के लिए 2 अगस्त 2024 को जारी निर्देश नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने ज्ञापन में यह भी दर्शाया है कि, वर्ष 2008 में छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग की स्वीकृति से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सेटअप जारी किया गया था, लेकिन अब जारी किया गया सेटअप वर्ष 2008 में जारी सेटअप के निर्धारित मापदंड के विपरीत एवं विधि विरुद्ध है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण करने हेतु जारी निर्देश की प्रमुख विसंगतियों की ओर अनिल शुक्ला ने ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा है कि, प्राइमरी स्कूलों में छात्र शिक्षक के अनुपात के आधार पर न्यूनतम एक प्रधान पाठक एवं एक सहायक शिक्षक का सेटअप निर्धारित किया गया है, जबकि वर्ष 2008 में प्रत्येक 60 विद्यार्थियों के मान से एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत है।

उन्होंने उल्लेखित किया है कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कंडिका 2.3 में स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षक विद्यार्थी अनुपात 25:1 से कम हो। वर्तमान में अधिकांश विद्यालयों में बालवाड़ी की भी एक कक्षा संचालित हो रही है अतः 6 कक्षाओं के लिए मात्र 1 + 1 का सेटअप स्वीकृत किया जाना नियम विरुद्ध है। प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक को वर्तमान समय में प्रत्येक दिन कम से कम 10 प्रकार की जानकारी ऑनलाइन देना पड़ता है। इसके अतिरिक्त संकुल स्तरीय, विकासखंड स्तरीय बैठक में माह में दो से तीन बार जाना पड़ता है।

इसी तरह से मिडिल स्कूल में छात्र शिक्षक अनुपात पर न्यूनतम एक प्रधान पाठक एवं तीन शिक्षक सेट अप निर्धारित किया गया है। जबकि वर्ष 2008 में प्रत्येक 35 छात्र पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का पद स्वीकृत है। अतः राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कंडिका 2.3 में पीटीआर 25:1 से कम रखने का निर्देश है।

उन्होंने यह भी कहा है कि जारी निर्देश में प्रधान पाठक मिडिल स्कूल को शिक्षक पद गणना की गई है, जबकि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती पदोन्नति नियम 2019 में प्राचार्य पद हेतु उच्च न्यायालय बिलासपुर में प्रधान पाठक मिडिल स्कूल से प्राचार्य पद की पदोन्नति हेतु दायर याचिका में तत्कालीन स्कूल शिक्षा सचिव डॉक्टर भारतीय दासन द्वारा दिनांक 16 सितंबर 2022 को शपथ पत्र दिया गया है कि, प्रधान पाठक मिडिल स्कूल का पद प्रशासनिक पद है तथा राजपत्रित सेवा श्रेणी वर्ग 2 का पद है।

इसी तरह से हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी वर्ष 2008 द्वारा जारी सेटअप अनुसार स्कूल में एक प्राचार्य तथा 6 व्याख्याता एवं हायर सेकेंडरी में एक प्राचार्य तथा 11 व्याख्याता के पद स्वीकृत हैं।

उन्होंने यह भी उल्लेखित किया है कि आसपास एवं एक ही परिसर में संचालित शालाओं का वर्ष 2018 में युक्तियुक्तकरण किया जा चुका है। जिसपर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2023 की "मोदी की गारंटी" में पृष्ठ 24 के कंडिका 3 में उल्लेखित है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 57000 रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती होगी तथा कंडिका 6 में उल्लेखित है कि कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किए गए स्कूल को फिर से खोलेंगे। अतः एक ही परिसर या आसपास की शालाओं का युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया "मोदी की गारंटी" से विरोधाभासी हैं।

उन्होंने विशेष तौर पर यह भी उल्लेखित किया है कि स्कूल शिक्षा विभाग में वर्ष 2016 के बाद प्राचार्य पदों की पदोन्नति एवं वर्ष 2015 के बाद व्याख्याता पदों की पदोन्नति नहीं होने के कारण पदोन्नति कोटे में लगभग 6000 प्राचार्य के पद एवं व्याख्याता के लगभग 5000 पद रिक्त हैं। उच्च वर्ग शिक्षक/प्रधान पाठक प्राइमरी स्कूल को व्याख्याता पद की पदोन्नति एवं व्याख्याता तथा प्रधान पाठक मिडिल स्कूल से प्राचार्य पद की पदोन्नति की कार्यवाही युक्तियुक्तकरण से पहले किया जाना न्याय संगत है। यदि युक्तियुक्तकरण के बाद पदोन्नति की कार्यवाही होगी तो अधिकांश प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल एकल शिक्षकीय तथा हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी में विषय व्याख्याता का अभाव रहेगा।

उन्होंने यह भी कहा है कि, विधानसभा के बजट सत्र 2024 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल विधानसभा सदस्य के लिखित प्रश्नों के उत्तर में सदन के समक्ष 19 फरवरी 2024 को अधिकतम 6 माह में उक्त पदों की पदोन्नति कार्यवाही पूर्ण करने का आश्वासन दे चुके हैं। जिनकी समय सीमा 19 अगस्त 2024 को समाप्त हो जाएगी। यदि अगस्त माह में पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण नहीं होती तो विधानसभा की अवमानना की स्थिति निर्मित होगी।

अतः युक्तयुक्तकरण की कार्यवाही व्याख्याता एवं प्राचार्य की पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण कर, वर्ष 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत सेटअप के आधार पर युक्तियुक्तकरण करने की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं होने पर छात्र एवं शिक्षक हित में समस्त शिक्षक संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से गलत प्रक्रिया का पुरजोर विरोध किया जाएगा।

Tags:    

Similar News