CG Teacher News: त्रुटिपूर्ण वरिष्ठता सूची से प्राचार्य पदोन्नति की तैयारी, लोक शिक्षण संचालनालय की लापरवाही या कोई साजिश...शालेय शिक्षक संघ ने कहा-मुख्यमंत्री संज्ञान लें

CG Teacher News: स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के लगभग 40 हजार संस्था प्रमुख व शिक्षकीय पद रिक्त हैं। व्याख्याता व प्राचार्य के रिक्त पदों पर 07 वर्षों से पदोन्नति नहीं दी गई है, जबकि फीडिंग कैडर के लाखों कर्मचारी बेसब्री न केवल पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं बल्कि पदोन्नति से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं

Update: 2024-12-17 06:19 GMT

CG Teacher News: रायपुर। राज्य के सबसे बड़े विभाग स्कूल शिक्षा विभाग की बेतरतीब कार्यशैली, लालफीताशाही व कर्मचारी हितों के प्रति उदासीनता से विभाग के लाखों कर्मचारी न केवल आहत हैं, बल्कि उनमें भारी आक्रोश भी व्याप्त है।

ज्ञातव्य है कि स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के लगभग 40 हजार संस्था प्रमुख व शिक्षकीय पद रिक्त हैं। व्याख्याता व प्राचार्य के रिक्त पदों पर 07 वर्षों से पदोन्नति नहीं दी गई है, जबकि फीडिंग कैडर के लाखों कर्मचारी बेसब्री न केवल पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं बल्कि पदोन्नति से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं।

विभाग में आलम यह है कि स्थानांतरण, युक्तियुक्तकरण,नई नई योजनाएं बनाने आदि में तो भारी रुचि ली जाती है, भले ही उसमें भर्राशाही व्याप्त होकर भारी अव्यवस्था फैल जाए, लेकिन कर्मचारी हितैषी पदोन्नति जैसे कार्यों में विभाग की नीयत पर प्रश्नचिन्ह है।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि विगत सरकार के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग की ज्यादातर कार्यवाहियां जैसे स्थानांतरण, पदोन्नति व सीधी भर्ती में पदस्थापना आदि सवालों के घेरे में रहे।भाई भतीजावाद व भ्रष्टाचार के न केवल आरोप लगे बल्कि जांच, निलंबन व न्यायालयीन हस्तक्षेप भी हुए। विभाग के नकारापन से सदैव कर्मचारियों का अहित व सरकार की बदनामी हुई है।अभी भी लगभग 04 हजार बी एड प्रशिक्षित सहा. शिक्षकों के ऊपर तलवार लटक रही है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने तो पिछली घटनाओं से कोई सीख ले रहा है न ही सुधार का कोई प्रयास कर रहा है। अतः मान मुख्यमंत्री महोदय स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली का संज्ञान लें और आवश्यक हस्तक्षेप करें।

वर्तमान में प्राचार्य व व्याख्याता पदों पर पदोन्नति के लिए विगत 06 वर्षों से जारी हो रही त्रुटिपूर्ण सूची से ही प्रस्ताव मंगाई गई है,जबकि संगठन ने उक्त सूचियों की सैकड़ों त्रुटियों का प्रमाण सचिव व संचालक महोदय सहित जिम्मेदार अधिकारियों को सौंपकर सत्यापन करने व त्रुटि रहित सूची जारी करने की मांग की थी। प्राचार्य पदोन्नति हेतु जारी अंतिम व्याख्याता वरिष्ठता सूची में कई गम्भीर त्रुटियां अब भी व्याप्त है, फिर भी इसी सूची से पदोन्नति हेतु प्रस्ताव भेजने की कार्यवाही की जा रही है।इस सूची में ऐसे व्याख्याता एल बी के भी नाम हैं जो पांच वर्ष पूर्व तहसीलदार बन चुके हैं, तो कोई मृत हो चुके हैं।म .प्र. से स्थानांतरित व अंतर्नियोक्ता स्थानांतरण का लाभ ले चुके कर्मचारियों को नियोक्ता का परिवर्तन होने के बावजूद उनकी प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता दी गई। अनेक पदोन्नत कर्मचारियों को उनके पूर्व पद से वरिष्ठता दे दी गई है।सूची में जिनको 5000 वें स्थान पर होना चाहिए वे 100 वें स्थान पर है। इस त्रुटिपपूर्ण सूची से पदोन्नति होने पर कई अपात्र की पदोन्नति हो जायेगी जबकि पात्र वंचित रह जाएंगे।


आज शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने समस्त आपत्तियों को दूर नही करने पर कड़ा ऐतराज जताया तथा अविलंब विसंगतियों के निराकरण की मांग की। समुचित समाधान नहीं होने की स्थिति में संगठन द्वारा मुखर विरोध की बात कही है।

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने शिक्षक एल बी संवर्ग से व्याख्याता पद पर पदोन्नति हेतु प्रस्ताव नहीं मंगाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 01 लाख 80 हजार एल बी संवर्ग के शिक्षकों को उनकी संख्या के अनुपात में पदोन्नति का पद नहीं दिया जा रहा है जो कि एल बी संवर्ग के हितों के प्रति कुठाराघात है।

संगठन के कार्यकारी प्रान्ताध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने एल बी संवर्ग को पदोन्नति के अत्यंत कम पद दिए जाने का विरोध करते हुए एल बी संवर्ग को उनकी संख्या के अनुपात में वर्तमान की कुल रिक्तियों के आधार पर पद देने की मांग की है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि हमारा संगठन त्रुटिरहित पदोन्नति के पक्षधर हैं। समस्त त्रुटियों को सुधारकर पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द पूर्ण किया जावे।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,कैलाश रामटेके,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,द्वारिका भारद्वाज,खेमन साहू,सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन,शशि कठोलिया आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

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