Kaun Hain Atishi Marlena: कौन हैं दिल्ली की नई CM आतिशी? जानिए टीचर से दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक का सफर

Kaun Hain Atishi Marlena: दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना होंगी। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा।

Update: 2024-09-17 07:49 GMT

Kaun Hain Atishi Marlena: दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना होंगी। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। आप विधायकों ने आतिशी के नाम का स्वागत किया। इसके बाद उनका सीएम बनना तय हो गया है। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले बीजेपी की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं। आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। बता दें की केजरीवाल शाम साढ़े 4 बजे उपराज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौपेंगे।आइए आतिशी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर जानते हैं।

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आतिशी का जन्म और शिक्षा

आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही के घर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की थीं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री पूरी की थी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर डिग्री हासिल की। ​​उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ही अपनी दूसरी मास्टर डिग्री भी हासिल की।

आतिशी का सियासी सफर

आतिशी AAP की स्थापना के समय ही पार्टी में शामिल हो गई थीं। वह 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में उसकी नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी। आतिशी ने 2014 में AAP प्रवक्ता के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरु किया था। उन्होंने अप्रैल 2018 तक तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया था।

2020 में पहली बार बनी विधायक

आतिशी को पार्टी ने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा था। इसके बाद आतिशी ने अपनी मेहनत से लोगों को आकर्षित किया और भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,393 वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंच गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में AAP ने उन्हें पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर से करारी हार झेलनी पड़ी थी।

सिसोदिया की सलाहकार भी रहीं

कालकाजी से विधायक और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य के रूप में काम करते हुए, उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक, उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में काम किया और दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षा की क्वालिटी बढ़ाने के मकसद से अलग-अलग पहल को लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई है। 2015 में, उन्होंने मध्य प्रदेश के खंडवा में AAP नेता आलोक अग्रवाल के जल सत्याग्रह में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

साल 2023 में पहली बार बनी थीं मंत्री

केजरीवाल ने 9 मार्च, 2023 को अपनी कैबिनेट में फेरबदल किया था और उस दौरान आतिशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। इस तरह वह AAP सरकार में पहली बार मंत्री बनी थीं। वह दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं और उनके पास सबसे ज्यादा मंत्रालय भी हैं। इसके अलावा, वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उनके सुझाव काफी मायने रखते हैं।

AAP में कितनी पावरफुल हैं आतिशी?

43 साल की आतिशी को दिल्ली सरकार के भीतर शिक्षा, वित्त, PWD, राजस्व और सेवाओं जैसे अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी वजह से उन्हें केजरीवाल काफी नजदीक माना जाता है। पिछले साल जून में एक फेरबदल के बाद, आतिशी को 14 विभाग सौंपे गए थे, जो AAP के किसी भी मंत्री के लिए सबसे ज्यादा है। इस अहम बंटवारे ने उन्हें केजरीवाल के मंत्रिमंडल में दूसरे नंबर का नेता बना दिया था, जिससे पार्टी और सरकार के भीतर उनके बढ़ते प्रभाव और जिम्मेदारियों के बारे में साफ पता चलता है।

आतिशी का हाल ही के दिनों में पार्टी में कद काफी बढ़ गया है। शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में केजरीवाल और सिसोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने सरकार के कामकाज को संभाला था। उन्होंने सभी मुद्दों पर पार्टी का बचाव किया है। केजरीवाल ने खुद के जेल में होने के कारण इस साल 15 अगस्त पर आतिशी को ही झंडा फहराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि उपराज्यपाल ने केजरीवाल के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

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