Delhi Solar Policy 2024: केजरीवाल सरकार ने किया नई सोलर नीति का ऐलान, बिल आएगा जीरो!

Delhi Solar Policy 2024: दिल्लीवालों के लिए केजरीवाल सरकार ‘दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024’ लेकर आई है. इसके लागू होने से दिल्ली के अंदर आवासीय एरिया में रहने वाले सभी परिवारों का बिजली का बिल जीरो हो जाएगा.

Update: 2024-01-30 10:08 GMT

Delhi Solar Policy 2024: दिल्लीवालों के लिए केजरीवाल सरकार ‘दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024’ लेकर आई है. इसके लागू होने से दिल्ली के अंदर आवासीय एरिया में रहने वाले सभी परिवारों का बिजली का बिल जीरो हो जाएगा. वहीं कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं का बिजली का बिल भी आधा होने की उम्मीद है. इस पॉलिसी से दिल्ली में न सिर्फ महंगाई दर में कमी आएगी, बल्कि वायु प्रदूषण भी कम हो सकेगा. दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने नई पॉलिसी में विस्तार से जानकारी दी.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने सोलर पॉलिसी 2024 को जारी किया है. इससे पहले 2016 में सोलर पॉलिसी जारी की गई थी. इसने दिल्ली में सोलर पावर की बुनियाद रखी. नई पॉलिसी अपनाने वाले आवासीय एरिया के उपभोक्ता का बिजली बिल जीरो आएगा. इसके साथ उन्हें 700 से 900 रुपए तक की अतिरक्ति आमदनी भी होगी. इससे उपभोक्ताओं का 4 साल के अंदर सोलर पैनल का खर्चा वापस आ जाएगा. इस प्रेसवार्ता के दौरान बिजली मंत्री आतिशी के अलावा जस्मीन शाह उपस्थि​त थे.

सीएम ने कहा कि दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024 लागू होने के बाद दिल्ली के सभी आवासीय सेक्टर के लोगों का बिजली बिल जीरो हो सकता है. चाहे आप 800, 1000 या 2000 यूनिट बिजली इस्तेमाल करें, बिल जीरो आएगा. इस पॉलिसी की यह सबसे बड़ी खासियत है.

उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के तहत आवासीय सेक्टर में जो लोग भी अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाएंगे. उन्हें 700 से 900 रुपए प्रति व्यक्ति अतिरिक्त आमदनी होगी. . दिल्ली के लोग अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाते हैं तो उनका बिजली का बिल जीरो होने के साथ 700-900 रुपए अतिरिक्त आदमनी भी होगी.

सीएम केजरीवाल ने कहा, इस पॉलिसी के लागू होने के बाद दिल्ली के अंदर महंगाई दर और भी कम हो जाएगी. हमें उम्मीद है कि इस पॉलिसी के लागू होने के बाद अगले तीन साल के अंदर (2027 तक) दिल्ली में 4500 मेगावॉट सोलर पावर की क्षमता स्थापित हो जाएगी. इसमें से 750 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल छत के ऊपर लगाए जाएंगे, जबकि 3750 मेगावॉट डिस्कॉम बाहर से सोलर पावर खरीदेंगे. आज दिल्ली में 1500 मेगावॉट सोलर पावर की क्षमता है. इससे अगले तीन साल में तीन गुना तक बढ़ाकर 4500 मेगावॉट तक ले जाएंगे.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत जो लोग सोलर पैनल खरीदने में पैसा निवेश करेंगे, वो पैसा चार साल के अंदर वापस आ जाएगा. हमने इस पॉलिसी में कई तरह की सब्सिडी का प्रावधान रखा है. जैसे, आवासीय क्षेत्र में कोई उपभोक्ता 360 यूनिट बिजली इस्तेमाल कर रहा है, तो वो 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है और उसका बिजली का बिल आधा आ रहा है. अगर वो उपभोक्ता दो किलोवॉट का रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाता है तो उसे लगाने में कुल 90 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे. इसके बाद उस उपभोक्ता का बिजली का बिल जीरो आने लगेगा और उसका हर महीने 1370 रुपए बचने लगेंगे. इसके अलावा, दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपए जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव देगी. इससे उस उपभोक्ता की 700 रुपए हर महीने अतिरिक्त आमदनी होने लगेगी. दोनों को मिलाकर उस उपभोक्ता की हर महीने करीब 2000 रुपए की बचत होगी. इस तरह साल भर में 24 हजार रुपए बचेंगे और 4 साल के अंदर 90 हजार रुपए का निवेश रिकवर हो जाएगा. सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं. इसलिए सोलर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार सोलर पॉलिसी 2024 के अंतर्गत 5 तरह के वित्तीय लाभ दे रही है. पहला, अगर आप 3 किलोवॉट क्षमता का सोलर पैनल लगवाते हैं तो उससे पैदा होने वाली बिजली पर दिल्ली सरकार आपके बैंक खाते में 3 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से जमा करेगी. अगर 3 से 10 किलोवॉट क्षमता के सोलर पैनल लगवाते हैं तो 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से पैसा जमा कराया जाएगा. दिल्ली सरकार पांच साल तक यह जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव देती रहेगी. पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ही सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दे रही है. दिल्ली के अलावा किसी और राज्य की सरकार नहीं दे रही है.

सीएम ने बताया कि सोलर पॉलिसी 2016 में भी जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव था, लेकिन उसमें कुछ कमियां थीं. नई पॉलिसी में उन कमियों को दूर कर सरल कर दिया गया है. 2016 की पॉलिसी में एक यह कमी थी कि बिजली पैदा करने की न्यूनतम सीमा तय थी. उतनी बिजली पैदा करने पर ही जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाता था. नई पॉसिली में न्यूनतम सीमा को हटा दिया गया है. अब एक यूनिट बिजली पैदा करने पर भी जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव मिलेगा. दूसरी कमी यह थी कि साल में केवल दो बार जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव आपके खाते में डाला जाता था. लेकिन नई पॉलिसी के तहत अब हर महीने सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों के खाते में प्रति यूनिट के हिसाब से जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव डाला जाएगा.


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