Bilaspur News: NPG इंपैक्ट: पॉक्सो एक्ट का फरार शिक्षक गिरफ्तार, DEO ने कर दिया था बहाल, NPG की खबर पर कार्रवाई
Bilaspur News: बच्चियों से छेड़छाड़ का दोषी शिक्षक पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहा था। उसे निलंबित कर दिया गया था। जिसे सिर्फ बयान के आधार पर फरारी में ही बहाल कर दिया गया। एफआईआर करवाने में भी दो माह की देरी की गई। 27 फरवरी को एफआईआर का आदेश दिया गया था और दो माह बाद 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज करवाई गई। एफआईआर के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। उल्टा उसे फरारी में बहाल कर दिया गया था। एनपीजी में खबर प्रकाशित होने के बाद फरार शिक्षक को पुलिस ने फिल्मी अंदाज में आज गिरफ्तार किया है।
Bilaspur News: बिलासपुर। बिलासपुर में शिक्षा और पुलिस विभाग की पारदर्शिता और कार्यशैली पर विवाद उठ खड़े हुए हैं। छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में जिस शिक्षक को निलंबित कर खुद शिक्षा विभाग ने ही अपराध दर्ज करवाया था उस शिक्षक को फरारी के दौरान ही डीईओ ने बहाल कर दिया है। एक माह का समय बीतने के बावजूद पुलिस भी फरार शिक्षक को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। फरारी के दौरान ही जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को बहाल कर अन्यत्र स्कूल में पदस्थापना दे दी है। अब आज सुबह एनपीजी में खबर प्रकाशित होने के बाद आरोपी शिक्षक को पुलिस ने अदालत से फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार कर लिया है। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है।
तखतपुर ब्लॉक के प्राथमिक शाला खुड़ीयाडीह में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी अशोक कुर्रे पर पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग छात्रा से बैड टच का गंभीर आरोप है। उसे बिना किसी विभागीय जांच रिपोर्ट और पुलिस कार्रवाई के बहाल कर दिया गया है। आरोपी शिक्षक अभी तक फरार है और पुलिस उसे पकड़ भी नहीं पाई है। इसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी ने 15 मई को बहाली का आदेश जारी कर दिया।
बता दे आरोपी शिक्षक अशोक कुमार कुर्रे के खिलाफ पहले बीईओ तखतपुर को शाला विकास समिति से स्कूल न आने और बच्चों से मारपीट की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच में पहुंची टीम को दो बच्चियों ने बैड टच करने की भी शिकायत की थी। बच्चियों ने बताया था कि योगा के दौरान शिक्षक उन्हें बैड टच करते हैं। बीईओ की जांच में शिक्षक अशोक कुर्रे दोषी पाए गए। जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई। लेकिन डीईओ कार्यालय की ओर से विभागीय जांच पूरी नहीं हुई है, फिर भी मात्र उसके लिखित बयान के आधार पर उसे बहाल कर दिया गया।
15 मई को डीईओ अनिल तिवारी द्वारा बहाली आदेश जारी हुआ, जिसके तहत विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने 21 मई को आरोपी शिक्षक अशोक कुर्रे को प्राथमिक शाला जरेली में पदस्थ कर दिया।
क्या है मामला
जनवरी 2025 में पीटी के दौरान अशोक कुर्रे द्वारा छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार की शिकायत छात्राओं ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर से की थी। बीईओ ने एक जांच टीम गठित की, जिसने स्कूल में जांच के दौरान दो छात्राओं के बयान दर्ज किए। छात्राओं ने बताया कि योगा के दौरान जब ध्यान मुद्रा में थे तो शिक्षक ने बैड टच किया। इसके बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी कामेश्वर बैरागी ने रिपोर्ट कलेक्टर, एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर 27 फरवरी को आरोपी को निलंबित कर 21 अप्रैल को तखतपुर थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई।
मामले में बीईओ तखतपुर कामेश्वर बैरागी ने मीडिया को बताया था कि बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। शाला विकास समिति और ग्रामीणों ने शिक्षक अशोक कुर्रे के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल नहीं आते, बच्चों के साथ मारपीट करते हैं। जांच में पहुंची टीम को 5वीं कक्षा की दो बच्चियों ने यह भी शिकायत की कि शिक्षक अशोक कुर्रे उन्हें गलत तरीके से छूते हैं, बैड टच करते हैं। बच्चियों के बयान रिकॉर्ड कर टीम ने शिक्षक को दोषी पाया। इसी के आधार पर एफआईआर भी हुई, लेकिन अब बहाली कैसे हुई, यह उन्हें जानकारी नहीं है।
कलेक्टर बोले...
इस मामले में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा था कि तखतपुर ब्लॉक के स्कूल में यदि शिक्षक ने किसी बच्ची के साथ बैड टच किया है, बीईओ की रिपोर्ट में दोषी साबित है और उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज है, तो फिर किस आधार पर उसे बहाल कर दिया गया। इस बात की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी से ली जाएगी। यदि पुलिस रिकॉर्ड में शिक्षक फरार है तो पुलिस को भी निर्देशित किया जाएगा कि ड्यूटी में आते ही उसे गिरफ्तार किया जाए।
पॉलिटिकल पहुंच वाला है शिक्षक,इसलिए एफआईआर भी हुई देरी से
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शिक्षक अशोक कुमार कुर्रे एक नेता का रिश्तेदार है। जिसके चलते 27 फरवरी को निलंबन के दो माह बाद 21 अप्रैल को एफआईआर दर्ज करवाया गया। जबकि 27 फरवरी को जारी डीईओ के आदेश के अनुसार तत्काल अपराध दर्ज करवाए जाने के निर्देश थे। पर मिली जानकारी के अनुसार पॉलीटिकल प्रेशर के चलते दो माह से भी अधिक समय एफआईआर के लिए लगा दिया गया। एक माह से अधिक समय होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं की गई थी और फरारी में ही निलंबन से बहाल कर दिया गया था। आज फिल्मी अंदाज में पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार किया है।
सरेंडर करने आने वक्त हुई गिरफ्तारी
एफआईआर के एक माह बाद भी पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार नहीं किया था। आज एनपीजी में खबर प्रकाशित होने के बाद बड़े ही नाटकीय ढंग से शिक्षक को गिरफ्तार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शिक्षक जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत करने हेतु जिला न्यायालय आ रहा था। जिसे पुलिस ने न्यायालय पहुंचने से कुछ ही दूर पहले कलेक्ट्रेट के पास से गिरफ्तार कर लिया है।