High Court News: पिता की मौत के 30 साल बाद मांगा नौकरी का हक, हाईकोर्ट ने कहा- अनुकंपा नियुक्ति हमेशा का अधिकार नहीं
High Court News: अनुकंपा नियुक्ति के संंबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है, परिवार के कमाने वाले सदस्य सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के लंबे समय बाद अनुकंपा नियुक्ति नहीं मांगी जा सकती है। यह प्रावधान हमेशा के लिए जारी नहीं रहती। इसके लिए नियम व मापदंड है। तय अवधि के भीतर ही इसके लिए दावा किया जा सकता है।
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High Court News: दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए दावा करने और नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने लिए समय सीमा तय की गई है। तय समय सीमा के भीतर दावा किया जा सकता है और नियुक्ति देने का प्रावधान भी है। सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के लंबे समय बाद परिवार के सदस्य अनुकंपा नियुक्ति को लेकर दावा नहीं कर सकते। यह ऐसा अधिकार नहीं है जो हमेशा के लिए जारी रहे।
मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति एक बहुत ही विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करती है, जो समय के साथ समाप्त हो जाती है। बेच ने कहा, परिवार के कमाने वाले सरकारी कर्मचारी व अधिकारी की आकस्मिक मृत्यु के लंबे समय बाद अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं किया जा सकता। यह अधिकार निरंतर जारी रहने वाला अधिकार नहीं है। तय समय सीमा में और निर्धारित योग्यता के आधार पर ही अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी की जाती है। कोर्ट ने कहा कि यह अधिकारियों को समझना होगा कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद यदि परिवार संकट में है तो उसे तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है। परिवार के सदस्य संकट में है और भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं तो उसे तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
बेंच ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में कार्यरत कांस्टेबल के बेटे द्वारा दायर याचिका को खारिज की, जिनकी मृत्यु 21 सितंबर 1988 को सेवाकाल के दौरान हुई थी। पति की मृत्यु के बाद सितंबर, 2000 में पत्नी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। कांस्टेबल के पद के लिए आवश्यक योग्यता न होने के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। 2018 में बेटे और उसकी मां ने एक बार फिर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। आवेदन में बताया कि बेटा 2014 में वयस्क हो गया था। लेकिन उसके पास कांस्टेबल के पद के लिए आवश्यक योग्यता नहीं थी, इसलिए उसने 2018 में आवेदन किया इससे पहले नहीं। आवश्यक योग्यता ना होने के कारण बेटे सचिन यादव के आवेदन को विभाग ने अमान्य कर दिया था तब बेटे ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बेंच ने कहा- हम याचिकाकर्ता की सहायता करने की स्थिति में नहीं हैं।
डिवीजन बेंच ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य सेवाकाल के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारी के परिवार को तत्काल गरीबी की स्थिति से उबरने में सक्षम बनाना है। यह सर्वविदित है कि अनुकंपा नियुक्ति भर्ती का कोई वैकल्पिक तरीका नहीं है। लिहाजा हम याचिकाकर्ता की सहायता करने की स्थिति में नहीं हैं। इस टिप्पणी के साथ डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है।