PM मोदी कैबिनेट: 17 लाख लोगों को रोजगार, मुफ्त बिजली को मंजूरी, उर्वरक सब्सिडी मंजूर सहित कई बड़े निर्णय, पढ़ें...

PM Modi Cabinet:एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए 75,021 करोड़ रुपये की लागत के साथ 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' को गुरुवार को मंजूरी दे दी।

Update: 2024-02-29 13:11 GMT

PM Modi 

PM Modi Cabinet नईदिल्ली। मुफ्त बिजली की सौगात देने के लिए केंद्र की मौदी सरकार ने मंजूरी दे दी है। एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए 75,021 करोड़ रुपये की लागत के साथ 'पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना' को गुरुवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में योजना पर मुहर लगाई गई। यह योजना दो किलोवाट सिस्टम के लिए सिस्टम लागत का 60 प्रतिशत और दो से तीन किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त सिस्टम लागत की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वित्तीय सहायता की सीमा तीन किलोवाट होगी।

मौजूदा बेंचमार्क कीमतों पर, इसका मतलब एक किलोवाट सिस्टम के लिए 30 हजार रुपये, दो किलोवाट सिस्टम के लिए 60 हजार रुपये और तीन किलोवाट या ज्यादा के सिस्टम के लिए 78 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लाभ पाने उपभोक्ताओं pmsuryaghar.gov.in पर आवेदन कर सकते है। आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर के जरिए 30 गीगावॉट सौर क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस योजना के विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, स्थापना, ओएंडएम और अन्य सेवाओं में 17 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेंगे।

परिवार राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन करेंगे और छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक उपयुक्त विक्रेता का चयन करने में सक्षम होंगे। राष्ट्रीय पोर्टल उचित सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर, विक्रेता रेटिंग आदि जैसी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करके परिवारों को उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करेगा। तीन किलोवाट तक के आवासीय आरटीएस सिस्टम लगाने के लिए वर्तमान में लगभग सात प्रतिशत ब्याज के जमानत-मुक्त सस्ते ऋण उपलब्ध होंगे। योजना के अन्य मुख्य आकर्षणों में ग्रामीण क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर को अपनाने के लिए एक रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए देश के प्रत्येक जिले में एक मॉडल सौर गांव विकसित किया जा रहा है, और शहरी स्थानीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थान भी आरटीएस स्थापना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन से लाभान्वित हो रहे हैं।

यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) आधारित मॉडलों के लिए भुगतान सुरक्षा के लिए एक घटक के साथ-साथ आरटीएस में नवीन परियोजनाओं के लिए एक फंड प्रदान करती है। प्रधानमंत्री द्वारा 13 फरवरी को घोषित यह योजना परिवारों को बिजली बिल बचाने के साथ-साथ डिस्कॉम को अधिशेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम बनाएगी। एक तीन किलोवाट प्रणाली एक घर के लिए औसतन प्रति माह 300 से अधिक यूनिट उत्पन्न करने में सक्षम होगी।

12 महत्वपूर्ण खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 12 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों - बेरिलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम, सेलेनियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टाइटेनियम, टंगस्टन और वैनेडियम के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दे दी। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इससे सभी 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की कवायद पूरी हो गई है।

सरकार ने पहले 15 मार्च 2022 को चार महत्वपूर्ण खनिजों: ग्लूकोनाइट, पोटाश, मोलिब्डेनम और प्लैटिनम समूह के खनिजों की रॉयल्टी दर अधिसूचित की थी और 12 अक्टूबर 2023 को तीन अन्य महत्वपूर्ण खनिजों, यानी लिथियम, नाइओबियम और रेअर अर्थ मेटल्स की रॉयल्टी दर अधिसूचित की थी। महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग सौर पैनलों से लेकर अर्धचालकों और पवन टरबाइनों से लेकर भंडारण और परिवहन के लिए उन्नत बैटरियों तक के उच्च तकनीक वाले उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। स्मार्टफोन और इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले चिप्स इन्हीं खनिजों से बनाए जाते हैं। इन खनिजों पर चीन जैसे मुट्ठी भर देशों का एकाधिकार है।

खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम , 2023 ने हाल ही में एमएमडीआर अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग डी में 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों को सूचीबद्ध किया था। संशोधन में प्रावधान किया गया कि इन 24 खनिजों के खनन पट्टे और कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। रॉयल्टी की दरों को गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार पहली बार इन 12 खनिजों के लिए ब्लॉकों की नीलामी कर सकेगी। इसके अलावा, इन खनिजों की औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) की गणना का तरीका भी खान मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है जो बोली मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगा।

एमएमडीआर अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें प्रदान करती है। इसकी मद संख्या 55 में प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का 12 प्रतिशत होगी। इस प्रकार, यदि इनके लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, तो उनकी डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी, जो अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है। साथ ही, 12 प्रतिशत की इस रॉयल्टी दर की तुलना अन्य खनिज उत्पादक देशों से नहीं की जा सकती।

उर्वरक सब्सिडी मंजूर

ख़रीफ़ सीज़न 2024 (इस साल अप्रैल से सितंबर) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने 24,420 करोड़ रुपये के प्रस्ताव और एनबीएस योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को मंजूरी दे दी। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह योजना किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इससे उर्वरकों और कच्चे माल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जा सकेगा।

बयान में कहा गया है कि एनबीएस में तीन नए ग्रेडों को शामिल करने से मिट्टी के स्वास्थ्य संतुलन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और किसानों को मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर उर्वरक चुनने का विकल्प मिलेगा। किसानों को सस्ती कीमतों पर इन उर्वरकों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी खरीफ सीजन 2024 के लिए अनुमोदित दरों के आधार पर प्रदान की जाएगी। सरकार किसानों को उत्पादन बढ़ाने और कमाई बढ़ाने में मदद करने के लिए उर्वरक निर्माताओं/आयातकों के माध्यम से रियायती कीमतों पर 25 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है।


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