CG Teacher Fraud: सरकारी टीचर्स बनाने के नाम पर ठगी, NGO ने फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर वसूले लाखों रुपये, FIR दर्ज...

CG Teacher Fraud: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से ठगी का चौकाने वाला मामला सामने आया है। एनजीओ ने सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी लगाने के नाम पर युवाओं से लाखों की ठगी की। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर अपराध दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

Update: 2025-07-31 07:41 GMT

CG Teacher Fraud: रायपुर। राजधानी रायपुर में सरकारी शिक्षक बनाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। एनजीओ ने पढ़े-लिखे युवाओं को सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनाने के नाम पर उनसे ढाई से पांच लाख लिये। इतना ही नहीं फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया। कुछ माह बितने के बाद भी जब उन्हें स्कूलों में नियुक्ति नहीं मिली तो उन्हें पता चला कि उनकी नियुक्ति ही फर्जी थी। ठगी का शिकार हुई एक पीड़िता ने री इंडिया स्किल वेलफेयर फाउंडेशन नामक एनजीओ के डायरेक्टर और सहयोगियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है। सिविल लाइन पुलिस मामले में अपराध दर्ज कर जांच में जुट गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, सिविल लाइंस थाना में मठपारा निवासी सुरभि सोनी ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने बताया था कि घड़ी चौ क स्थित शहीद वीर नारायण परिसर में री इंडिया स्किल वेलफेयर फाउण्डेशन नाम से एनजीओ था। एनजीओ को राजू रात्रे और अल्फीजा फतिमा चला रही थी। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक,  जनवरी 2025 में अखबार में एनजीओ ने शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता होने का विज्ञापन प्रकाशित किया था।

विज्ञापन को देखकर पीड़िता ने फाउंडेशन के संचालक राजू रात्रे अल्फीजा फातिमा से संपर्क की थी। दोनों ने बताया था कि उनकी संस्था संस्था शासकीय स्कूलों में नि शुल्क शिक्षा देने का काम करती है। साथ ही उनकी संस्था द्वारा शिक्षकों को 22 हजार वेतन दिया जाता है। शिक्षक के रूप में काम करने के एवज में आवेदकों को शुरू में 2.50 लाख रूपये जमा करवाने होते है। इसके बाद उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाता है।

2.50 लाख लिए

ठगों के झांसे में आकर सुरभि सोनी ने 15 मार्च 2025 को चेक के माध्यम से 2.50 लाख दिये। ठगों ने प्रार्थिया को दानी गर्ल्स स्कूल रायपुर में पढ़ाने के लिए नियुक्ति पत्र दिया। आरोपियों ने कहा कि स्कूल में कब पढ़ाने जाना है, उन्हें बताया जाएगा। काफी दिन बितने के बाद भी पीड़िता को स्कूल नहीं भेजा गया। पीड़िता ने आरोपियों से संपर्क किया तो टालमटोल करने लगे।

इसी बीच पीड़िता को संदेह हुआ और उसने एनजीओ के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान पता चला कि राजू रात्रे, अल्फीजा फातिमा ने ऐसे ही कई जिलों में भोले भाले लोगों को शिक्षक बनाने के नाम पर ठगी की थी। यह जानकारी मिलने के बाद पीड़िता ने एनजीओ के डायरेक्टर से संपर्क किया, लेकिन उसका मोबाइल और दफ्तर बंद मिला।

पीड़िता ने अब इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है। पीड़िता की शिकायत पर अपराध दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।

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