सीयू और आईजीएनसीए के बीच एमओयू, कुलपति प्रो. चक्रवाल बोले...सीयू में शोध एवं अनुसंधान को मिलेगी गति
बिलासपुर। गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी से आज मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों संस्थानों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल का अंग वस्त्र भेंट कर सम्मान किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थानों के शिक्षक एवं शोधार्थी आपस में मिलकर शोध,अनुसंधान एवं नवाचार तथा पेंटेट जैसे विषयों पर कार्य संपादित कर सकेंगे। हमारा निरंतर यह प्रयास है कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ जुड़कर केन्द्रीय विश्वविद्यालय को अकादमिक जगत के केन्द्र में विकसित किया जाए। केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के बीच हुए एमओयू के अंतर्गत संयुक्त रूप से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, कार्यशाला एवं अकादमिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। दोनों संस्थानों के मध्य ज्ञान आधारित सूचनाओं, शोध के बिंदुओं, प्रयोग के तकनीकी विश्लेषण उपरांत प्राप्त परिणामों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।
प्रो. चक्रवाल ने कहा कि इस समझौते के बाद दोनों संस्थान एक साथ मिलकर अल्प अवधि के अकादमिक और प्रशिक्षण आधारित कार्यक्रम को विकसित करेंगे जिसके माध्यम से शिक्षक एवं युवा विद्यार्थी उद्योगों के अनुरूप प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें तथा वर्तमान आवश्यकताओँ को ध्यान में रखकर स्वयं को तैयार कर सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में रोजगारपरक शिक्षा के साथ वेल राउंडेड ग्रेजुएट्स तैयार किये जाने पर बल दिया गया है जो उद्यमिता के माध्यम से रोजगारों का सृजन करने में सक्षम सिद्ध होंगे।
डॉ. जोशी ने प्रोफेसर चक्रवाल के नेतृत्व में गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए किये जा रहे सकारात्मक एवं सक्रिय प्रयासों की सराहना की। केन्द्रीय विश्वविद्यालय की अभिनव योजना स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के अंतर्गत युवाओं को उद्यमिता विकास, कौशल विकास और मूल्य आधारित शिक्षा के आधार पर आत्मनिर्भर बनाने हेतु अपनाई गई प्रक्रिया एवं वेबपोर्टल की भी प्रशंसा की। साथ ही फरवरी 2023 में भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के मध्य बहुआयामी एतिहासिक एवं सांस्कृतिक संपर्क विषय पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए सहयोग एवं शुभकामनाएं प्रदान कीं।