Delhi News: अब जल्द ख़त्म होगा "आवारा कुत्तों का आतंक", SC ने कहा आप सभी नियमों को भूल जाइए.... और कुत्ते उठाइए

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर कुत्तों को पकड़ने में कोई बाधा डालता है तो उस पर अवमानना की कार्रवाई होगी.

Update: 2025-08-11 09:45 GMT

Delhi News:  शहर के गली-मोहल्ले हो या फिर हाइवे पर घूम रहे आवारा पशु हादसे को न्योता देते रहते हैं, वहीँ इनके काट लेने से रेबीज का भी खतरा है. आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि या तो ये किसी बड़े सड़क हादसे को न्योता दे रहे या फिर नौनिहालों को नोच खा जा रहे हैं.

भारत के हर राज्य इस समस्या से ग्रसित है. इन आवारा कुत्तों की वजह से कहीं बड़े सडक हादसे हो रहे, तो कहीं मासूम को नोंच खा जा रहे या फिर कहीं किसी पर जानलेवा हमला हो रहा है. इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली से लेकर नोएडा-गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में कुत्तों को दबोचने और उन्हें अलग सुरक्षित स्थानों पर रखने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने suprem kort ne kutte ko lekar diya yah nirdesh, jaane kya hai mamalaदिल्ली में एमसीडी और एनडीएमसी को आवारा कुत्तों को तुरंत उठाने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी आवारा कुत्तों को तुरंत उठाना शुरू करें और उन्हें दूसरे इलाके में भेजें. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई भी संगठन कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में बाधा डालता है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इस प्रक्रिया में किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया जाना चाहिए.


आप सभी नियमों को भूल जाइए....

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल आप सभी नियमों को भूल जाइए. हमें सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ना होगा. यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए कि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़कों पर सुरक्षित रहें और उन्हें रेबीज का खतरा न हो.

सड़कों को पूरी तरह आवारा कुत्तों से मुक्त बनाना होगा - SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें सड़कों को पूरी तरह से आवारा कुत्तों से मुक्त बनाना होगा. हम किसी को भी गोद लेने की अनुमति नहीं देंगे. सड़कों को आवारा कुत्तों से पूरी तरह मुक्त करने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केवल सरकार की सुनवाई होगी और कुत्तों से प्यार करने वालों या किसी अन्य पक्ष के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, एमसीडी और नई दिल्ली नगर निगम को तत्काल कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने और 8 हफ्तों के अंदर बुनियादी ढांचे के निर्माण की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.



6 हफ़्तों में 5000 कुत्तों को पकड़ने के लिए काम होगा शुरू


पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी के लिए पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए, जिन्हें वहां रखा जाएगा और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाएगा. सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई कुत्ता बाहर न ले जाया जाए. उन्हें अगले 6 हफ़्तों में 5000 कुत्तों को पकड़ने के लिए काम शुरू करना चाहिए. दिल्ली, एमसीडी, एनएमडीसी, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को सभी इलाकों से, खासकर संवेदनशील इलाकों और शहरों से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू कर देना चाहिए. यह कैसे किया जाए, यह अधिकारियों को देखना होगा और अगर उन्हें कोई फोर्स बनानी है, तो उसे पहले ही बना लें.

कुत्तों को इकट्ठा करने में बाधा डालने वालों पर होगी अवमानना की कार्रवाई

हालांकि, सभी इलाकों को आवारा कुत्तों से मुक्त करने के लिए यह सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण प्रयास होना चाहिए. किसी भी कार्य में कोई समझौता नहीं होना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति या संस्था आवारा कुत्तों को उठाने या उन्हें इकट्ठा करने में बाधा डालती है, तो हम ऐसे किसी भी विरोध पर अवमानना कार्रवाई करेंगे.

क्या होती है अवमानना की कार्रवाई ?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मतलब है जानबूझकर अवज्ञा करना या उल्लंघन करना. जब कोई व्याक्ति, समूह या संस्थाा सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य न्यायालय के आदेश, निर्देश, आज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन करती है, तो इसे कोर्ट की अवमानना कहा जाता है. ये ऐसा कृत्यआ माना जाता है, जो कोर्ट के अधिकार को कमतर आंकता है, उसका अपमान करता है या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालता है. अवमानना दो तरह की होती है. कोई व्यक्ति कोर्ट के आदेशों या निर्देशों का जानबूझकर पालन नहीं करता तो ये सिविल अवमानना कही जाती है, जबकि कोर्ट की प्रतिष्ठाप को ठेस पहुंचाने, अपमानजनक टिप्पणी करने या कोर्ट में चल रही कार्यवाही को बाधित करने को आपराधिक अवमानना कहा जाता है.



अवमानना पर क्या हो सकती है सजा ?

सुप्रीम कोर्ट को अपनी अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 129 और 142(2) में दी गई है. वहीं, कोर्ट की अवमानना अधिनियम, 1971 (Contempt of Courts Act, 1971) प्रमुख कानून है. अवमानना के दोषी को अधिकतम छह महीने की जेल या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है तो इस स्थिति में यदि कोई व्यक्ति या संस्था सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद आवारा कुत्तों को पकड़ने में बाधा डालती है तो ये कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी. ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना और कारावास दोनों शामिल हो सकते हैं.

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