Monkeypox in India: दिल्ली में एमपॉक्स के संदिग्ध मरीज मिलने पर हड़कंप, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

Monkeypox in India: दुनिया में बढ़ते एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस के मामलों के बीच रविवार को भारत में भी इसका पहला संदिग्ध मामला सामने आ गया है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है।

Update: 2024-09-09 17:29 GMT

Monkeypox in India: दुनिया में बढ़ते एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस के मामलों के बीच रविवार को भारत में भी इसका पहला संदिग्ध मामला सामने आ गया है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है। एडवाजरी में राज्यों को सभी संदिग्ध मामलों की पुणे स्थिति राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) में जांच कराने और संदिग्धों के संपर्कों का पता लगाने को कहा है।

बता दें की कल भारत में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि एक युवक की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है। वह हाल में अफ्रीका से आया था, जहां एमपॉक्स संक्रमण फैल रहा है। रोगी को अस्पताल में आइसोलेट किया गया है और उसकी हालत स्थिर है। हालांकि, NIV की जांच में उसके संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में चिंता की बात नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने राज्यों के लिए एक निगरानी रणनीति तैयार की है, जिसमें उन प्रयोगशालाओं की सूची शामिल है जहां परीक्षण किया जा सकता है। इसके अलावा, उसमें नैदानिक ​​प्रबंधन प्रोटोकॉल और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अन्य संचार रणनीतियां भी शामिल हैं। NCDC के अनुसार, राज्यों की संभी संदिग्धों की जांच करने के साथ संपर्कों का पता लगाना चाहिए।

एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य और जिला स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की जानी चाहिए। इसी तरह संदिग्ध और पुष्ट दोनों तरह के मामलों की देखभाल के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करने, स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने और संदिग्धों के संपर्कों का पता लगाने के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) संचालित करनी चाहिए। इसके अलावा, त्वचा और STD (यौन संचारित रोग) क्लीनिकों में काम करने कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

क्या है एमपॉक्स वायरस?

एमपॉक्स वायरस के संक्रमण से होने वाली एक बीमारी है। यह वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कमजोरी और सूजे हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसमें शरीर पर चेचक जैसे लाल और बड़े चकत्ते निकलने लगते हैं। इसका पहला मामला 1958 में कांगो में दर्ज किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

एमपॉक्स कैसे फैलता है?

WHO के अनुसार, किसी संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों या उसके स्पर्श से भी यह फैलता है। यह वायरस छिली हुई त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है। साल 2022 में यह वायरस ज्यादातर यौन संपर्क के माध्यम से फैला था।

एमपॉक्स के मामले कांगो, रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या के बाद पाकिस्तान, थाईलैंड, सिंगापुर और फिलीपींस में सामने आ चुके हैं। यह पहली बार है कि एमपॉक्स के मामले में अफ्रीका के बाहर या एशियाई देशों में भी सामने आए हैं।

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